= मेनिनजाइटिस और सस्पेक्टेड जापानी इंसेफलाइटिस का मरीज मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग गंभीर

-सीएचसी-पीएचसी में बुखार के सभी मरीजों की स्लाइड व जांच करने के निर्देश

BAREILLY: बरेली में मॉनसून के बढ़ते ग्राफ के साथ ही जानलेवा बुखार के हमलों में भी बढ़ोतरी हो गई है। अगस्त के पहले हफ्ते में ही बरेली में दिमागी बुखार मेनिनजाइटिस के अलावा जापानी इंसेफलाइटिस, जेई की मौजूदगी की भी आशंका है। ऐसे में मलेरिया समेत डेंगू के लिए पहले से ही अलर्ट जारी कर चुके स्वास्थ्य विभाग ने बरेली में बुखार से हो रही मासूमों की मौतों पर खास सावधानी बरतनी शुरू कर दी है। स्वास्थ्य विभाग ने जिले में बुखार के हर केस को गंभीरता से लिए जाने के निर्देश जारी किए हैं। सीएचसी-पीएचसी को इस बाबत निर्देश देकर अलर्ट जारी हुआ है। बुखार के हर मरीज की डेंगू व मलेरिया की जांच होगी। वहीं संदिग्ध लक्षण दिखते ही फौरन जेई व मेनिनजाइटिस जैसे दिमागी बुखार की शिनाख्त के लिए भी सैंपल लेकर जांच होगी।

बुखार के 32 फीसदी मरीज बढ़े

बरेली में मेनिनजाइटिस और सस्पेक्टेड जेई से तीन मासूमों की मौत हो चुकी है। वहीं संदिग्ध बुखार की चपेट में आकर 4 लोगों की जिंदगी खत्म हो गई। वायरल फीवर के साथ ही मच्छरों से होने वाली बीमारियों का बुखार भी तेजी से लोगों को अपनी चपेट में ले रहा। डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में पिछले 9 दिनों में ओपीडी पहुंचने वाले नए मरीजों का औसत करीब 2130 रहा। इनमें फिजिशियन के पास बुखार से पीडि़त मरीजों की तादाद रोजाना औसत 105 से ज्यादा रही। डॉक्टर्स के मुताबिक डायरिया के अलावा बुखार के मरीज सबसे ज्यादा ओपीडी पहुंच रहे। पिछले 9 दिनों में बुखार से पीडि़त मरीजों की तादाद में करीब 32 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।

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ट्रेनों से वेस्ट यूपी में जेई की घुसपैठ

बिहार-गोरखपुर से आने वाली ट्रेनों से बरेली-पीलीभीत पहुंच रहा क्यूलैक्स विश्नूई

BAREILLY:

यूपी के गोरखपुर व आसपास के एरियाज में अमूमन दहशत फैलाने वाली जानलेवा बीमारी जापानी इंसेफलाइटिस, जेई ट्रेनों में सवार हो रुहेलखंड में अपनी दस्तक दे रही। बिहार से वाया गोरखपुर आने वाली ट्रेनों में ही इस बीमारी को फैलाने के लिए जिम्मेदार मच्छर क्यूलैक्स विश्नुई बरेली तक पहुंच रहा है। डीएमओ बरेली डॉ। पीके जैन ने जेई बीमारी फैलाने वाले मच्छरों के इस तरह ही बरेली के आस पास तक पहुंचने की संभावना जताई है। डीएमओ के मुताबिक ट्रेने मुसाफिरों के साथ ही मच्छरों के भी एक जगह से दूसरे देश तक पहुंचने का आसान व सेफ जरिया है। ट्रेनों के अंदर फॉगिंग न होने से मच्छरों के आसानी से पनपने और फैलने की फेवरेबल कंडीशन बनती है। वहीं बरेली के नजदीक वाले तराई के एरियाज व पीलीभीत का काफी हिस्सा जहां सूअर पाले जाते हैं, जेई के फैलने के लिए बेहतर माहौल है।

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- जेई की जानलेवा बीमारी खासकर बच्चों को अपनी चपेट में लेती है।

- सूअर पालन केन्द्रों वाले तराई वाले एरियाज में यह बीमारी ज्यादा फैलती है।

- जेई की चपेट में गंभीर हालत वाले मासूमों के बचने की संभावना 40 फीसदी रहती है।

- बुखार को गंभीरता से लें, जांच जरूर कराएं, इसमें देरी न करें।