-दैनिक जागरण आई नेक्स्ट के खुलासे के बाद इंस्पेक्टर हजरतगंज ने अनुराग के भाई से कपड़े की जानकारी होने से किया इंकार

-पुलिस की लापरवाही से हैरान भाई मयंक ने पुलिस पर साजिश रचने का लगाया आरोप

LUCKNOW:

कर्नाटक कैडर के आईएएस ऑफीसर अनुराग तिवारी की रहस्यमय हालात में हुई मौत के बाद परिजनों को एसएसपी दीपक कुमार ने बताया था कि अनुराग के शरीर पर मौजूद मिले कपड़े पूरी तरह सेफ हैं, हालांकि दैनिक जागरण आई नेक्स्ट के खुलासे के बाद जब अनुराग के बड़े भाई आलोक तिवारी ने इंस्पेक्टर हजरतगंज आनंद शाही से बात की तो उन्होंने कपड़ों की जानकारी होने से ही इंकार कर दिया। यह कहना है अनुराग के भाई मयंक तिवारी का। पुलिस की इस गलतबयानी और लापरवाही से हैरान परिजनों ने पुलिस पर वारदात को दबाने की साजिश रचने का आरोप लगाया है।

सीबीआई को देने के लिये बोला था

अनुराग के भाई मयंक ने दैनिक जागरण आई नेक्स्ट से बातचीत में बताया कि वारदात के पांच दिन बाद वे अपनी मां व पत्‍‌नी के साथ सीएम योगी आदित्यनाथ से मिले थे। इसके बाद वे एसएसपी दीपक कुमार से मुलाकात करने उनके कैंप ऑफिस पहुंचे थे। मयंक के मुताबिक, इस मुलाकात के दौरान ही उन्होंने अनुराग की हत्या की आशंका जताते हुए एफआईआर दर्ज करने के लिये तहरीर दी थी। इस दौरान उन्होंने एसएसपी दीपक कुमार से अनुराग के वारदात के वक्त शरीर पर मौजूद कपड़ों के बारे में पूछताछ की थी। मयंक के मुताबिक, एसएसपी ने उन्हें बताया था कि कपड़े पुलिस के पास सुरक्षित हैं, अगर वे चाहें तो अपने साथ ले जा सकते हैं। एसएसपी की इस बात पर मयंक ने संतोष जाहिर करते हुए कहा था कि वे कपड़े सुरक्षित रखें और सीबीआई में जांच ट्रांसफर होने के बाद सीबीआई टीम को सौंप दें। मयंक ने बताया कि उस वक्त इंस्पेक्टर हजरतगंज आनंद शाही भी वहां पर मौजूद थे।

गुरुवार को पलट गए इंस्पेक्टर

मयंक ने बताया कि दैनिक जागरण आई नेक्स्ट के गुरुवार एडिशन में 'मच्र्युरी से गायब हुए आईएएस अनुराग तिवारी के कपड़े' खबर पढ़ने के बाद उनके बड़े भाई आलोक तिवारी ने इंस्पेक्टर हजरतगंज आनंद शाही को फोन कर कपड़ों के बारे में पूछताछ की। मयंक के मुताबिक, इंस्पेक्टर शाही ने आलोक से कहा कि जिन लाशों की शिनाख्त नहीं होती सिर्फ उनके ही कपड़े सुरक्षित रखे जाते हैं। अनुराग की शिनाख्त हो चुकी थी इसलिए, उनके कपड़े सुरक्षित नहीं रखे गए। जब आलोक ने इंस्पेक्टर से कहा कि यह रहस्यमय हालात में मौत का मामला था और प्रबल संभावना थी कि इसकी जांच सीबीआई करेगी, तो फिर अनुराग के कपड़े सुरक्षित क्यों नहीं रखे गए तो इंस्पेक्टर शाही ने किसी धरने में जाने की बात कहकर फोन डिसकनेक्ट कर दिया।

परिजनों ने जताई साजिश की आशंका

मयंक ने बताया कि पुलिस अनुराग की मौत के बाद से ही इसकी जांच में लगातार लापरवाही बरत रही थी। जिसे देख उन्होंने सीबीआई जांच की मांग की थी। पर, केस के सीबीआई में ट्रांसफर होने तक जिस तरह से पुलिस ने इसकी जांच में खेल किया वह समझ से परे है। मयंक ने कहा कि पुलिस के इस रवैये को देख तो उन्हें लग रहा है मानो पुलिस ने सारा जोर लगा दिया है कि अनुराग की मौत का सच कभी किसी के सामने न आ सके। हालांकि, मयंक ने भरोसा जताया कि सीबीआई जरूर इस मामले में दूध का दूध और पानी का पानी करेगी और उनके भाई को इंसाफ मिलेगा।