केजरीवाल ने दिया धोका

पुराने सहयोगी अरविंद केजरीवाल के अनुभवों को देख अन्ना हजारे अब अपनी कोर टीम बनाने में बहुत संयम बरत रहे हैं. अपने पहले ही चुनाव में केजरीवाल भले ही दिल्ली में प्रभावशाली प्रदर्शन कर रहे हों, पुराने चेले को लेकर अन्ना की खटास और शंकाएं अभी खत्म नहीं हुई हैं.

जल्दबाजी नहीं करुंगा

अगले हफ्ते से महाराष्ट्र में अपने गांव रालेगण सिद्धि में शुरू हो रहे आमरण अनशन का एलान करने के लिए अन्ना बृहस्पतिवार को राजधानी में थे. उन्होंने कहा कि लोकपाल विधेयक पारित करने को लेकर प्रधानमंत्री और संसद के वादे झूठे साबित हुए हैं. इसलिए वे आमरण अनशन पर बैठने को मजबूर हुए हैं. सरकारी लोकपाल पर विचार करने के लिए उनकी टीम जरूर बैठ कर विचार करेगी. लेकिन, उन्होंने माना कि इसके लिए उन्होंने कोई कोर कमेटी नहीं बनाई है. उन्होंने कहा, 'इस बार टीम अन्ना जल्दबाजी में नहीं बनाऊंगा.'

क्या है जनतंत्र

किरण बेदी समेत पहले के अन्य सहयोगियों को लेकर कोर कमेटी बनाने के अपने प्रस्ताव के बारे में उन्होंने कहा कि पहली बैठक में ही खींचतान शुरू हो गई थी, इसलिए कोर कमेटी का गठन नहीं किया. अन्ना अब अपना आंदोलन जनतंत्र मोर्चा के नाम से चलाएंगे. लेकिन, इसमें अपने अलावा अन्य प्रमुख लोगों के बारे में वे कुछ नहीं बता सके. अन्ना बार-बार यह तो कहते रहे कि वे अरविंद के बारे में बोलकर अनावश्यक विवाद नहीं खड़ा करना चाहते. लेकिन, यह कहने से भी नहीं बचे कि 'अन्ना एसएमएस कार्ड' को लेकर अरविंद ने उनकी इजाजत नहीं ली थी. उन्होंने कहा, इस कार्ड का नाम अरविंद को अपने नाम पर रखना चाहिए था.

जनरल नहीं जाएंगे भाजपा के साथ

अक्सर साथ दिखने वाले पूर्व सेना प्रमुख जनरल वीके सिंह भी अन्ना की इस प्रेस कांफ्रेंस में नहीं थे. जनरल सिंह के नरेंद्र मोदी के साथ जनसभा को संबोधित करने के बारे में पूछे जाने पर अन्ना ने कहा कि इस बारे में उन्होंने जनरल से बात की है. उन्होंने भरोसा दिलाया है कि वे भाजपा के साथ नहीं जाएंगे.

Hindi news from National news desk, inextlive

National News inextlive from India News Desk