लापरवाही

स्लग: रिम्स में इलाज कराने दूर-दूर से आते हैं मरीज, लाने-ले जाने की सुविधा नहीं

-2011 में नेशनल गेम्स के समय मिलीं थीं कार्डियक एंबुलेंस, आम मरीजों को सुविधा नहीं

-नई एंबुलेंस भी कैंपस की बढ़ा रही शोभा, दो एंबुलेंस पावर ग्रिड ने किया गिफ्ट

Figures speak

4 कार्डियक एंबुलेंस

2 बड़े एंबुलेंस

1 सुमो एंबुलेंस

2 मारुति वैन एंबुलेंस

1 माच्र्युअरी वैन

RANCHI (27 Oct): राज्य के सबसे बड़े हॉस्पिटल रिम्स में मरीज दूर-दूर से इलाज कराने के लिए आते हैं। लेकिन हास्पिटल में जब मरीज को लाने-ले जाने की बात आती है, तो रिम्स की बड़े एंबुलेंस लोगों को नहीं मिल पाती। वहीं, छोटी एंबुलेंस रांची से बाहर जाने के लिए बुक ही नहीं की जातीं। इसकी वजह बड़ी एंबुलेंस का आजतक रिम्स प्रबंधन रेट तय नहीं किया जाना है। ऐसे में मरीजों के परिजनों को प्राइवेट एंबुलेंस का सहारा लेना पड़ रहा है। इस चक्कर में परिजनों की जेब खाली हो जाती है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या एंबुलेंस के कबाड़ में तब्दील होने के बाद इसका रेट तय किया जाएगा?

कैंपस की शोभा बढ़ा रहीं एंबुलेंस

रेट तय किए जाने के इंतजार में करीब 2011 से ही चार कार्डियक एंबुलेंस रिम्स कैंपस की शोभा बढ़ा रही हैं। ये एंबुलेंस सिटी में वीआइपी मूवमेंट के दौरान ही ड्यूटी पर तैनात होती हैं। लेकिन आम मरीजों को आजतक इस एंबुलेंस का लाभ नहीं मिल पाया है। वहीं दो और बड़ी एंबुलेंस इस बेड़े में शामिल हो गई हैं। जो पावर ग्रिड की ओर से रिम्स को दी गई हैं। ये दोनों एंबुलेंस भी रिम्स कैंपस के पार्किग रेट तय होने के इंतजार में हैं।

बॉक्स।

सांसद नथवाणी ने दी थी कार्डियक एंबुलेंस

राज्यसभा सांसद परिमल नथवाणी ने अपने फंड से रिम्स प्रबंधन को एक कार्डियक एंबुलेंस दी थी। इसमें हार्ट अटैक व दिल की गंभीर बीमारी वाले मरीजों की जान बचाने के लिए सारी सुविधाएं मौजूद हैं। इसके बावजूद ये एंबुलेंस पार्किग में खड़ी रहती है। अगर इस एंबुलेंस को आम पब्लिक के लिए चालू कर दिया जाए तो गंभीर मरीजों को समय पर हास्पिटल लाया जा सकेगा।

People connect

हास्पिटल मैनेजमेंट को मरीजों की परेशानी समझनी चाहिए। अगर उन्हें सरकारी रेट पर कार्डियक एंबुलेंस मिलने लगी तो तत्काल ट्रीटमेंट शुरू होगा और उनकी जान भी बचाई जा सकती है। प्राइवेट एंबुलेंस वाले इसी का फायदा उठाकर लोगों को लूट रहे हैं।

आशुतोष सिंह

करोड़ों रुपए की एंबुलेंस को केवल दिखाने के लिए रखा गया है। अगर इसे लोगों के लिए चालू कर दिया जाए तो काफी राहत मिलेगी। इससे सस्ती दर पर लोगों को सुविधाओं से लैस एंबुलेंस मिलेगी। तुरंत सुविधा मिलने से मरीज को बचाया जा सकता है।

फिरोज रंगरेज

सभी एंबुलेंस लोगों के लिए चालू कर देनी चाहिए। इसके लिए मैनेजमेंट को तत्काल रेट तय करके मरीजों को इसका लाभ देना चाहिए। ताकि किसी मरीज को तत्काल आपरेशन की भी जरूरत पड़े तो इस एंबुलेंस से राहत मिल सके।

राहुल

वर्जन

अभी मैं रांची से बाहर हूं। एंबुलेंस के रेट को लेकर फिलहाल जानकारी नहीं है। रांची आने के बाद इस मामले में जानकारी ली जाएगी।

-डॉ। एसके चौधरी, सुपरिंटेंडेंट, रिम्स