आगरा: बहन के साथ नाम बदलकर रह रहे शातिर ने मकान मालिक की नाबालिग बेटी को अगवा कर लिया। 14 दिन तक अलग-अलग शहरों में रहकर उसकी अस्मत से खेलता रहा। फतेहपुर सीकरी जाने को बस का इंतजार कर रहे युवक को किशोरी समेत बजरंग दल कार्यकर्ताओं ने दबोच लिया। पिटाई के बाद दोनों पुलिस को सौंप दिए।

दो सप्ताह पहले अलीगढ़ से किडनैप की गई थी किशोरी

सिकन्दराराऊ निवासी 25 वर्षीय वसीम अकरम पुत्र रहीश खान और उसकी बहन हुमा चार माह पहले अलीगढ़ के सासनी गेट थाना क्षेत्र के पाला रोड के एक घर में किराए पर रहते थे। मकान मालिक को वसीम ने अपना नाम बसंत और बहन का नाम रेखा बताया। पहचान छिपाने के लिए वसीम ने हाथ में कलावा भी बांध रखा था। इसी दौरान वसीम ने मकान मालिक की 17 साल की बेटी को अपने जाल में फंसा लिया। 19 मार्च को उसे अगवा कर ले गया। इससे पांच दिन पहले ही उसने कमरा खाली कर दिया था। बाद में वसीम ने ही फोन कर छात्रा के परिजनों को धमकाया। जान से मारने की धमकी देते हुए कहा कि पुलिस के पास जाने की जरूरत नहीं है। उनकी लड़की उसके दोस्त के पास है। इसके बाद वसीम किशोरी को मैनपुरी, फर्रुखाबाद, जयपुर, अजमेर घुमाता रहा। तब किशोरी को पता चला कि युवक मुस्लिम है। रविवार सुबह आठ बजे वसीम और किशोरी जयपुर से ट्रेन में बैठकर अछनेरा पहुंचे। वहां एक दुकान पर कोल्ड ड्रिंक पीने के दौरान बजरंग दल कार्यकर्ताओं को कुछ शक हुआ। पूछताछ में उसने सच्चाई खुलने पर बजरंगियों ने युवक की जमकर धुनाई की और पुलिस के हवाले कर दिया।

गैंगस्टर है लव जिहादी, इंस्पेक्टर अनजान

वसीम के पास एक डायरी मिली, जिसमें फर्रुखाबाद के थाना राजेपुर में सेवानिवृत्त सैन्यकर्मी की हत्या, गैंगस्टर आदि मुकदमे में उसके वांछित होने और कोर्ट की तारीखों का भी विवरण है। इंस्पेक्टर अछनेरा परमहंस तिवारी का कहना था कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है।