नोटबंदी से पहले हुई लूट

पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार बेशक बैंक लूट का सिलसिला नोटबंदी से पहले 25 अक्टूबर 2016 को ही शुरू हो गया था, लेकिन इनमें तेजी नवंबर माह के बाद से ही आई है। अधिकांश लूट की वारदातें दक्षिण कश्मीर में अंजाम दिया जाना साबित करता है कि इन इलाकों में राष्ट्रविरोधी प्रदर्शनों को जारी रखने, पत्थरबाजों को पैसे देने व अपना नेटवर्क तैयार करने से लेकर नए आतंकियों की तनख्वाह के लिए पैसे की सख्त तंगी पेश आ रही है। यह इलाके जुलाई 2016 से ही ङ्क्षहसा से अत्यधिक प्रभावित हैं और इन्हीं इलाकों में एक साल के दौरान 150 के करीब स्थानीय युवक आतंकी बने हैं।

किस संगठन से जुड़े हैं ये आतंकी

बुधवार को आतंकियों का निशाना बनी दोनों बैंक शाखाएं जिला पुलवामा में एक-दूसरे से 12 किलोमीटर की दूरी पर वहीबुग और निहामा-काकपोरागांव में हैं। इन घटनाओं में दोनों ही जगह तीन से चार आतंकियों के दल शामिल थे। नकाब पहने आतंकियों ने पिस्तौल और एसाल्ट राइफलों से बैंक कर्मियों व ग्राहकों को डराया। पहली डकैती दोपहर करीब पौने दो बजे वहीबुग गांव में स्थित इलाकाई देहाती बैंक में हुई। बैंक में दाखिल हुए हथियारबंद नकाबपोश तीन आतंकियों ने 4,92,800 रुपए की नकदी लूटी। इसके बाद करीब तीन-सवा तीन बजे निहामा-काकपोरा में आतंकियों ने जम्मू-कश्मीर बैंक की स्थानीय शाखा से डेढ़ लाख की नकदी लूटी और भाग निकले। हालांकि किसी भी आतंकी संगठन ने बैंक लूट की जिम्मेदारी नहीं ली है, लेकिन पुलिस के अनुसार, लश्कर के विदेशी आतंकियों द्वारा स्थानीय आतंकियों के साथ मिलकर ही वारदात को अंजाम दिया जा रहा है।

कब-कब हुई बैंक लूट की वारदातें?

-01 मई, 2017 : कडर कुलगाम में 65 हजार की लूट

-19 अप्रैल, 2017 : हरमेन शोपियां में 12 लाख की लूट

-16 फरवरी, 2017 : तुरकवांगन शोपियां में 3।017 लाख की लूट

-15 दिसंबर 2016 : रत्नीपोरा पुलवामा में 9।86 लाख की लूट

-आठ दिसंबर, 2016 : अरिहाल पुलवाम में जेके बैंक से 13.38 लाख लूटे

-21 नवंबर 2016 : मलपोरा बडगाम में 11 लाख लूटे

-25 अक्टूबर 2016 : कडर कुलगाम में 2.5 लाख की लूट

National News inextlive from India News Desk

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