- बिना सेवायोजन कार्यालय को सूचना दिए मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने शुरू कर दी भर्ती

- कैंडिडेट्स ने मेडिकल कॉलेज प्रशासन पर लगाया भर्ती प्रक्रिया में खेल का आरोप

GORAKHPUR: यूं तो मेडिकल कॉलेज में कई खेल चल रहे हैं, जैसे दवाओं को लेकर खेल, दलालों के खेल। इसी कड़ी में आई नेक्स्ट ने मेडिकल कॉलेज में चल रहे एक और खेल का पर्दाफाश किया है। यहां एनआरएचएम (नेशनल रुरल हेल्थ मिशन) के तहत चल रहे संविदा भर्ती में बड़े पैमाने पर खेल चल रहा है। यह कहना है आवेदन करने वाले कैंडिडेट्स और इंम्प्लॉयमेंट ऑफिस अधिकारियों का। इंप्लॉयमेंट ऑफिसर तर्क है कि बीआरडी मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने बिना किसी सूचना के एनएचआरएम के तहत भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी है। दूसरी तरफ कैंडिडेट्स ने भर्ती प्रक्रिया में ट्रांसपैरेंसी न होने का आरोप लगाया है। पूरे मामले जब आई नेक्स्ट ने मेडिकल प्रशासन से बात की तो उनका दो टूक जवाब था कि संविदा में भर्ती के लिए इंप्लॉयमेंट ऑफिस को सूचना देना कोई जरूरी नहीं है।

बिना सूचना के शुरू हो गई भर्ती

बीआरडी मेडिकल कॉलेज कैंपस में नए बने क्00 बेड वाले इंसेफेलाइटिस वार्ड को चलाने के लिए कर्मचारियों की आवश्यकता है। इसके लिए

एनआरएचएम, भारत सरकार को मेडिकल कॉलेज प्रशासन की तरफ से प्रस्ताव भी भेजा गया था। उसके बाद क्7 जून को प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य की अध्यक्षता में डिसीजन लिया गया कि नये इंसेफेलाइटिस वार्ड में कार्य करने वाले संविदा कर्मचारियों की भर्ती प्रक्रिया शुरू की जाए। इसके लिए विज्ञापन जारी किया जाए, लेकिन मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने अखबारों में विज्ञापन तो जारी किया और न ही सेवायोजन कार्यालय को इसकी कोई सूचना दी।

क्या कहना है सेवायोजन कार्यालय के अधिकारी का

सेवायोजन कार्यालय के क्षेत्रीय सेवायोजन अधिकारी शशीभूषण सिंह ने बताया कि मेडिकल कॉलेज में चल रहे एनएचआरएम के तहत भर्ती की कोई भी सूचना नहीं दी गई। जबकि किसी भी विभाग में होने वाली भर्ती की अनिवार्य अधिसूचना अधिनियम क्9भ्9 के रूल-ब् के अनुसार सूचना देनी होती है।

नहींदी कोई जानकारी

उपरोक्त नियम के तहत विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों को सेवायोजन कार्यालय को निम्न जानकारी देनी होती है।

-नियोजक का नाम क्या है?

-कितने पद है?

-रिक्त पद कितने हैं?

-वेतन कितना है?

नौकरी कहां करनी है?

-रिजर्वेशन की स्थिति क्या है?

-भर्ती की प्रक्रिया क्या है?

-लास्ट डेट कब तक है?

नहींदी कोई भी जानकारी

नियमानुसर भर्ती किसी भी सरकारी विभाग में होने वाली भर्ती की जानकारी सेवायोजन कार्यालय को देना अनिवार्य है। वैकेंसी की सूचना इंप्लॉयमेंट ऑफिस को हर हाल में देनी है। जो लोक सेवा आयोग की दायरे में आते हैं सिर्फ उनकी सूचना सेवायोजन कार्यालय को नहींदी जाती है। पूरे मामले मेडिकल कॉलेज प्रशासन का कहना है कि सूचना देना कोई जरूरी नहीं है, दिखाता है कहींन कहींकिसी लेवल पर 'खेल' हुआ है।

इस बारे में आई नेक्स्ट ने बीआरडी मेडिकल कॉलेज के प्रिसिंपल डॉ। केपी कुशवाहा से बात की।

रिपोर्टर - आपके यहां एनएचआरएम के तहत संविदा कर्मचारियों की भर्ती चल रही है क्या?

डॉ। कुशवाहा- हां, चल रही है।

रिपोर्टर - क्या आपने इस भर्ती की सूचना क्षेत्रीय सेवायोजन कार्यालय के अधिकारी को दी है?

डॉ। कुशवाहा- नहीं दी है।

रिपोर्टर - क्यों?

डॉ। कुशवाहा- मुझे नहीं लगता कि संविदा कर्मचारियों की भर्ती की सूचना सेवायोजन कार्यालय के अधिकारियों को भी देनी चाहिए।

रिपोर्टर - सेवायोजन कार्यालय के क्षेत्रीय अधिकारी का कहना है कि बिना सूचना के भर्ती करना नियमानुसार नहींहै।

डॉ। कुशवाहा- एनएचआरएम के तहत चल रही संविदाकर्मियों की भर्ती में ऐसी कहीं कोई गाइडलाइन नहीं है कि इसकी सूचना सेवायोजन कार्यालय को भी दी जानी है।

रिपोर्टर- एनएचआरएम के तहत होने वाली भर्ती प्रक्रिया में शामिल कैंडिडेट्स का आरोप है कि आपने इस भर्ती में ट्रांसपैरेंसी नहीं दिखाई है।

डॉ। केपी कुशवाहा- ट्रांसपैरेंसी क्यों नहीं है। मैंने इस भर्ती की सूचना बकायदा विज्ञापन जारी कर की थी।

रिपोर्टर - लेकिन कैंडिडेट्स की भर्ती कैसे करेंगे। इसकी जानकारी कैंडिडेट्स को क्यों नहीं दी?

डॉ। केपी कुशवाहा- इसकी जानकारी अखबारों के माध्यम से दी गई थी।

रिपोर्टर - कैंडिडेट्स का आरोप है कि भर्ती मेरिट पर करेंगे या फिर लिखित, इसके लिए आपने कोई सूचना नहीं दी है।

डॉ। केपी कुशवाहा- यह गलत आरोप है। भर्ती प्रक्रिया की सूचना कॉलेज के नोटिस बोर्ड पर चस्पां कर दी गई थी।

रिपोर्टर -कैंडिडेट्स का आरोप है भर्ती प्रक्रिया में खेल किया जा रहा है।

डॉ। केपी कुशवाहा- यह बिलकुल गलत आरोप है। यह भर्ती पूरी तरह से ज्यूडिशियरी देखरेख में चल रही है।

भर्ती प्रक्रिया में लगाया खेल का आरोप

कैंडिडेट्स का आरोप है कि भर्ती प्रक्रिया शुरू करने से पहले कैंडिडेट्स को कोई सूचना नहीं दी गई थी कि भर्ती प्रक्रिया मेरिट लिस्ट के आधार पर की जाएंगी या फिर किसी अन्य माध्यम से। आरोप है कि मेडिकल कॉलेज प्रशासन की तरफ से मेरिट लिस्ट की सूचना कैंडिडेट्स को न तो अखबारों से और न ही किसी और माध्यम से दी गई। सबसे ज्यादा परेशान दूसरे शहरों से आने वाले कैंडिडेट्स हैं।

बाक्स में दें

नहीं तो होगी कार्रवाई

सेवायोजन कार्यालय के क्षेत्रीय सेवायोजन अधिकारी शशीभूषण सिंह ने बताया कि तत्कालीन डीएम रवि कुमार एनजी ने विभागीय मीटिंग के दौरान यह आदेश दिया था कि जितने भी डिपार्टमेंट हैं, उन सभी डिपार्टमेंट में होने वाली भर्तियों की डिटेल्स सेवायोजन कार्यालय को जरूर भेजें, अन्यथा उस विभाग के जिम्मेदार अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

वर्जन

मेडिकल कॉलेज में चल रहे एनएचआरएम के तहत संविदा कर्मियों की भर्ती की कोई सूचना हमें नहीं दी गई है। जबकि नियमानुसार, मेडिकल कॉलेज प्रशासन को इसकी सूचना देनी चाहिए थी।

शशीभूषण सिंह, क्षेत्रीय सेवायोजन अधिकारी, गोरखपुर

कोट्स कैंडिडे्टस

आवेदन फॉर्म के नाम पर ख्00 रुपए ले लिए गए है, लेकिन इसकी सूचना न तो डाक से और ना ही मोबाइल पर दी गई। धीरे-धीरे मेरिट निकालकर भर्ती कर ली गई। आखिरकार इसकी सूचना पहले क्यों नहीं दी गई।

विजय निषाद, कैंडिडेट

भर्ती प्रक्रिया में बिलकुल भी ट्रांसपैरेंसी नहीं अपनाई गई है। पिछले कई दिनों से चक्कर लगा रहा हूं, लेकिन कैंडिडेट्स को यह भी नहीं बताया गया कि भर्ती किस आधार पर करेंगे। ऐसी भर्ती का क्या फायदा जहां ट्रांसपैरेंसी ही न हो। ऐसी भर्ती को कैंसिल कर देना चाहिए।

पप्पू, कैंडिडेट