होम मिनिस्टर सुशील कुमार शिंदे ने एंटी रेप बिल ट्यूज्डे को लोकसभा में पेश कर दिया. इस बिल में वुमेन की सेफ्टी पर सभी पार्टियों की तरफ से आए सुझावों को शामिल किया गया है.

सहमति से सेक्स की मिनिमम एज 18 वर्ष रखी गई है. गवर्नमेंट ने अपने प्रस्ताव में सहमति से सेक्स की उम्र 18 से घटारक 16 किए जाने की बात कही थी. जिसका ज्यादातर पार्टियों ने विरोध किया था.

घूरना क्राइम पर...

इसके अलावा पीछा करना और ताक-झांक यानिकि घूरकर देखने को भी क्राइम की कैटेगरी में रखा गया है. मगर इसमें जो सुधार किया गया है वह यह है कि इस क्राइम में आरोपी को थाने से ही जमानत मिल जाएगी.

सहमति से सेक्स इश्यू पर जुड़ीं शर्तें

लोकसभा में जो एंटीरेप बिल पेश किया गया है उसमें सहमति से सेक्स इश्यू की एज तो 18 ही रखी गई है मगर उसमें कुद शर्तें जोड़ दी गई हैं. अगर लड़की 16 की हो और लड़का भी 16 से ऊपर लेकिन 18 से नीचे का हो तो ऐसे में पहले ऑफेंस में गिरफ्तार नहीं किया जाएगा और सुधरने का मौका दिया जाएगा. दूसरे ऑफेंस में जुवेनाइल जस्टिस के तहत मामला चलेगा. अगर लड़का 18 से ऊपर हुआ तो क्राइम माना जाएगा.

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