- इंसेफेलाइटिस वार्ड का केन्द्रीय राज्य स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ने किया निरीक्षण

- दवा, इलाज को लेकर केंद्र सरकार गंभीर, कर रही है भरपूर मदद

GORAKHPUR: बीआरडी मेडिकल कॉलेज के 100 बेड वाले इंसेफेलाइटिस वार्ड का रविवार को केंद्रीय राज्य स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री अनुप्रिया पटेल ने जायजा लिया। उन्होंने केंद्र सरकार की ओर से किए जा रहे प्रयासों की जानकारी दी। बताया कि एईएस मरीजों के वायरस पहचान का काम किया जा रहा है। सुअर पालन से यह बीमारी फैल रही है। कोशिश की जा रही है कि पशुपालन विभाग के जरिए सुअर का पालन करने वालों को दूसरे जानवरों के पालन के लिए प्रेरित किया जाए और सुअर पालन पर रोक लगाया जाए।

शुद्ध पेयजल को दिए 80 करोड़

अनुप्रिया पटेल ने बताया कि जेई के खात्मे के लिए इसके टीके को राष्ट्रीय टीकाकरण की सारणी में शामिल किया गया है। इसका असर भी हो रहा है। एईएस के कारण में खराब पेयजल भी है। केंद्र सरकार की ओर से ग्यारह राज्यों में समुदाय आधारित पेयजल के लिए 80 करोड़ रुपए दिए जा चुके हैं।

जल्द मिलेगी सफलता

उन्होंने यह भी कहा कि सुअर पालन को बंद करके बकरी, मुर्गा पालन कराया जाएगा। क्योंकि सुअर जेई वायरस का वाहक होता है। कहा कि केजीएमयू और पीजीआई में एईएस विषाणु की पहचान पर काम चल रहा है और जल्द ही इस क्षेत्र में कुछ सफलता मिल जाएगी। दवा, इलाज के लिए केंद्र सरकार लगातार प्रदेश सरकार को मदद दे रही है और देती रहेगी। कहा कि राज्य सरकार को भी इस बीमारी से निपटने के लिए गंभीरता से काम करने की जरूरत है।

नहीं सुनी शिकायतें

इंसेफेलाइटिस वार्ड का इंस्पेक्शन करने पहुंची मंत्री को तीमारदारों का विरोध भी झेलना पड़ा। कई तीमारदारों ने प्रदर्शन कर दवा न मिलने और इलाज में लापरवाही बरतने की शिकायत भी की। मगर मंत्री ने किसी की एक न सुनी और बिना सवालों का जवाब दिए ही गाड़ी में सवार हो निकल लीं।