मनचलों का खौफ सिटी में इस कदर है कि लड़कियों का घर से निकलना मुहाल है। ट्यूजडे को आठवीं क्लास की स्टूडेंट फूलवती ने शोहदे की हरकतों से आजिज आकर खुद को आग लगाकर जान दे दी। 24 घंटे भी नहीं बीते कि एक और फूलवती की खबर ने झकझोर दिया। पड़ोस में रहने वाले एक युवक की हरकतों से परेशान होकर उसने खुद को आग के हवाले कर दिया। बहन-बेटियों के लिए शहर का माहौल कितना सुरक्षित है, इसकी टीस उभारने एक और दास्तां सामने आई। घर से काम पर जा रही एक 15 साल की लड़की को शोहदों ने खींचकर दरिंदगी का शिकार बनाने की कोशिश की। खौफ के दौर से गुजर रही वह और उसका परिवार तीन दिन से थाने के चक्कर लगाता रहा, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की।

इस फूलवती की कहानी

वह आए दिन पड़ोस में रहने वाले एक युवक की हरकतों से दो-चार होती आ रही थी। 17 साल की हेमा को वह आए दिन रोड पर घेर लेता। कछपुरा में रहने वाली हेमा का घर से निकलना मुश्किल हो गया। घर से निकलने की बात सोचते ही उसके मन में शोहदे की हरकतों का खौफ भर उठता। हेमा ही नहीं, उसके परिवारवाले भी शोहदे की इन हरकतों से खौफजदा हैं। हालांकि लोकलाज की फिक्र में वे पर्दा डालते आ रहे हैं। लेकिन, आस-पड़ोस के लोगों को यह बखूबी अहसास है कि हेमा किन मानसिक हालातों से गुजरती रही। पड़ोस में रहने वाला युवक गोपाल ने हेमा का घर से निकलना मुश्किल कर दिया। हेमा घर में ही कैद होकर रह गई।

आग लगा ली

वेडनसडे को करीब 10 बजे हेमा ने खुद को आग के हवाले कर दिया। उसे जली हुई हालत में एसएन मेडिकल कॉलेज में एडमिट कराया गया। वह 70 प्रतिशत जल चुकी है। परिजन हेमा के जलने की वजह खाना बनाने के दौरान ओढऩी गैस पर गिर जाना बता रहे हैं। लेकिन, शोहदे की वजह से जान देने को मजबूर हुई एक और फूलवती की यह दास्तां है। इसमें एक बेटी के सुरक्षित माहौल में जीने का हक हासिल करने की कम और उसके घर से सुरक्षित रुखसत होने की चिंता में डूबे मां-बाप की पीड़ा ज्यादा है।

शोहदों की एक और शिकार

यह घटना तीन दिन पहले की है। शोहदों ने सरेराह एक लड़की को खींचकर दरिंदगी करने की कोशिश की। यह तो किस्मत अच्छी थी कि लोगों की निगाह उन पर पड़ गई। पब्लिक को आता देख वे दरिंदे भाग गए। अपने दिल में इस हादसे का खौफ लेकर वह पुलिस थाने के तीन दिन तक चक्कर काटने को मजबूर होती रही।

वह खौफनाक सुबह

वह अपने परिवार के खर्चों में काम कर हाथ बंटाती थी। सुबह निकलना और फिर शाम को लौटना। परिवार के आर्थिक हालात से ज्यादा उसके मन में रास्ते में आए दिन शोहदों की हरकतों की फिक्र सताती। शोहदों की हरकतों से वह रोज दो-चार होती। फ्राइडे को भी वह सुबह दस बजे घर से साइकिल से जा रही थी। पड़ोस के दो युवकों ने किशोरी को घर में खींच लिया। लड़की के शोर मचाने पर आसपास के लोग आ गए। पड़ोसियों को देख मनचले भाग गए।

उसे मिली सजा

इस खौफनाक मंजर से गुजरने के बाद वह अपने परिवार के साथ थाने पहुंची। ताकि शोहदों को उनके किए की सजा दिला सके। सजा से ज्यादा उसके मन फिर किसी दिन उन दरिंदों के हद से गुजरने का खौफ समाया हुआ था। उसके परिवारवालों को भी यही चिंता खाए जा रही थी। आरोपियों की शिकायत थाना हरीपर्वत में दी गई। घटना के कई दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस ने कार्रवाई नहीं की। शोहदे बेखौफ होकर घूमते रहे और वह बेचारी घर में कैद होकर उस घटना को लेकर घर किए डर से जूझती रही। तीन दिन बाद भी जब पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की तो उसके कॉलोनी के दर्जनों लोगों ने थाना हरीपर्वत को घेर कर हंगामा किया। पुलिस ने एक आरोपी को हिरासत में ले लिया है।

मिला आश्वासन, कार्रवाई नहीं  वेडनसडे दोपहर करीब एक बजे नगला छिद्दा लंगड़े की चौकी के दर्जनों लोग थाना हरीपर्वत पर पहुंचे और पुलिस के खिलाफ नारे लगाने लगे। थाने पर भीड़ को एकत्रित देख इंस्पेक्टर संतोष यादव ने जानकारी ली।

ये हैं आरोपी

नगला छिद्दा के ही दो युवक रौनक और कलुआ आए-दिन पूनम के साथ छेड़-छाड़ करते हैं। शुक्रवार को तो हद हो गई। पूनम साइकिल से काम पर जा रही थी। इसी दौरान रास्ते में रौनक और कलुआ ने पूनम को अपने घर में खीच लिया। घबराई पूनम ने शोर मचाना शुरू कर दिया। शोर सुनकर आसपास की महिलाओं ने बमुश्किल पूनम को दोनों युवकों के चुंगल से निकाला। पूनम के परिजनों ने लिखित में तहरीर पुलिस को दी। चौकी इंचार्ज ने मामले को दबा दिया। दबाब के चलते पुलिस ने आरोपी कलुआ को हिरासत में ले लिया है पर कोई कार्रवाई नहीं की है। वेडनसडे को कॉलोनी के लोगों के साथ परिजनों ने थाना हरीपर्वत का घेराव कर हंगामा किया। इंस्पेक्टर के कार्रवाई के आश्वासन के बाद ही परिजन थाने से गए।