-चोरों ने इंडियन ऑयल के डिपो में जिम्मेदारों की शह पर लगा दी सुरक्षा में सेंध

-जीपीएस लगे टैंकर से भी तेल चोरी करने में माहिर हैं टैंकर ड्राइवर

BAREILLY

पैट्रोलियम पदार्थो में हो रही चोरी को लेकर प्रशासन सख्ती बरत रहा है। इसके बाद भी चोरी करने वालों पर लगाम नहीं लग पा रहा है। आंवला से भारत पेट्रोलियम, हिन्दुस्तान पेट्रोलियम और इंडियन ऑयल डिपो से डीजल और पेट्रोल की सप्लाई करने वाले टैंकर ड्राइवर चोरी और मिलावट का खेल कर रहे हैं। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने मंडे को जब शहर से लेकर आंवला डिपो तक इसका रियलिटी चेक किया तो चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। आइए बताते हैं आपको हकीकत

कम्पनी से शातिर ड्राइवर

पेट्रोलियम कम्पनियों ने टैंकर से डीजल चोरी रोकने के लिए टैंकर में जीपीएस सिस्टम लगवा दिया। डिपो से टैंकर में पेट्रोल या डीजल भरने के बाद उसके लीवर बॉक्स में लॉक और सील लगाकर डिपो से निकाले जाते है। इसके बाद भी टैंकर ड्राइवरों ने टैंकर से डीजल पेट्रोल चोरी करने का तरीका ईजाद कर लिया। एक टैंकर ड्राइवर महेन्द्र से जब रिपोर्टर ने बात की तो पहले उसने कुछ बताने से इनकार कर दिया। काफी कुरेदने पर बताया कि अब इस समय डिपो में नोएडा से आईओसी की टीम आई हुई है, चेकिंग काफी चल रही है। इसीलिए तेल चोरी का काम बंद चल रहा है। जब ड्राइवर से पूछा गया तो उसने बताया कि टैंकर डिपो से निकलते ही उसकी पूरी लोकेशन जीपीएस से ट्रेस हो जाती है।

काट देते हैं लीवर बॉक्स का कुंडा

ड्राइवर टैंकर में लगे लॉक और सील तोड़कर चोरी तो नहीं कर सकते। ऐसे में ड्राइवर लीवर बॉक्स में लगा कुंडा काट देते थे और फिर पेट्रोल और डीजल निकाल लेते हैं। फिर पब्लिक की जान को जोखिम में डालकर काटे गए लोहे की वेल्डिंग करा देते थे। वेल्डिंग के दौरान आग लगने से बड़ा हादसा हो सकता है। आंवला के एक गैस वेल्डिंग मैकेनिक ने बताया कि उसके पास दिन भर में कई टैंकर ड्राइवर वेल्डिंग कराने आते हैं। उसने बताया कि टैंकर में आग न लगे इसके लिए वह लीवर के बचे हुए हिस्से में भीगा हुआ बोरा और बालू पास में रख लेता है।

ओरीजनल चाबी का ले लेते हैं इम्प्रेशन

एक टैंकर ड्राइवर ने बताया कि उसके टैंकर में डिपो से लॉक लगकर ही निकलता है। ड्राइवर ने बताया कि लीवर बॉक्स में सील लगी होने पर कुंडा काटना पड़ता है और लॉक लगी होने पर तो चाबी मिल जाती है। टैंकर में लगे लॉक का नम्बर होता है, जो लोग तेल लेते हैं उनके पास 100 से 104 नम्बर तक की चाबी होती है। उससे वह लॉक आसानी से खुल जाते हैं। उसने बताया कि जिस नम्बर का लॉक टैंकर में डिपो से डाला जाता है तो ड्राइवर को पता होता है कि किस नम्बर की चाबी कहां मिलेगी वहीं पर जाकर अपना काम करके वह चला जाता है। लॉक खोलने के लिए तेल की चोरी और मिलावट करने वाला गैंग डिपो से सांठ-गांठ कर चाबी का इम्प्रेशन हासिल कर लेता है। फिर डुप्लीकेट चाबी बना लेते हैं। इसके लिए उन्हें

डिपो की सुरक्षा में सेंध

इंडियन ऑयल के बल्क पेट्रोलियम डिपो की सुरक्षा में भी चोरों और डिपो के जिम्मेदारों की शह पर बड़ा खेल चल रहा है। इंडियन ऑयल ने डिपो की सुरक्षा के लिए चारो तरफ बाउंड्री पर कटीले तार लगाकर उसमें करंट दौड़ा दिया जाता है, जिससे कोई भी चोर या बाहरी युवक दीवार फांदकर अंदर न आ सके, लेकिन इसके बाद भी आंवला रेलवे स्टेशन के सामने बने तांगा स्टेशन के पास चोरों ने करीब पचास मीटर तक कटीले तार और उसमें करंट की केबल ही काट दी। इस बात को जिम्मेदार भी अच्छी तरह जानते हैं। इसके बाद भी किसी जिम्मेदार ने उस कटीले तार को पूरा नहीं कराया। वहीं स्थानीय लोगों का कहना था कि करीब तीन साल पहले इसी जगह पर एक सुरक्षा गार्ड ने चोरों को डिपो में घुसने से रोका था। जिस पर चोरों ने फायरिंग कर दी। इस पर गार्ड ने भी फायरिंग की तो गोली एक चोर को जा लगी, जिसमें एक चोर की मौत भी हो गई थी लेकिन डिपो के जिम्मेदार अधिकारियों ने मामले को चुपचाप निपटा लिया।

आंवला से शुरू होता है कारोबार

तेल चोरी का कारोबार आंवला से लेकर शहर तक कई प्वाइंटों पर किया जा रहा है। तेल चोरी की सूचना पर तत्कालीन एसडीएम आरएन पाण्डेय ने आंवला के ही एक कोल्ड स्टोर में छापा मारा था, तो वहां बड़ी मात्रा में चोरी का तेल पकड़ा गया था। इसके साथ ही चोरी का तेल खरीदने और बेचने का धंधा आंवला से लेकर शहर तक कई ढाबा, घरों और शॉप पर जमकर किया जा रहा है।