आस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, चाइना, नार्थ अमेरिका व कनाडा में दिया आध्यात्मिक ज्ञान

ALLAHABAD: विदेशों में रहने वाले भारतीय भी पाश्चात्य संस्कृति के आदी हो चुके हैं। अपनी भारतीय संस्कृति की जड़ों से कोसों दूर चले गए हैं। ऐसा लगा कि उनके मन में आध्यात्मिकता का कोई स्थान ही नहीं रह गया है। इसे देखकर ही निश्चय किया कि विदेशों में जाकर बस गए भारतीयों को अध्यात्म और अपनी संस्कृति के प्रति इनके मन में ऊर्जा का नए रूप में संचार करना होगा। इसीलिए श्रीमद्भागवगीता यह बातें योग गुरु आनंद गिरि ने शुक्रवार को अपने ढ़ाई महीने के विदेश प्रवास से वापस इलाहाबाद आने पर बताई।

उन्होंने बताया कि ढ़ाई महीने के प्रवास के दौरान आस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, चाइना, नार्थ अमेरिका व कनाडा की यात्रा की। इन देशों में भारतीयों को यज्ञ और अनुष्ठान से होने वाले आध्यात्मिक लाभ का महत्व समझाया। चारों वेदों का सार बताया और भागवदगीता में निहित असीम ऊर्जा को जीवन में ग्रहण करने का उपदेश दिया।

ग्लोबल गुरु की उपाधि से सम्मानित

आध्यात्मिक यात्रा के अंतिम पड़ाव में आनंद गिरि कनाडा गए थे। जहां सरकार ने उन्हें भारतीय संस्कृति का प्रचार-प्रसार विश्व स्तर पर करने के लिए ग्लोबल गुरु की उपाधि से सम्मानित किया गया।

भक्तों ने किया भव्य स्वागत

कनाडा से होकर योग गुरु शुक्रवार को इलाहाबाद पहुंचे। यहां पहुंचने पर कौशाम्बी से सांसद विनोद सोनकर व विधायक संजय गुप्ता ने उनका माल्र्यापण कर भव्य स्वागत किया। स्वागत करने वालों में विजय द्विवेदी, अनुराग संत, आदित्य मिश्रा, संदीप तिवारी, प्रदीप तिवारी आदि मौजूद रहे।