फ्लैग: पीजीआई की खोज से और सटीक होगी कैंसर जांच

हेडिंग: इंटरनेट बाबा से इलाज करना खतरनाक

- केजीएमयू में 37वीं एनुअल कांफ्रेंस ऑफ एसोसिएशन रेडिएशन आंकोलॉजिस्ट ऑफ इंडिया का आयोजन

-एसजीपीजीआई अब खुद बना रहा रेडियोटेसर्स

LUCKNOW: संजय गांधी पीजीआई की खोज से कैंसर की पहचान अब आसान होगी। पीजीआई के डॉक्टर अब अलग-अलग अंगों में कैंसर की पहचान के लिए अलग-अलग रेडियोट्रेसर्स को बना रहे हैं। इससे काफी मात्रा में पैसा भी बचेगा और बॉडी में साइड इफेक्ट की समस्या भी कम होगी। यह जानकारी गुरुवार को केजीएमयू के साइंटिफिक कन्वेंशन सेंटर में चल रही 37वीं एनुअल कांफ्रेंस ऑफ एसोसिएशन रेडिएशन आंकोलॉजिस्ट ऑफ इंडिया में एसजीपीजीआई के डॉ। शालीन कुमार ने दी। इस दौरान यह भी ताकीद किया गया कि इंटरनेट पर जानकारी जुटाकर स्वयं इलाज करना काफी खतरनाक है।

कम होगा साइड इफेक्ट

डॉ। शालीन कुमार ने बताया कि अब तक रेडियोट्रेसर्स को बाहर से मंगाना पड़ता था। लेकिन अब फ्लूरो डॉक्सी ग्लूकोज के अलावा भी रेडियोटेसर्स अवेलेबल होंगे। जिनका निर्माण पीजीआई के साइक्लोट्रोन में किया जा रहा है.जिससे बीमारियों की बेहतर और सटीक जांच हो सकेगी। साथ ही साइड इफेक्ट भी कम होंगे।

ब्रेस्ट कैंसर सबसे अधिक

ब्रेस्ट कैंसर हमारे देश में सबसे अधिक होने वाला कैंसर बन गया है। लेकिन अगर समय पर पता चल जाए और इलाज किया जाए तो बिना सर्जरी ही इसे ठीक किया जा सकता है। इसके लिए हारमोन थेरेपी अब उपलब्ध है। लगातार 5 से 10 साल तक हार्मोन देने पर कैंसर को रोका जा सकता है। डॉ। राजेश वशिष्ठ ने बताया कि अब देश में कुल कैंसर में से 40 से 50 परसेंट तक सिर्फ ब्रेस्ट या गर्भाशय के कैंसर हैं।

कम उम्र में हो रहा ब्रेस्ट कैंसर

केजीएमयू के डॉ। एमएल भट्ट ने बताया कि अब कम उम्र में ही ब्रेस्ट कैंसर के केसेज सामने आ रहे हैं। यह हमारे लिए अलार्मिग है। उन्होंने कहा कि ब्रेस्ट कैंसर के कुल केसेज में 22 से 40 की उम्र के 70 परसेंट मरीज हैं। उन्होंने कहा कि हर 10 में एक गांठ कैंसर होती है। इसलिए ब्रेस्ट में कोई भी कैसी भी गांठ हो तुरंत डॉक्टर से चेकअप कराएं। सीधे स्पेशलिस्ट के पास जाएं और जांच कराएं। कोई भी गांठ कैंसर हो सकती है।

फिजिकल एक्टीविटी बनाएगी कैंसर

केजीएमयू के डॉ। सुधीर सिंह ने बताया कि हर रोज आधे घंटे की एक्सरसाइज आपको कैंसर से बचा सकती है। रिसर्चेज में यह प्रूव हो चुका है। अगर एक्सरसाइज नहीं कर सकते हैं तो साइकिलिंग करें या स्वीमिंग करें। लेकिन कम से कम आधे घंटे की एक्सरसाइज जरूरी है।

बॉक्स बॉक्स्

बुजुर्गो के इलाज में रखे ध्यान

यूएसए के ग्रीनविच हॉस्पिटल से आए डॉ। अश्वथ नारायन ने बताया कि वृद्ध मरीजों के इलाज में अधिक सावधानी बरतने की जरूरत है। उनकी सर्जरी, रेडियोथेरेपी या कीमोथेरेपी ऐसे देना है कि उन्हें साइड इफेक्ट कम से कम हों। क्योंकि इस उम्र में कई अन्य बीमारियां होने का खतरा रहता है और साइड इफेक्ट जितना ज्यादा होगा उतना खतरा बढ़ता है। डॉ। अश्वथ नारायन ने कांफ्रेंस में आए डॉक्टर्स को ओल्ड एज पीपुल्स के कैंसर ट्रीटमेंट व मैनेजमेंट के लिए विस्तार से ट्रेनिंग दी। केजीएमयू के डॉ। एमएल भट्ट ने कहा कि ओल्ड एज में मरीजों पर टारगेट थेरेपी का इस्तेमाल करना चाहिए। उन्होंने कीमोथेरेपी की समस्याओं के बारे में भी विस्तार से चर्चा की।

इंटरनेट बाबा का इलाज खतरनाक

लंदन से आए माउंट कार्मेल हॉस्पिटल के डॉ। नरोत्तम थानवी ने कहा कि इंडिया में गांवों में बाबा और झोलाछाप हकीम मरीजों की बीमारी को बढ़ा रहे हैं। तो अब भारत के बड़े शहरों और अमेरिका इंग्लैंड सहित विश्व के इंटरनेट तक पहुंच वाले लोगों की बीमारी इंटरनेट बाबा बढ़ा रहे हैं।

उन्होंने बताया कि बीमारी के प्राथमिक स्तर पर लोग इंटरनेट का सहारा ले रहे हैं और अति गंभीर होने पर ही डॉक्टर के पास जाते हैं। इंटरनेट के ज्ञान से लोग खूब खुद पढ़ते हैं और दवाएं भी खाते हैं। जिसके कारण ही मरीज तीसरे और चौथे स्तर पर डॉक्टर के पास पहुंचते हैं।

मुंह में काले छाले तो कैंसर का खतरा

कार्यक्रम में डॉ। राजेश वशिष्ठ ने बताया कि मुंह में पड़ने वाले 40 परसेंट छाले कैंसर का रूप ले लेते हैं। इसलिए छाले हो तो तुरंत स्पेशलिस्ट डॉक्टर को दिखाएं और इलाज कराएं। अगर छाला लाल है तो ठीक हो सकती है और अगर छाला काला हो जाता है तो सतर्क हो जाएं। यह कैंसर हो सकता है।