-रोजाना छह से सात घंटे तक स्टडी करती थी अंजली

-खुद तैयार करती थी अपने नोट्स, क्लास टीचर भी हुई गदगद

ALLAHABAD: सफलता यूं ही नही मिलती है। इसके लिए बड़े त्याग करने पड़ते हैं। यूपी बोर्ड टॉपर अंजली के साथ भी ऐसा है। उन्होंने हमेशा से पढ़ाई को काफी गंभीरता से लिया, जिसका नतीजा सामने है। वह कहती हैं कि क्लास में जो पढ़ाया जाता था उसका रोजाना रिवीजन किया जाता था। अंजली अपने नोट्स खुद तैयार करती थीं। उनकी क्लास टीचर ने भी अंजली की जमकर तारीफ की।

कभी नहीं किया कोचिंग का रुख

अंजली ने कभी कोचिंग का रुख नहीं किया। वह कहती हैं कि पढ़ाई में उनके भाई-बहनों ने बहुत सहयोग किया। जो क्लास में पढ़ाया जाता था उसका रिवीजन जरूर करना होता था। उस सब्जेक्ट के बारे में दो घंटे पढ़ाई करती थी और कुल मिलाकर छह से सात घंटे पढ़ना जरूरी होता था।

सिर्फ स्टूडेंट ही नहीं, इंसान भी अच्छी

ऐसा नहीं है कि अंजली केवल एक आउटस्टैंडिंग स्टूडेंट हैं, वह एक अच्छी इंसान भी हैं। इसकी तस्दीक उनकी क्लासटीचर प्रभा मिश्रा खुद करती हैं। वह कहती हैं कि क्लास में बेस्ट होने के बावजूद अंजली बाकी स्टूडेंट्स की मदद करती हैं। अपने नोट्स सभी से शेयर करती हैं। अगर क्लास में किसी को चोट लग जाए तो अंजली अपनी पढ़ाई छोड़कर उसका साथ देती हैं। इन गुणों की वजह से वह अपनी टीचर्स की भी चहेती हैं।

बेटों से कम नही हैं बेटियां

अंजली की मां चक्रवती देवी खुद प्राइमरी स्कूल में टीचर हैं। वह कहती हैं कि बेटियां किसी मायने में बेटों से कम नही होती हैं। अंजली उनकी दूसरी बेटी थी लेकिन उसके जन्म के समय परिवार ने खुशियां मनाई थी। शुरुआती दौर में ही पता चल गया कि विलक्षण प्रतिभा की धनी है। ऐसे में उसे अन्य भाई-बहनों के साथ इलाहाबाद पढ़ने भेज दिया गया। क्लास दर क्लास उसका परफॉर्मेस लेवल हमेशा बढ़ता रहा।

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सौ फीसदी अटेंडेंस, यूनीफार्म में मनाया बर्थडे

यह जानकर ताज्जुब होगा कि अंजली की अटेंडेंस सौ फीसदी रही। उन्होंने एक दिन भी क्लास मिस नहीं की। यहां तक कि अपने बर्थडे वाले दिन भी अंजली स्कूल ड्रेस में पहुंची तो सभी को ताज्जुब हुआ। क्लास टीचर की मानें तो अंजली की सफलता की कहानी कहीं न कहीं उनकी सादगी, डिसिप्लिन और पंक्चुअलिटी में छिपी है।

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टॉपर्स टिप्स

यूपी बोर्ड में हाईस्कूल टॉपर अंजली ने इस दौरान कुछ खास टिप्स भी दिए

-प्रत्येक स्टूडेंट को अपना टाइम टेबल जरूर बनाना चाहिए। इसके हिसाब से पढ़ाई करें।

-अगर कोई चीज समझ नही आए तो इसके बारे में अपने टीचर से डिस्कस करें।

-जो भी क्लास में पढ़ाया जाए, उसका रिवीजन जरूर करें।

-कुल छह से सात घंटे की पढ़ाई जरूर करें। हर सब्जेक्ट को अलग से टाइम दें।