बहरहाल, अन्ना हजारे अभी भी तिहाड़ जेल परिसर में ही हैं और अपनी शर्तो पर वहां से निकलने की मांग पर अड़े हुए हैं. उनका अगला पड़ाव रामलीला मैदान होगा. अन्ना हजारे कम से कम 30 दिनों की अनुमति देने की मांग पर अड़े हुए हैं जबकि दिल्ली पुलिस 15 दिनों तक अनशन की अनुमति देने पर अड़ी है. अन्ना हजारे ने साफ शब्दों में कह दिया है कि वह तब तक परिसर से बाहर नहीं निकलेंगे जब तक कि उन्हें बगैर प्रतिबंधों के अनशन की अनुमति नहीं दे दी जाती.

अन्ना हजारे की सहयोगी व पूर्व वरिष्ठ पुलिस अधिकारी किरण बेदी ने तिहाड़ के बाहर जुटे समर्थकों को सम्बोधित करते हुए कहा, "जयप्रकाश नारायण राष्ट्रीय उद्यान में अन्ना हजारे के अनशन से सामान्य जनजीवन पर असर पड़ सकता है इसलिए हम चाहते थे कि किसी ऐसे स्थान पर अनशन हो जिससे आम आदमी को किसी प्रकार की परेशानी न हो. खुद दिल्ली पुलिस ने हमारे सामने रामलीला मैदान का प्रस्ताव रखा."

अन्ना अड़े तो सरकार के कान खड़े

किरण बेदी, मनीष सिसौदिया और स्वामी अग्निवेश के साथ अन्ना हजारे व अन्य सहयोगियों से मिलने तिहाड़ के अंदर गई थीं, जहां उनकी दिल्ली पुलिस से वार्ता हुई. सूत्रों के मुताबिक अन्ना हजारे पक्ष दिल्ली पुलिस से अपनी शर्तो पर लिखित आश्वासन चाहता है. दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता राजन भगत ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा, "जिन छह शर्तो पर अन्ना हजारे पक्ष को एतराज था, उनमें हमने छूट दी है."

उन्होंने कहा कि अनशन स्थल जयप्रकाश नारायण राष्ट्रीय उद्यान से रामलीला मैदान में स्थानांतरित कर दिया गया है. साथ ही वहां अनशन के समर्थन में आने वाले लोगों व गाड़ियों की संख्या सीमित रखने पर कोई पाबंदी नहीं होगी.

इससे पहले, अन्ना हजारे की टीम के सदस्य प्रशांत भूषण ने कहा, "देश भर से उनको जबरदस्त समर्थन मिला है. हमारा विरोध प्रदर्शन अब केवल लोकपाल विधेयक तक सीमित नहीं रह गया है बल्कि यह देश में वास्तविक लोकतंत्र लाने का आंदोलन बन गया है. हम चाहते हैं कि देश के लोग नीतियां बनाने में वास्तविक भूमिका निभाएं."

अन्ना हजारे की टीम ने बुधवार शाम चार बजे इंडिया गेट से संसद भवन तक रैली निकाली, जिसमें बड़ी संख्या में लोगों ने हिस्सा लिया. उधर, दिल्ली पुलिस और अन्ना हजारे पक्ष के बीच अनशन को लेकर चल रही वार्ता के बीच खुद अन्ना हजारे ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की। अन्ना हजारे के सहयोगी व वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण के मुताबिक अन्ना हजारे ने लोगों से अपील की है कि वे शांति व संयम बनाए रखें और भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में उनका साथ दें.

अन्ना अड़े तो सरकार के कान खड़े

इस बीच, आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्रीश्री रविशंकर और योग गुरु बाबा रामदेव ने तिहाड़ में अन्ना हजारे से मुलाकात की. बाबा रामदेव ने इस मसले पर राष्ट्रपति प्रतिभा पाटील से मुलाकात की और उनसे आग्रह किया कि वह जन लोकपाल विधेयक के समर्थन में अन्ना हजारे को अनशन करने की अनुमति देने के सम्बंध में दिल्ली पुलिस को निर्देश दें. उन्होंने अन्ना हजारे की लड़ाई के समर्थन में उन्हें एक ज्ञापन सौंपा.

इस बीच, अन्ना हजारे की गिरफ्तारी पर संसद के दोनों सदनों में जोरदार बहस हुई और उससे पहले प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने दोनों सदनों में अपना बयान दिया. उनके बयान से साफ दिखा कि अन्ना हजारे के समर्थन में देश भर में उमड़े जनसैलाब को उनकी सरकार किस नजरिये से देख रही है. उन्होंने अन्ना हजारे के खिलाफ की गई कार्रवाई को उचित ठहराया और उनके द्वारा अपनाई गई राह को गलत करार दिया. विपक्षी दलों ने हालांकि प्रधानमंत्री के इस बयान को खारिज करते हुए आंदोलनकारियों को रिहा किए जाने की मांग की.

अन्ना अड़े तो सरकार के कान खड़े

गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) इंडिया अगेंस्ट करप्शन के एक कार्यकर्ता ने बताया, "अन्ना हजारे और भ्रष्टाचार के खिलाफ उनकी लड़ाई के प्रति अपना समर्थन देने के लिए करीब 1.5 लाख लोग इंडिया गेट पर जुटे और यहां से जंतर-मंतर की ओर रैली निकाली." इसके अलावा दिल्ली और देश भर में अन्ना हजारे के समर्थन में लोग सड़कों पर उतरे अपने-अपने तरीके से उनका समर्थन किया.

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