-धर्मशाला ओवर ब्रिज पर बजता रहा एम्बुलेंस का हूटर, नहीं मिला रास्ता

- कोने में खड़ी रहे टै्रफिक पुलिस के कानों के कानों पर नहीं रेंगी जूं

GORAKHPUR: एक तरफ जाम और दूसरी तरफ ट्रैफिक पुलिस की लापरवाही। यह दोनों मुश्किलों के चलते अब लोगों की जान पर बन आई है। सोमवार को धर्मशाला ओवर ब्रिज पर मौत से लड़ रहा एक पेशेंट घंटों जाम में फंसा रहा। एम्बुलेंस का हूटर बजता रहा, लेकिन थोड़ी ही दूर पर मौजूद पुलिस की कानों में जूं तक नहीं रेंगी। आई नेक्स्ट की टीम एम्बुलेंस के पास पहुंची तो अंदर एक गंभीर हाल किडनी पेशेंट था। उसके परिजन घबराए हुए थे और उनके चेहरे पर मायूसी साफ नजर आ रही थी।

जूझते रहे लोग

सोमवार को करीब 12 बजे काली मंदिर से धर्मशाला ओवर ब्रिज के ऊपर तक भीषण जाम का रेला लगा रहा। चार परिया व टू व्हीलर चालक जाम से जूझते रहे। इसी बीच जाम में एक एम्बुलेंस फंस गई। वह रास्ता लेने के लिए एक घंटों तक हूटर बजाती रही लेकिन उसे रास्ता नहीं मिला और न ही प्वाइंट पर तैनात ट्रैफिक पुलिस वालों ने उसकी सुधि ली। यह सब देखकर आई नेक्स्ट रिपोर्टर काफी मशक्कत के बाद एम्बुलेंस के पास पहुंचा। एम्बुलेंस के अंदर महराजगंज के रहने वाले 40 वर्षीय प्रेम चंद्र स्ट्रेचर पर लेटे थे। ऑक्सीजन लगा हुआ था। जब फैमिली मेंबर्स से इसके बारे में बात कि गई तो उन्होंने बताया कि उनकी हालत काफी दिनों से खराब चल रही है। किडनी में प्रॉब्लम है। पीजीआई लखनऊ में इलाज चल रहा था लेकिन हालत में सुधार न होने पर डॉक्टर ने घर ले जाने की सलाह दी। लेकिन फिर भी उन्हें इलाज की बेहद जरूरत थी। इसलिए उन्हें प्राइवेट हॉस्पिटल में भर्ती कराना मजबूरी है।

लगा रहे थे हॉस्पिटल पहुंचने की गुहार

फैमिली वालों ने बताया कि एंबुलेंस से उन्हें राणा हॉस्टिपल ले जा रहे हैं। यह कह कर उनकी आंखो से आंसू टपक पड़े। परिवार के सभी सदस्यों के चेहरे पर घबराहट साफ दिख रही थी। एम्बुलेंस चालक से जल्दी हॉस्पिटल पहुंचाने की गुहार लगा रहे थे। लेकिन भीषण जाम ने सभी सांसें रोक दी थीं। एक घंटे के अथक प्रयास के बाद एम्बुलेंस चालक को किसी तरह रास्ता मिला। लेकिन आगे जाकर फिर जाम से दो चार होना पड़ा।