साथ ही हज़ारे ने फिर से अनशन करने की धमकी भी दी है। हज़ारे ने बताया कि वह अब जनलोकपाल के समर्थन में देशव्यापी दौरा शुरू करने जा रहे हैं और इस दौरान वह पहले उन राज्यों में जाएँगे जहाँ चुनाव होने वाले हैं। इस सिलसिले में सबसे पहले हज़ारे और उनके टीम की नज़रें हिसार के लोकसभा उपचुनाव पर हैं।

हज़ारे ने बताया कि भारतीय जनता पार्टी सहित कई पार्टियों ने लोकपाल के प्रति समर्थन जता दिया है मगर कांग्रेस की ओर से कोई स्पष्ट बयान नहीं आया है और अगर ऐसा नहीं हुआ तो 13 अक्तूबर के उप चुनाव से पहले वह कांग्रेस प्रत्याशी को हराने की अपील करेंगे।

अन्ना हज़ारे की टीम ने इसके बाद उत्तर प्रदेश चुनाव पर नज़रें लगा रखी हैं। इस बारे में उन्होंने कहा कि अगर शीतकालीन सत्र में लोकपाल क़ानून नहीं बना तो वह चुनाव से तीन दिन पहले लखनऊ से अनशन की शुरुआत करेंगे।

अन्ना हज़ारे ने कहा कि अगर शीतकालीन सत्र में क़ानून नहीं बना तो वह उत्तर प्रदेश चुनाव से तीन दिन पहले वहाँ अनशन पर बैठेंगे। उनका कहना था कि अगर कांग्रेस ने भी प्रभावी लोकपाल के लिए समर्थन व्यक्त किया तो वह हर चुनाव में चरित्रवान उम्मीदवार को जिताने की अपील करेंगे और किसी पार्टी का समर्थन या विरोध नहीं होगा।

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को रिमोट कंट्रोल से चलने वाला बताते हुए अन्ना हज़ारे ने कहा कि मनमोहन सिंह भी चरित्रवान नेता हैं मगर वह रिमोट कंट्रोल के नीचे दबे हैं।

उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशियों के इस विरोध को भारतीय जनता पार्टी के समर्थन की तरह देखने से इनकार किया और कहा कि उन पर भाजपा या राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े होने का आरोप लगता रहा है मगर वह ग़लत है।

उनका कहना था कि गुजरात में जिस तरह पूर्व पुलिस अधिकारी संजीव भट्ट को गिरफ़्तार किया गया वह ग़लत है और वह नरेंद्र मोदी सरकार के इस फ़ैसले को ग़लत मानते हैं।

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