सुप्रीम कोर्ट रैगिंग रोकने के लिए कई बार आदेश दे चुकी है। उसके बाद भी न तो कॉलेज और न ही यूनिवर्सिटी इन पर कोई अमल कर रही है।
नहीं होती मीटिंग
यूनिवर्सिटी कैंपस और कॉलेजों में दिखाने के लिए सिर्फ एंटी रैगिंग से संबंधित बोर्ड कैंपस में लगा दिए जाते हैं। सीसीएसयू कैंपस हो या कॉलेज कहीं पर भी एंटी रैगिंग कमेटी बनने के बाद उसकी कोई मीटिंग कभी नहीं होती। सीसीएसयू कैंपस में ही पिछले साल एंटी रैगिंग कमेटी का गठन होने के बाद उसकी मीटिंग नहीं हुई।
पुराना बोर्ड
कैंपस के अधिकारी रैगिंग के बारे में कितने जागरूक हैं इसका पता इसी कैंपस में लगे एंटी रैगिंग बोर्ड से चलता है। कैंपस में लगे एंटी रैगिंग बोर्ड और एंटी रैगिंग कमेटी के बोर्ड पर चीफ प्रोक्टर का नाम वाई सिंह लिखा गया है। जब कि वाई सिंह को चीफ प्रोक्टर पद से हटे छह महीने से ज्यादा हो चुके हैं.अमन कांड
मार्च 2009 में ऐसे ही चार सीनियर्स की मस्ती के कारण हिमाचल के मेडिकल कॉलेज में पढऩे वाले अमन सत्य खाचरू ने अपनी जान गंवा दी थी। अमन के पिता राजेंद्र खाचरू ने हार नहीं मानी और चारों आरोपियों को मई 2010 में सजा दिलाई। उसके बाद से ही वो रैगिंग के खिलाफ लड़ रहे हैं। उन्होंने अमन के नाम से एक ट्रस्ट बनाया। इस ट्रस्ट ने यूजीसी के लिए एंटी रैगिंग पोर्टल तैयार किया है।
जोड़े जाएंगे सभी कॉलेज
सुप्रीम कोर्ट के 8 मई 2009 के आदेशों के तहत ही यूजीसी ने अपना एंटी रैगिंग पोर्टल पिछले साल शुरू किया था, जिससे देश भर के कॉलेजों और यूनिवर्सिटी के साथ जोड़ा जाना है। पोर्टल पर मौजूद एफीडेविट फॉर्म सभी के लिए भरना कंपल्सरी है।
यहां करें शिकायत
कोई भी अपनी शिकायत 18001805522 नंबर पर फोन करके या 222.ड्डठ्ठह्लद्बह्म्ड्डद्दद्दद्बठ्ठद्द.द्बठ्ठ शह्म् 222.ड्डद्वड्डठ्ठद्वश1द्गद्वद्गठ्ठह्ल.शह्म्द्द पर दर्ज करा सकते हैं। इसी वेबसाइट पर एंटी रैगिंग एफीडेविट भी डाला गया है जिसे हर स्टूडेंट के लिए भरना कंप्लसरी है।
अमन मूवमेंट
अमन मूवमेंट के लिए रीजनल ऑफिस 698, सेक्टर 28 गुडगांव में बनाया गया है। जिसकी हेल्प लाइन नंबर 09810159994, 09871802404, 09717059747 हैं। इमरजेंसी में इन नंबर्स पर भी संपर्क किया जा सकता है।
ये है पोर्टल का काम
- आने वाली सभी कॉल्स का रिकार्ड रखना।
- कॉल सेंटर के ई मेल का रिकार्ड रखना।
- शिकायतों का फॉलो अप करना।
- स्टूडेंट्स अपनी शिकायतों की अपडेट भी देख सकते हैं।
- कॉलेजों और यूनिवर्सिटीज का डाटाबेस तैयार करना।
ये हैं नियम
- सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि यूनिवर्सिटी और कॉलेजों में एंटी रैगिंग कमेटी और एंटी रैगिंग स्क्वायड बनाए जाएंगे।
-यूजीसी के रेगुलेशन 6.2 के एम एंड एन क्लॉज के तहत एडमिशन के समय पर सभी पेरेंट्स से इस आशय का एफिडेविड लिया जाए, जिसमें ये स्पष्ट हो कि उनका बच्चा कॉलेज में रैगिंग जैसी घटना में शामिल नहीं होगा।
- ऐसी किसी घटना में लिप्त पाए जाने पर आरोपी को अपना पक्ष रखने का मौका दिया जाए। अगर उसकी दलील सही नहीं पाई जाती है तो उसे एक्सपेल कर दिया जाए।
- पूरे सेशन में रैगिंग होने पर कितने लोगों के खिलाफ कार्रवाई की गई। इसकी सारी जानकारी कॉलेज प्रॉस्पेक्टस में दी जाए।
- यूजीसी ने एंटी रैगिंग से संबंधित विडियो अपलोड की हैं। उन विडियो को पेरेंट्स और स्टूडेंट्स को दिखाया जाए। अवेयरनेस क्रिएट की जाए।
ये हुए थे मामले
- बाईपास स्थित एक इंजीनियरिंग एंड मैनेजमेंट कॉलेज के गल्र्स हॉस्टल में सीनियर गल्र्स ने अपनी जूनियर्स को रैग किया था। मामला गर्माने के बाद कॉलेज ने कुछ गल्र्स को एक्सपेल कर दिया था। लेकिन मामला दबा दिया गया।
- इसी तरह गढ़ रोड स्थित एक इंजीनियरिंग कॉलेज में एक क्लास में घुस कर कुछ छात्र नेताओं ने एक छात्रा को डांस करने को कहा। इस पर छात्रा बेहोश हो गई। मामला मीडिया में आया तो छात्रा पर दबाव बनाकर उससे लिखित बयान लिया गया कि रैगिंग नहीं हुई और आरोपी युवक तो मेरे भाई हैं और वो मुझ से मिलने आए थे।
"सीसीएसयू कैंपस की एंटी रैगिंग कमेटी के बारे में किसी को कुछ पता ही नहीं है."
अर्चना चौबे, स्टूडेंट
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