'कान' फिल्म फेस्टिवल में प्रदर्शन के लिए अपनी तीन फि ल्मों के चयन से फिल्म निर्माता अनुराग कश्यप खासे उत्सुक हैं, लेकिन इसके साथ-साथ वह थोड़े घबराए हुए भी हैं. वैसे कश्यप अपने काम की सराहना से भी बहुत उत्साहित हैं.

'देव डी', 'द गर्ल इन येल्लो बूट्स' और 'शैतान' जैसी फिल्में बना चुके कश्यप ने कान अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव के लिए रवाना होने से पहले बुधवार को बताया, "जिस तरह से हमारे काम की सराहना हो रही है, उसे देखना बहुत अच्छा है. हमारे समर्पण और जुनून को अंतत: स्वीकारा जा रहा है और हम धीरे-धीरे सफलता की सीढ़ियां चढ़ने की कोशिश कर रहे हैं."

महोत्सव में प्रदर्शन के लिए अपनी तीन फिल्मों 'पेडलर्स' और 'गैंग्स ऑफ वासेपुर' के दोनों भागों के चुने जाने के बाद निर्माता-निर्देशक सातवें आसमान में उड़ रहे हैं.

उन्होंने कहा, "हम प्रतिष्ठित कान फिल्म महोत्सव में हमारी तीन फिल्मों के प्रदर्शन होने से बेहद उत्साहित हैं. हमनें 'पेडलर्स' का निर्माण अंतर्राष्ट्रीय दर्शकों को ध्यान में रखकर किया था, लेकिन 'गैग्स ऑफ वासेपुर' का निमार्ण जल्दी में किया गया था. अभी तक तो कोई तैयारी नहीं की है लेकिन क्या होने वाला हैं, इसे लेकर मैं थोड़ा घबराया हुआ हूं."

'पेडलर्स' एक अपराध पर आधारित फिल्म है, जबकि 'गैंग्स ऑफ वासेपुर' कोयला माफिया पर आधारित है.

कश्यप का अब तक का सफर मुश्किलों भरा है, लेकिन उनका करियर खासा प्रभावशाली रहा है. उनकी पहली फिल्म 'ब्लैक फ्राइडे' को शुरुआत में सिनमाघरों में दिखाए जाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया, लेकिन वर्ष 2007 में फिल्म से प्रतिबंध हटा दिया गया. उनकी फिल्म 'गुलाल' पांच वर्ष देरी के बाद वर्ष 2009 में प्रदर्शित हुई थी और अब 'गैग्स ऑफ वासेपुर' को एक वर्ष तक रोक दिया गया है.

लेकिन फिल्म निर्माण का अनूठा तरीका और कहानी बताने की नई तकनीक उनके के लिए बॉलीवुड में पैर जमाने में खासी मददगार साबित हो रही है.

कश्यप के बैनर तले बनी उड़ान का 63वें कान फिल्म महोत्सव में यूएन कर्टन रिगार्ड सेक्शन में प्रदर्शन किया गया था. फिलहाल उनकी दो और फिल्में 'माइकल' और 'अइया' भी रिलीज होने का इंतजार कर रही हैं.

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