- गुलदार के हमले में मारी गई किशोरी का किया अंतिम संस्कार

- किशोरी की मौत के दूसरे दिन भी लोगों ने जमकर किया हंगामा

- वन विभाग व एफआरआई प्रशासन के खिलाफ की जमकर नारेबाजी

DEHRADUN : एफआरआई में गुलदार के हमले से मारी गई किशोरी का मंडे को टपकेश्वर स्थित शमशान घाट पर अंतिम संस्कार किया गया। इससे पूर्व गुस्साए लोगों ने किशोरी की मौत के लिए वन विभाग व एफआरआई को जिम्मेदार ठहराते हुए जमकर प्रदर्शन किया और डायरेक्टर एफआरआई का घेराव किया। डायरेक्टर एफआरआई ने पीडि़त परिवार की हर संभव सहायता का आश्वासन दिया। वहीं वन विभाग ने गुलदार को आदमखोर घोषित कर उसे मार गिराने की तैयारी शुरू कर दी है। जिसके लिए शिकारियों की एक टोली ने भी एफआरआई में डेरा डाल दिया है।

घर के बाहर से उठाया

दरअसल, शनिवार शाम करीब सात बजे एफआरआई गेट नंबर नौ के समीप रहने वाली क्म् वर्षीय समीक्षा फोन करने के लिए घर से बाहर निकली। इसी दौरान पास ही झाडि़यों में छिपे गुलदार ने उस पर हमला बोल दिया। घटना के वक्त समीक्षा के पिता दलबहादुर व मां शशि घर पर मौजूद नहीं थी। समीक्षा को छुड़ाने के लिए उनका पालतू कुत्ता गुलदार पर झप्पटा तो गुलदार ने समीक्षा को छोड़ कुत्ते पर हमला बोल दिया।

समीक्षा की गर्दन टूट चुकी थी

हो हल्ला होने पर गुलदार दोनों को छोड़ जंगल की तरफ भाग निकला। लोगों ने गंभीर हालत में समीक्षा को अस्पताल में दाखिल कराया, जहां डॉक्टर्स ने उसे मृत घोषित कर दिया। गुलदार के हमले से समीक्षा की गर्दन टूट चुकी थी। समीक्षा की मौत से गुस्साए लोगों ने देर रात तक एफआरआई में हंगामा कर डायरेक्टर पीपी भोजवैद्य का घेराव किया। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए दून अस्पताल की मोर्चरी में रखा था। ऐतिहात के तौर पर एफआरआई में पुलिस बल तैनात किया गया था।

गुस्साए लोगों ने किया प्रदर्शन

संडे को पोस्टमार्टम के बाद शव मिलते ही उसका अंतिम संस्कार किया जाना था, जिसके लिए घर पर सुबह से ही लोग जुटने शुरू हो गए। स्थिति यह थी कि एक तरफ अंतिम संस्कार की तैयारियों की जा रही थी, वहीं दूसरी तरफ लोग समीक्षा की मौत के लिए वन विभाग और एफआरआई प्रशासन को जिम्मेदार ठहरा रहे थे, लेकिन ग्यारह बजे के बाद गुस्साए लोगों ने वन विभाग के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। आरोप लगाया कि समीक्षा की मौत के लिए वन विभाग और एफआरआई प्रशासन जिम्मेदार है। बाद में प्रदर्शनकारियों ने डायरेक्टर एफआरआई पीपी भोजवैद्य का घेराव कर पीडि़त परिवार के एक सदस्य को सरकारी सेवा में रखे जाने की मांग की। जिस पर पीपी भोजवैद्य ने अपने स्तर पर हर संभव प्रयास किए जाने की बात कही।

शिकारियों के आने पर हुए शांत

शव को अंतिम संस्कार के लिए टपकेश्वर स्थित शमशान घाट ले जाया गया। इसी बीच वन विभाग की टीम भी शिकारियों के साथ मौके पर पहुंची। शिकारियों ने जल्द गुलदार को मार गिराने का आश्वासन देकर लोगों से धरना प्रदर्शन बंद करने की अपील की। तर्क दिया कि भीड़ होने पर गुलदार क्षेत्र में मूव करने से बचेगा, जिस कारण उसे ट्रेस किया जाना असंभव है। ऐसे में लोग भी मौके से चलते बने, जिसके बाद दिनभर चल रहा प्रदर्शन शांत हुआ।