नई दिल्ली (एएनआई)। अरुणाचल प्रदेश में लापता हुए एएन -32 विमान के बार में इंडियन एयरफोर्स ने गुरुवार को ट्वीट कर कहा कि विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने से उसमें सवार कोई भी शख्स नहीं बचा है। एयरफोर्स ने इसके अलावा और भी कई ट्वीट किए हैं। इंडियन एयरफोर्स ने एक अन्य ट्वीट में कहा कि भारतीय वायुसेना 3 जून को हुए एएन-32 विमान के क्रैश होने में प्राण गंवाने वाले बहादुरों को वायुसेना श्रद्धांजलि देती है। वायुसेना इस दुख की घड़ी में उनके परिवारों के साथ है।
विमान क्रैश में जान गवांने वालों में ये लोग
इंडियन एयरफोर्स के एक ट्वीट में विमान क्रैश में जान गवांने वालों के नाम भी ट्वीट किए। इसमें विंग कमांडर जी एम चार्ल्स, स्क्वाड्रन लीडर एच विनोद, फ्लाइट लेफ्टिनेंट आर थापा, फ्लाइट लेफ्टिनेंट ए तंवर, फ्लाइट लेफ्टिनेंट एस मोहन्ती, फ्लाइट लेफ्टिनेंट एम के गर्ग, वॉरंट ऑफिसर केके मिश्रा, सार्जेंट अनूप कुमार, कॉरपोरल शेरिन, लीड एयरक्राफ्ट मैन एसके सिंह, लीड एयरक्राफ्ट मैन पंकज, नॉन-कॉम्बैटेंट एम्प्लॉयी पुताली और नॉन-कॉम्बैटेंट एम्प्लॉयी राजेश कुमार शामिल है।
अाठ सदस्यीय रेस्क्यू टीम गुरुवार सुबह पहुंची
इंडियन एयरफोर्स की रेस्क्यू टीम के अाठ सदस्य गुरुवार सुबह क्रैश साइट पर पहुंच चुके हैं। यहां माैसम काफी खराब है। वायु सेना के सूत्रों ने आज कहा कि अरुणाचल प्रदेश में एएन -32 विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने के पीछे बादलों का अवरोध कारण हो सकता है। विमान का क्रैश पॉइंट बादलों के काफी करीब दिख रहा है। हालांकि एयरफोर्स अभी इस बात की जांच रही है। जोरहाट से उड़ान भरने वाला एएन -32 विमान 3 जून को 13 आईएएफ कर्मचारियों संग अरुणाचल प्रदेश के मेचुका से लापता हुआ था।
टीम दुर्घटनास्थल तक नहीं पहुंच पाई
वहीं बता दें कि रक्षा सूत्रों ने बुधवार को कहा था कि साइट में संभावित बचे लोगों की तलाश के लिए हेलीकॉप्टरों के सहारे 15 पर्वतारोहिओं द्वारा चलाया जा रहा तलाशी अभियान पूरा हो गया है। हालांकि, टीम अभी तक खराब मौसम और इलाके के लिए दुर्घटनास्थल तक नहीं पहुंच पाई है। बुधवार को एयरफोर्स ने दो हेलीकॉप्टरों में अरुणाचल में दुर्घटनास्थल के पास के 8 से 10 लोगों को एयरड्रॉप किया था। इसके अलावा दुर्घटनास्थल के पास सेना और सिविल पर्वतारोहियों की टीम भी पहुंची थी।
IAF के लापता AN-32 विमान का मलबा मिला अरुणाचल प्रदेश में
एयरफोर्स के 10 से अधिक विमान इस साल क्रैश
खोज अभियान में सुखोई -30 एमकेआई विमान, सी -130 जे स्पेशल ऑपरेशंस प्लेन, यूएवी, नौसेना पी -8 आई विमान, एविएशन रिसर्च सेंटर के ग्लोबल- 5000, इसरो और एनटीआरओ उपग्रहों का उपयोग किया गया है। फाइनली मंगवलार को विमान का मलबा दिख गया था। एमआई-17 हेलीकॉप्टर ने विमान का मलबा लिपो से 16 किमी उत्तर में 12 हजार फुट की ऊंचाई पर होने का पता लगाया था। एयरफोर्स के 10 से अधिक विमान इस साल अलग-अलग तरीके से क्रैश हुए हैं।
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