- करीब 12.5 लाख शस्त्र लाइसेंस के साथ यूपी देश में पहले नंबर पर
- पूर्ववर्ती सरकारों ने दिल खोलकर दिए लाइसेंस, हाईकोर्ट ने कसे थे पेंच
- लाइसेंस पर रोक हटने से फिर मचेगी होड़, डीएम की बढ़ेगी मुश्किल
ashok.mishra@inext.co.in
LUCKNOW:
लाइसेंसी असलहा रखना यूपी के लोगों का पहला शौक बन चुका है। आपको शायद यह जानकर हैरत होगी कि देश में सर्वाधिक शस्त्र लाइसेंस धारक यूपी में हैं। करीब 12.72 लाख शस्त्र लाइसेंस ने अक्सर सरकार की मुश्किलों को बढ़ाया है और अगर हाईकोर्ट ने इस पर रोक न लगाई होती तो हालात ज्यादा बदतर हो सकते थे। फिलहाल सूबे के हर दो सौ व्यक्तियों में एक शस्त्र लाइसेंस का पहले से होना और अब लाइसेंस जारी करने पर लगी रोक का हटना पुलिस विभाग की भी मुश्किलों को भी बढ़ा सकता है। साथ ही जिलों के डीएम को लाइसेंस जारी करने के लिए खासे सियासी दबाव का सामना भी करना पड़ेगा। जल्द ही इसके बुरे नतीजे सामने आने लगे तो हैरत की बात नहीं होगी।
यूआईएन के बाद सामने आया सच
दरअसल केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देश के बाद पूरे देश में शस्त्र लाइसेंस का यूआईएन नंबर जारी करने के आदेश के बाद जब पुराने दस्तावेजों को खंगाला गया तो यह कड़वा सच सामने आया। पता चला कि पूर्ववर्ती सरकारों ने दिल खोलकर शस्त्र लाइसेंस बांटे। जितने लाइसेंसी असलहे यूपी में हैं उसके आधे दुनिया की सर्वाधिक आबादी वाले चीन में भी नहीं है। इनमें भी तहजीब के शहर लखनऊ का नाम सबसे आगे है। प्रदेश में सबसे ज्यादा शस्त्र लाइसेंस लखनऊ में जारी किए गये हैं जबकि हजारों की तादात में शस्त्र लाइसेंस के आवेदन कलेक्ट्रेट की अलमारियों में धूल खा रहे हैं। हर्ष फायरिंग को लेकर हाईकोर्ट में दायर एक याचिका के बाद वर्ष 2013 में यूपी में शस्त्र लाइसेंस जारी करने पर रोक तो लगी, इसके बावजूद अक्टूबर 2013 से लेकर मई 2017 के बीच करीब 18 हजार नये शस्त्र लाइसेंस जारी कर दिए गये। ये लाइसेंस अधिकांश संस्थागत, बैंक की सुरक्षा, विरासत, वृद्ध हस्तांतरण, आत्मसुरक्षा के आधार पर दिए गए जिसके लिए कोर्ट ने अनुमति दी थी। हालांकि कुछ जगहों पर चूक मिलने पर संबंधित जिले के डीएम से जवाब-तलब भी किया गया था।
कम हो गये एक लाख लाइसेंस
खास बात यह है कि जब राज्य सरकार ने गृह मंत्रालय के निर्देश पर शस्त्र लाइसेंस के लिए यूआईएन नंबर जारी करने की प्रक्रिया शुरू की तो करीब एक लाख लाइसेंस ऐसे मिले जो दूसरे राज्यों से बने थे और उन्हें बाद में यूपी में ट्रांसफर करा लिया गया था। इसमें शस्त्र विक्रेताओं के साथ जिलों के प्रशासनिक अधिकारियों की संदिग्ध भूमिका का भी पता लगा था। गृह विभाग ने सख्ती बरती तो तमाम ऐसे लाइसेंस निरस्त कर दिए गये। इसके बावजूद यूपी में कुल शस्त्र लाइसेंसों की संख्या शासन की परेशानी बढ़ाने वाली थी। करीब पांच साल तक हाईकोर्ट की रोक ने शस्त्र लाइसेंस लेने की होड़ पर काफी हद तक काबू पाने में सफलता पाई थी।
फैक्ट फाइल
- 12.72 लाख शस्त्र लाइसेंस हैं यूपी में
- 33.69 लाख कुल लाइसेंस पूरे देश में
- 12.5 लाख के करीब लाइसेंसी असलहे
- 2013 में हाईकोर्ट ने लगाई थी लाइसेंस पर रोक
- 18 हजार लाइसेंस जारी किए गये रोक के बाद
इन जिलों में सबसे ज्यादा शस्त्र लाइसेंस
लखनऊ 56476
इलाहाबाद 52104
बरेली 46595
आगरा 45396
अलीगढ़ 33989
बुलंदशहर 31808
शाहजहांपुर 36582
हरदोई 32340
मैनपुरी 24189
फिरोजाबाद 24030
सीतापुर 29748
कानपुर नगर 27459
लखीमपुर खीरी 27398
कोर्ट की रोक के बाद जारी लाइसेंस
लखनऊ 949
आगरा 901
फिरोजाबाद 840
मैनपुरी 814
शाहजहांपुर 823
एटा 669
इलाहाबाद 653
फतेहपुर 637
खीरी 526
नोट- डाटा यूआईएन के लिए संकलित रिपोर्ट के मुताबिक