गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) 'इंडिया अंगेस्ट करप्शन' से जुड़े युवाओं का यह समूह सोशल नेटवर्किंग वेबसाइटों ट्विटर और फेसबुक पर अभियान की ताजा घटनाओं को समर्थकों व लोगों तक पहुंचाने के लिए काम कर रहा है.

कौन है अन्‍ना के आंदोलन के पीछे?

सरकारी अधिकारियों को रिश्वत न देने पर दो बार हमले का शिकार होने वाले गौरव बख्‍शी (34) इंडिया अंगेस्‍ट करप्‍शन की वेबसाइट को देखते हैं. गौरव ने अमेरिका से मैनेजमेंट की पढ़ाई की है. पिछले साल नवम्बर में केजरीवाल के एनजीओ से जुड़ने वाले बख्‍शी अन्ना हजारे के अभियान से सम्बंधित जानकारियों को फेसबुक पर अपडेट कर रहे हैं.

उनके मुताबिक अभियान के बारे में जानकारी पाने के लिए अब तक दो लाख से अधिक लोग वेबसाइट पर आ चुके हैं. बख्‍शी का कहना है कि चूंकि अन्ना हजारे अभियान का चेहरा हैं इसलिए काफी संख्या में लोग वेबसाइट पर आ रहे हैं. भारत के अलावा एनआरआई और विदेशी भी आंदोलन में शरीक हुए हैं.

कौन है अन्‍ना के आंदोलन के पीछे?

अन्ना हजारे के इस अभियान को वेबसाइट पर बढ़ाने वाली इस टीम में जर्नलिस्ट, सॉफ्टवेयर विशेषज्ञ, पब्लिक रिलेशन से जुड़े लोग और मैनजमेंट एक्सपर्ट्स शामिल हैं. इस टीम में शामिल एम.एस. चंद्रमोहन (31) की कहानी सबसे निराली है. इस शख्स ने न्यूयॉर्क फिल्म अकादमी से पढ़ाई की है. वह नौकरी के सिलसिले में चेन्नई आए थे जहां उन्हें इस अभियान के बारे में जानकारी हुई.

कौन है अन्‍ना के आंदोलन के पीछे?

टीम के एक दूसरे सदस्य शिवेंद्र सिंह (34) जो 'टाइम्स आफ इंडिया' के ऑनलाइन संस्करण में काम करते हैं. वह इस अभियान के लिए गत फरवरी से छुट्टी पर हैं. उन्होंने कहा कि लोगों को इस अभियान की ताजा जानकारियां देने के लिए मैं 16 से 18 घंटे काम कर रहा हूं. इस काम के लिए हम पैसे नहीं लेते. सिंह का कहना है कि वे देश के लिए काम कर रहे हैं ताकि लोगों को करप्शन से मुक्ति मिले.

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