AGRA: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने 12वीं की ही तरह 10वीं के परीक्षार्थियों को भी बड़ा सराप्राइज दिया. बिना किसी पूर्व सूचना के अचानक दोपहर तीन बजे परीक्षाफल जारी कर दिया गया. रिजल्ट आते ही इंतजार कर रहे छात्र-छात्राओं की खुशी का ठिकाना नहीं रहा और वह जश्न मनाने में डूब गए. जिले में पहले तीन स्थानों में से छह लड़कियों और एक लड़के ने कब्जाया है. एयर फोर्स स्कूल की छात्रा अंकिता दत्ता प्रमुख पांच विषयों में 98.8 फीसद अंक प्राप्त कर जिला टॉपर रहीं.

13156 परीक्षार्थी रहे एग्जाम में शामिल

इस साल 107 स्कूलों 13156 परीक्षार्थियों सीबीएसई 10वीं की परीक्षा दी. रिजल्ट में दूसरे नंबर पर केंद्रीय विद्यालय नंबर दो के छात्र सुब्रतो बैनर्जी, गायत्री पब्लिक स्कूल की श्रेया मौर्या, ऑल सेंट्स पब्लिक स्कूल की मुस्कान प्रभाकर श्रीवास्तव और सचदेवा मिलेनियम स्कूल की आयुषी सिंह 98.6 फीसद अंक प्राप्त कर संयुक्त रूप से दूसरे नंबर पर रहीं. जबकि तीसरे नंबर पर विजया इंटरनेशनल स्कूल की छात्रा सृष्टि अग्रवाल और आर्मी पब्लिक स्कूल की छात्रा पूजा मारिया रहीं. उन्होंने प्रमुख पांच विषयों में 98.4 फीसद अंक प्राप्त किए हैं.

इन्होंने पाए 98.2 फीसद

जिले में 98.2 फीसद अंक प्राप्त कर टॉप टेन सूची में जगह बनाने वाले परीक्षार्थियों में गायत्री पब्लिक स्कूल की तन्वी जैन, दिल्ली पब्लिक स्कूल के समर्थ अग्रवाल और दिशा सारंगी एवं सेंट फ्रांसिस कॉन्वेंट स्कूल की छात्रा योग्यता सिंह रहीं. इनका जिले में चौथा स्थान रहा.

स्कूल रिजल्ट देखने पहुंचे स्टूडेंट्स

रिजल्ट घोषित होने की सूचना की जानकारी होते ही छात्र-छात्राओं का अपने-अपने स्कूल पहुंचने की शुरूआत हो गई. सभी ने पहले अपने अंक पता किए और फिर दोस्तों के. सभी के अच्छे अंकों से पास होने की सूचना के बाद सभी ने एक-दूसरे को बधाई दी.

स्टूडेंट्स किया रिजल्ट देख किया सैलीब्रेट

रिजल्ट का इंतजार परीक्षार्थी दो मई से ही कर रहे थे. इंटर में जिस तरह से सरप्राइज मिला, इसमें भी उन्हें उम्मीद थी कि बोर्ड उन्हें चौंका सकता है. हुआ भी ऐसा. रविवार को प्रेसवार्ता कर रिजल्ट जारी करने में थोड़ा वक्त बताकर बोर्ड ने अगले ही दिन इसे तीन बजे जारी कर दिया. इससे छात्रों की धड़कन एकदम से बढ़ गईं.

शहर के स्कूलों टॉप फाइव को लेकर रहा असमंजस

सीबीएसई 10 वीं में भी 12 वीं की तरह टॉप फाइव और मेन फाइव सब्जेक्ट को लेकर घमासान चलता रहा. कई स्कूलों ने टॉप फाइव सब्जेक्ट का जोड़ करके अपने बच्चों को टॉपर करार देना शुरू कर दिया. बाद में मेन फाइव सब्जेक्ट टोटल में अंक फीसद गिरने से बच्चों को निराश होना पड़ा.