इस मतदान के बाद वर्तमान प्रधानमंत्री बर्लुस्कोनी के त्यागपत्र का रास्ता साफ़ हो जाएगा। ऐसी संभावना जताई जा रही है कि बर्लुस्कोनी का स्थान यूरोपीय संघ के पूर्व आयुक्त मारियो मोंटी लेंगे।

इससे पहले शुक्रवार को इटली के ऊपरी सदन ने पेंशन की उम्र बढ़ाने, ईंधन के दामों में वृद्धि करने और सरकारी संपत्ति को बेचने वाली इस योजना को हरी झंडी दे दी थी।

उस मतदान के बाद शेयर बाज़ारों में उछाल दर्ज किया गया था। इटली में कटौतियों के इस प्रस्ताव में 59.8 बिलियन यूरो की बचत का प्रावधान है।

इसमें वेल्यू एड्ड टैक्स को 20 से बढा़कर 21 प्रतिशत, सरकारी तनख़्वाहों में 2014 तक कोई बढ़ोतरी ना करना और रिटायर होने की उम्र में बढ़ोतरी करना शामिल है।

इसके अलावा ढाई हज़ार से अधिक नकदी लेन-देन पर भी प्रतिबंध लगाने का प्रावधान है। साथ ही ऊर्जा के क्षेत्र में एक विशेष कर लगाने की भी योजना है।

'स्वागत'

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की प्रमुख क्रिस्टीन लागार्ड ने इटली और ग्रीस द्वारा उठाए जा रहे क़दमों की सराहना की है। ग्रीस में बी शुक्रवार को नए प्रधानमंत्री लुकास पापाडिमोस ने सत्ता संभाली है।

टोक्यो की यात्रा पर गईं लागार्ड ने कहा, “अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष दोनों मुल्क़ों में राजनीतिक स्थिरता और स्पष्ट आर्थिक नीति चाहता था। मुझे लगता है कि इस विषय में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है। ”

मंगलवार को इटली के प्रधानमंत्री बर्लुस्कोनी संसद में बहुमत खो चुके हैं और उन्होंने कहा है कि कटौतियों पर मतदान पूरा होने के बाद वो इस्तीफ़ा दे देंगे।

अगर शनिवार को निचला सदन कटौतियों के प्रस्ताव पारित कर देता है तो शाम तक बर्लुस्कोनी अपना इस्तीफ़ा राष्ट्रपति को सौंप सकते हैं। उसके बाद राष्ट्रपति मारियो मोंटी या किसी दूसरे उम्मीदवार को सरकार बनाने का न्यौता दे सकते हैं।

रोम में बीबीसी संवाददाता एलन जॉनस्टन कह रहे हैं कि इटली के राजनीतिज्ञ ये संकेत देने के लिए आतुर हैं कि उनका देश अपनी वित्तीय स्थिति को नियंत्रण में रखने के काबिल है।

बीबीसी संवाददाता के अनुसार मारियो मोंटी एक सम्मानीय अर्थशास्त्री हैं और संकट की घड़ी में किसी ऐसे ही व्यक्ति के सत्ता में आने से शेयर बाज़ारों में भी विश्वास लौटेगा।

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