‘डोंट फीड एंड टीज एनिमल्स’


जू डॉक्टर आरके सिंह ने बताया कि जू में कई जगह ‘डोंट फीड एंड टीज एनिमल्स’ के बोर्ड लगाए गए हैं। फिर भी प्रॉब्लम का कोई सॉल्यूशन नहीं निकल रहा है। ऐसी घटनाओं की वजह से कई बार एनिमल्स बीमार पड़ते हैं और बड़ी घटना होने का डर रहता है। आरके सिंह ने बताया कि कर्मचारियों ने कई बार शरारती तत्वों को पकड़ा है, लेकिन वे लड़ाई करने लग जाते हैं। उन्होंने कहा कि इतने बड़े जू में सब को वॉच करना मुश्किल है इसलिए लोगों को खुद अवेयर होने की जरूरत है।

कोई ब्योरा नहीं

आई नेक्स्ट रिपोर्टर ने जू डायरेक्टर के। थॉमस से जब पिछले एक साल में एनिमल टीजिंग पर लिए गए एक्शन का ब्योरा मांगा तो डायरेक्टर ने कहा ऐसा कोई आंकड़ा नहीं है। उन्होंने कहा कि पहले स्टॉफ की कमी थी इसलिए इस पर नजर नहीं रखी जा पा रही थी। थॉमस ने बताया कि इस समस्या को रोकने के लिए पिछले दिनों मीटिंग बुलाई थी। जिसमें रेंज ऑफीसर्स को जू में डेली चेकिंग करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे शरारती तत्वों पर अभी 250 रुपए जुर्माना लगाया जाएगा। इसके बाद ये सजा जेल में भी तब्दील की जाएगी।

ऐसे करते हैं परेशान

जू विजिटर्स एनिमल्स को देखने तो जाते हैं, लेकिन उन्हें कई तरह से परेशान भी करते हैं। विजिटर उनको पत्थर मारने के साथ जोर-जोर से चिल्लाकर बुलाते हैं। इससे एनिमल्स डिस्टर्ब होते हैं। जू डॉक्टर्स के मुताबिक शरारती तत्व कई बार एनिमल्स को बाहरी चीज खिला देते हैं जिससे उनकी हेल्थ पर बुरा असर पड़ता है। उन्होंने बताया कि इसी वजह से कई बड़ी घटनाएं भी हुई हैं।

क्या है नियम
वाइल्ड लाइफ कंजरवेटिव एक्ट 1972 की सेक्शन 38 (जे) के तहत कोई भी व्यक्ति किसी एनिमल या बर्ड को न तो तंग करेगा, न क्षति
पहुंचाएगा। एनिमल्स के सामने शोर मचाना और उन्हें खाना खिलाना भी मना है। जू परिसर में गंदगी फैलाने पर भी रोक है. 

क्या है जुर्माना
एक्ट का उल्लंघन करते हुए पाए जाने पर 6 माह की जेल व 2000 रुपए जुर्माना या दोनों की सजा हो सकती है।


'स्टॉफ की कमी की वजह से समस्या बढ़ रही है। मैने कुछ दिनो पहले ही रेंजर के साथ मीटिंग की है। इस समस्या को सख्ती से रोका जाएगा.'
के थॉमस, जू डायरेक्टर