RANCHI: झारखंड के युवा आदिवासी पत्रकार अमित टोपनो की हत्या के करीब 40 दिनों बाद भी गुत्थी अनसुलझी है। खूंटी जिले के तपकारा के निचितपुर गांव के रहने वाले अमित टोपनो को 9 दिसंबर 2018 को अज्ञात अपराधियों ने गोली मार दी थी। इसके बाद सुबह अमित टोपनो का शव डोरंडा थाना क्षेत्र के घाघरा से सड़क किनारे बरामद हुआ था। दिवंगत पत्रकार के परिजनों का कहना है कि पुलिस हत्याकांड की जांच में सुस्ती दिखा रही है। जबकि पुलिस का कहना है कि जल्द ही अमित टोपनो हत्याकांड का खुलासा हो जाएगा।

पत्थलगड़ी का वीडियो लाया था सामने

हत्या से कुछ दिनों पहले तक अमित टोपनो रांची के न्यूज पोर्टल में काम करते थे। पिछले साल खूंटी में हुए पत्थलगड़ी आंदोलन में अमित टोपनो ने साहसी पत्रकारिता का परिचय देते हुए कई एक्सक्लूसिव वीडियो सामने लाया था। हालांकि, जिस वक्त उनकी हत्या हुई वो ओला कैब सर्विस में बतौर ड्राइवर काम कर रहे थे।

पुलिस जांच में दिखा रही सुस्ती- परिजन

मृतक टोपनो के परिजनों ने जांच पर असंतुष्टि जताते हुए कहा कि अमित की हत्या एक साजिश के तहत की गई है। हत्याकांड को एक महीने से ज्यादा होने को आए लेकिन पुलिस इस मामले में अभी तक हत्यारों को गिरफ्तार नहीं कर पाई है। पुलिस अमित की हत्या कांड की जांच में सुस्ती दिखा रही है।

स्वतंत्र समिति गठित कर हो जांच

मीडिया पर नजर रखने वाली एक संस्था ने झारखंड में आदिवासी समुदाय के एक पत्रकार की हत्या की जांच के लिए एक स्वतंत्र समिति गठित करने की मांग की थी। संस्था का दावा है कि इस मामले में पुलिस जांच रुक गयी है। संस्था 'रिपोर्टर विदऑउट बॉर्डर' नामक संस्था ने बयान जारी कर कहा कि अमित टोपनो हत्या मामले में स्थानीय पुलिस की जांच रुक गयी है। द रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर' के एशिया-प्रशांत डेस्क के प्रमुख डेनियल बस्टर्ड ने कहा कि टोपनो की रिपोर्टिंग से कुछ लोग नाराज थे और जांचकर्ताओं को इस बात पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है कि उनकी हत्या पत्रकार के तौर पर उनके काम को लेकर की गई है।

विधानसभा में भी उठा था मामला

29 दिसंबर 2018 को पिछले विधानसभा सत्र के दौरान विधायक अरूप चटर्जी ने विधानसभा में अमित टोपनो हत्याकांड का मामला उठाया था। अरूप चटर्जी ने हत्याकांड की जांच में पुलिस द्वारा शिथिलता बरतने का आरोप लगाया था। इस पर सरकार ने कहा था कि हत्याकांड की जांच के लिए जल्द ही एसआईटी का गठन किया जाएगा। इस कांड की ठोस जांच के लिए डीआईजी को सुपरविजन की जिम्मेदारी सौंपी जा रही है।

वर्जन

मामले का अनुसंधान जारी है। इस बारे में ज्यादा कुछ डिटेल नहीं दे सकते हैं। लेकिन जल्द ही मामले का खुलासा हो जाएगा।

एवी होमकर, डीआईजी, रांची