दून अस्पताल में सर्जरी के लिए 1 माह तक की वेटिंग

2 एनथेटिस्ट के भरोसे ओटी, मरीज हो रहे परेशान

- बिना सर्जरी के लौटना पड़ रहा मरीजों को

देहरादून, दून मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में मरीजों की जान एनेस्थेटिस्ट्स के इंतजार में फंसी है। हॉस्पिटल में महज दो एनस्थेटिस्ट कार्यरत है, वह भी परमानेंट नहीं है। एक शिफ्ट में एक एनस्थेटिस्ट ही तैनात रहता है, ऐसे में सर्जरी के लिए पेशेंट्स को एक माह तक की वेटिंग पर रखा जा रहा है। पिछले तीन माह से हॉस्पिटल की व्यवस्था इसी ढर्रे पर चल रही है। लंबी वेटिंग को देखते हुए दूर-दराज के पेशेंट्स को तो बैरंग ही लौटना पड़ रहा है।

3 माह से सर्जरी में दिक्कत

दून अस्पताल की व्यवस्थाएं लगातार बद से बदहाल होती जा रही हैं। प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्रालय की जिम्मेदारी खुद सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत के पास है, इसके बावजूद अस्पताल की व्यवस्थाएं पटरी से उतर चुकी हैं। पिछले तीन माह से सर्जरी को लेकर अस्पताल में दिक्कत बनी है। इमरजेंसी ऑपरेशन को छोड़कर हड्डी, न्यूरो, ईएनटी और सामान्य सर्जरी ठप है।

दो एनस्थेटिस्ट्स के भरोसे ओटी

दून हॉस्पिटल में यूं तो 5 एनस्थेटिस्ट्स तैनात हैं, लेकिन इनमें से तीन हर समय महिला विंग में तैनात रहते हैं। प्रसूति मामलों को देखते हुए वहां से एनस्थेटिस्ट्स दून हॉस्पिटल में तैनात नहीं किए जा सकते। दून हॉस्पिटल में एक शिफ्ट में एक ही एनस्थेटिस्ट तैनात रहता है, जबकि सर्जरी के मामले काफी ज्यादा आते हैं। ऐसे में लिमिटेड पेशेंट्स की ही सर्जरी हो पाती है और बाकी को वेटिंग पर रखा जाता है।

केस 1-

कब दूर होगा पथरी का दर्द

धनौल्टी से 15 दिन पहले एक 26 साल की युवती को पथरी के दर्द के चलते परिजन दून अस्पताल लाए। डॉक्टरर्स ने चेकअप करने के बाद अल्ट्रासाउंड करवाने को कहा, अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट में पथरी की पुष्टि होने पर डॉक्टर ने ऑपरेशन की सलाह दी। लेकिन जब परिजन डॉक्टर के बुलावे पर अस्पताल पहुंचे तो यह कहकर मरीज को लौटा दिया कि ऑपरेशन नहीं हो सकता है। कर्मचारी छुट्टी पर चले गए हैं। थक हार कर परिजन मरीज को वापस घर ले गए।

केस 2-

सर्जरी के लिए लगाने पड़े चक्कर

पिछले शनिवार को मसूरी से 22 वर्षीय युवती को दून अस्पताल में भर्ती कराया गया। डॉक्टर ने मरीज के घुटने में दिक्कत बताई और कहा कि ऑपरेशन करना पड़ेगा। 2-3 दिन तक डॉक्टरों ने डेट ही नहीं दी, पहले गुरुवार को बुलाया, लेकिन ऑपरेशन नहीं हुआ। इसके बाद शुक्रवार को ऑपरेशन किया गया।

3-

इंतजार करवाया, सर्जरी नहीं की

पेशाब में जलन की शिकायत लेकर उत्तरकाशी से 36 वर्षीय व्यक्ति को परिजनों ने दून अस्पताल में इलाज करवाने के लिए लाए। डॉक्टर ने पूरी जांच करने के बाद ऑपरेशन करने को कहा। परिजनों ने भर्ती करने को कहा तो अस्पताल ने 1-2 दिन का इंतजार करने को कहा। परिजन ने बाहर कमरा लेकर इलाज करवाया। लेकिन कुछ दिनों बाद डॉक्टरों ने ऑपरेशन करने में असमर्थता जता दी। मरीज को वापस लौटना पड़ा।

क्या कहते हैं अफसर

राजकीय दून मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ। प्रदीप भारती गुप्ता ने बताया कि पिछले दिनों बजट न होने की वजह से कई कर्मचारी नौकरी छोड़कर चले गए। लेकिन अब शासन ने अस्पताल के लिए बजट दे दिया है। ऐसे में जल्द ही व्यवस्थाओं को सुधारने का दावा किया है। डा। प्रदीप भारती ने कहा कि अस्पताल में एनएचएम के माध्यम से नए कर्मचारियों की भी भर्ती होगी। साथ ही जो कर्मचारी कार्यरत हैं उनको परमानेंट करने की भी कोशिश की जा रही है।