- एसआरएन हॉस्पिटल में प्राइवेट एम्बुलेंस संचालकों की मनमानी चरम पर

- परेशान हो रहे मरीज, सरकारी एम्बुलेंस की नहीं मिलती सुविधा

ALLAHABAD: एसआरएन हॉस्पिटल के मरीजों को एक साथ कई मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है। प्राइवेट एम्बुलेंस संचालकों की हड़ताल और मनमानी के चलते मरीज और परिजन खून के आंसू रोने को मजबूर हैं। हॉस्पिटल प्रशासन भी इससे अनजान बना हुआ है। मंगलवार को इस मनमानी का शिकार परिजनों को होना पड़ा। मरीज की मौत के बाद पांच घंटे तक बॉडी हॉस्पिटल कैंपस में पड़ रही लेकिन एम्बुलेंस चालकों का दिल नहीं पसीजा।

क्या था मामला

फूलपुर के ब्भ् साल के जीतलाल को सात सितंबर को इलाज के लिए एसआरएन हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। उन्हें मिर्गी की शिकायत बताई जा रही थी। मंगलवार को इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। गायनी डिपार्टमेंट में लाश लेकर परिजन दोपहर क्ख्:फ्0 से शाम भ्:फ्0 बजे के बीच पांच घंटे तक साधन का इंतजार करते रहे लेकिन किसी ने उनकी नहीं सुनी। हॉस्पिटल क पास दो एम्बुलेंस हैं लेकिन कर्मचारियों ने सीएमएस के आदेश का बहाना बनाकर परिजनों को टाल दिया। परिजनों की हालत देखकर आसपास मौजूद लोगों की आंखें भी नम हो गई। परिजनों ने किराए पर टैंपो लाने की कोशिश की लेकिन प्राइवेट एम्बुलेंस वालों ने उनको भी भगा दिया।

दो दिन से चल रहा है ड्रामा

बता दें कि चार दिन पहले आरटीओ ने कार्रवाई करते हुए एसआरएन हॉस्पिटल कैंपस से चार प्राइवेट एम्बुलेंस को कार्रवाई करते हुए जब्त कर लिया था। इसके विरोध में पिछले दो दिनों से प्राइवेट एम्बुलेंस वालों ने हंगामा खड़ा कर रखा है। उनकी दादागिरी के चलते प्राइवेट वाहन वाले भी हॉस्पिटल कैंपस के आसपास फटक नहीं पा रहे हैं। खुद प्राइवेट एम्बुलेंस हड़ताल पर हैं। हॉस्पिटल की सरकारी एम्बुलेंस आसानी से मिलती नहीं है। ऐसे में परिजनों ने जिला प्रशासन से इनके खिलाफ कार्रवाई किए जाने की मांग की है।