गरीबी में जिए इस लेखक ने आज मुंबई में बेघर बच्‍चों के लिए खोला बॉम्बे टू बार्सिलोना लाइब्रेरी कैफे

8 भाषाओं में पुस्तक:

अमीन शेख आज दुनिया के बड़े लेखकों व प्रकाशकों में शामिल हैं। उनकी लिखी पुस्तक बॉम्बे लाइफ इज लाइफ: आई बिकॉज ऑफ यू...काफी फेमस है। 2012 में आई यह पुस्तक अब तक करीब 8 भाषाओं में छप चुकी है। इस पुस्तक के देश से लेकर विदेश तक बड़ी सख्ंया में पाठक हो चुके हैं। इसमें अमीन ने अपने जीवन की दास्तां को बेहद ही बारीकी से लिखा है। इसके अलावा अभी बीते 15 अगस्त को अमीन ने मुंबई में बॉम्बे टू बार्सिलोना नाम से एक लाइब्रेरी कैफे खोला है। यह कैफे गरीब बच्चों के लिए खोला गया है।

गरीबी में जिए इस लेखक ने आज मुंबई में बेघर बच्‍चों के लिए खोला बॉम्बे टू बार्सिलोना लाइब्रेरी कैफे

गरीब बच्चों को मदद:
इससे सड़क पर रहने वाले बच्चों को अपने पैरों पर खड़े होने में मदद मिलेगी। इसके अलावा उन्हें यहां पर बेहतर खान पीना भी मिलेगा। इस लाइब्रेरी कैफे में बच्चों को अच्छी से अच्छी शिक्षा दिलाई जाएगी। इतना ही नहीं यह युवा कलाकारों के लिए एक प्लेटफॉर्म के तौर पर इस्तेमाल होगा। जहां पर वो ना सिर्फ अपनी कला का बल्कि अपनी योग्यता का परिचय दूसरे लोगों को करा सकेंगे। ऐसे में इस बड़ी उपलब्धि के बारे में अमीन का कहना है कि वह नहीं चाहते हैं कि उन्होंने जो जिंदगी सड़कों पर झेली है वह दूसरे भी झेलें।

गरीबी में जिए इस लेखक ने आज मुंबई में बेघर बच्‍चों के लिए खोला बॉम्बे टू बार्सिलोना लाइब्रेरी कैफे

चोरी, जूता पॉलिश की:

बच्चों का दिल बेहद मासूम होता है। अमीन ने अपने बचपन में चोरी की, जूतों में पॉलिश की व जूठे बर्तन तक धोए हैं। उनका कहना है कि 1985 में वह बचपन में एक चाय की दुकान पर कप धुलते थे तभी एक कप टूट गया तो उन्हें लगा कि अब दुकान दार से लेकर घरवाले सभी डाटेंगे तो वह यहीं से भाग गए। बुरे हालातों में दिन गुजारने वाले अमीन को एक एक स्वंय सेवी संस्था ‘स्नेहसदन’ की सिस्टर ने सहारा दिया। उन्होंने अमीन को पढ़ाने की काफी कोशिश की लेकिन अमीन का मन पढाई में ज्यादा नहीं लगा।

गरीबी में जिए इस लेखक ने आज मुंबई में बेघर बच्‍चों के लिए खोला बॉम्बे टू बार्सिलोना लाइब्रेरी कैफे

बार्सिलोना मन को भाया:
इसके बाद अमीन ड्राइवरी सीख कर वहीं स्नेह सदन के करीब एक बड़े घर पर गाड़ी चलाने लगे। 18 साल की उम्र में उनकी लगन और मेहनत को देखते हुए उनके मालिक ने स्नेह ट्रैवल के नाम से एक ट्रैवल कंपनी खोली। हालांकि इस बीच अमीन को बार्सिलोना जाने का मौका मिला तो उन्होंने यहां का नजारा बिल्कुल बदला हुआ देखा। यहां पर कोई बच्चा सड़क पर फटेहाल जिंदगी नहीं गुज़ारता दिखा। सभी लोग यहां काफी मददगार और जिंदादिल स्वभाव को दिखे। यहां का नजारा उनके दिल को छू गया।

गरीबी में जिए इस लेखक ने आज मुंबई में बेघर बच्‍चों के लिए खोला बॉम्बे टू बार्सिलोना लाइब्रेरी कैफे

दिन रात मेहनत कर रहे:
जिस पर अमीन ने वापस आकर अपने यहां भी कुछ ऐसा ही माहौल बनाने का निर्णय लिया। इसके बाद ही उन्होंने अपने जीवन पर पुस्तक भी लिखी थी। आज वह समाज के लिए दिन रात मेहनत भी कर रहे हैं। सोशल मीडिया फेसबुक, ट्विटर हर जगह एक्टिव रहने वाले अमीन ने अब तक शादी नहीं की है। वह अपनी छोटी बहन के साथ काफी खुश हैं। उनक नाम आज एक  आत्मनिर्भर व्यक्ति, लेखक व उद्यमी के रूप में लिया जाता है। उनका सपना है कि जैसा बचपन उन्होंने जिया है वैसा कोई और बच्चा न जिए।

 

Interesting News inextlive from Interesting News Desk

Interesting News inextlive from Interesting News Desk