परिजनों ने बांटी मिठाई, बधाई देने वालों का लगा तांता

दबथुवा : बहादुरपुर गांव के किसान की बेटी ने दक्षिण कोरिया के इंचियोन में चल रहे एशियन गेम्स में बुधवार शाम बड़ी सफलता प्राप्त की। भाला फेंक स्पर्धा में कांस्य पदक जीतकर अन्नू ने मेरठ का नाम रोशन कर दिया। उसकी उपलब्धि पर परिवार में जमकर जश्न मना, मिठाई बांटी गई। परिजनों को बधाई देने वालों का तांता लग गया।

पैर में दर्द बना स्वर्ण की राह में रोड़ा

अन्नू रानी ने एशियन गेम्स में 59.53 मीटर भाला फेंक कर कास्य पदक से संतोष करना पड़ा। पैर में दर्द के चलते वह स्वर्ण हासिल नहीं कर पाई। दरअसल पहले राउंड में अन्नू ने सभी प्रतिद्वंदी से ज्यादा दूरी पर भाला फेंका था। इसके बाद उसे पैर में दर्द की शिकायत होने लगी। जिसके चलते अन्नू को कांस्य से ही संतोष करना पड़ा।

टीवी से चिपके रहे परिजन

दबथुवा : अन्नू को भाला फेंकते समय देखने के लिए बुधवार शाम पूरा परिवार टीवी से चिपका रहा। जैसे ही अन्नू को कांस्य पदक मिलने की घोषणा हुई तो पिता अमरपाल, माता मुन्नी देवी, बहन रीतू, भाई उपेंद्र व जितेंद्र आदि खुशी से झूम उठे। एक-दूसरे को मिठाई खिलाकर बधाई दी। परिजनों को बधाई देने के लिए ग्रामीणों का भी तांता घर पर लग गया।

बांस के भाले से एशियन गेम्स तक का सफर

अन्नू ने अपना करियर कक्षा-9 से दबथुवा इंटर कालेज से शुरू किया था। अन्नू ने शुरूआत में बांस के भाले से अभ्यास किया। इस खेल के प्रति उसे लगाव अपने भाई उपेंद्र को भाला फेंकते देखने के दौरान हुआ था। कड़ी मेहनत और लगन के चलते धीरे-धीरे वह आगे बढ़ती चली गई। परिवार का भी इसमें बड़ा सहयोग रहा। एशियन गेम्स में कांस्य पदक हासिल करने से पूर्व अन्नू कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में पदकों के ढेर लगा चुकी है।

फोन पर जताई थी पदक जीतने की उम्मीद

दबथुवा : एशियन गेम्स में भाला फेंक स्पर्धा से पूर्व दोपहर के समय अन्नू ने भाई उपेंद्र से फोन पर बातचीत की थी। इस दौरान उसने पदक जीतने की उम्मीद भी जताई थी। अन्नू के कांस्य पदक जीतने से उत्साहित उसके कोच काशीनाथ ने पटियाला से फोन पर बातचीत करते हुए खुशी जाहिर की। साथ ही कहा कि अन्नू 2016 में होने वाले ओलंपिक में खेलेगी और पदक जीतेगी।