एक वरिष्ठ अधिकारी ने बीबीसी को बताया कि मरने वालों में छह सैन्यकर्मी शामिल हैं.

धमाका पाकिस्तानी सेना के मुख्यालय के नज़दीक एक भीड़भाड़ वाले बाज़ार में हुआ.

रविवार को उत्तर पश्चिमी पाकिस्तान में सेना के क़ाफ़िले पर हुए एक हमले में 20 सैनिक मारे गए थे और 24 ज़ख़्मी हो गए थे. तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान ने दोनों हमलों की ज़िम्मेदारी ली है.

पुलिस का कहना है कि जब धमाका हुआ तब रावलपिंडी के इस बाज़ार से कुछ सैनिक पैदल ही गुज़र रहे थे. रावलपिंडी पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद के दक्षिण में है.

रावलपिंडी के पुलिस प्रमुख अख़्तर हयात ललिका ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स को बताया कि सेना मुख्यालय से दस मिनट की दूरी पर स्थित बाज़ार शहर के सबसे सुरक्षित इलाक़ों में से एक है.

निशाने पर पाकिस्तानी सेना

"धमाके की वजह से मैं कुर्सी से गिर पड़ा. मैं बाहर भागा और हर तरफ़ धुआं ही धुआं था. मैंने ज़ख़्मी लोगों को ज़मीन पर पड़े देखा जो मदद के लिए चिल्ला रहे थे."

-लियाकत अली, दुकानदार, रावलपिंडी

समाचार एजेंसी एएफ़पी ने एक चश्मदीद के हवाले से कहा है कि धमाके की वजह से आसपास की इमारतों के शीशे टूट गए.

एक दुकानदार लियाक़त अली ने कहा, "धमाके की वजह से मैं कुर्सी से गिर पड़ा. मैं बाहर भागा और हर तरफ़ धुआं ही धुआं था. मैंने ज़ख़्मी लोगों को ज़मीन पर पड़े देखा जो मदद के लिए चिल्ला रहे थे."

पाकिस्तान में हाल ही में हुए दोनों हमले हिंसा में बढ़ोतरी की ओर इशारा करते हैं. ये दोनों हमले पाकिस्तानी सेना पर बीते कुछ महीनों में हुए सबसे गंभीर हमलों में से हैं.

संवाददाताओं का कहना है कि इन हमलों से पाकिस्तानी सेना की चरमपंथियों से लड़ने की रणनीति पर सवाल फिर उठेंगे, सरकार शांति वार्ता करना चाहती है.

इस्लामाबाद से बीबीसी संवाददाता अलीम मक़बूल का कहना है कि अभी पाकिस्तान सरकार की तालिबान से निपटने की रणनीति भ्रमित नज़र आती है.

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