हर वक्त लगा रहता है डर
सिटी के मोस्ट कंजस्टेड और सबसे ज्यादा फुटफॉल वाली साकची मार्केट में कई जगहों पर इलेक्ट्रिक लाइन वॉयर्स के पैरलल में होल्डिंग्स और बैनर्स टांग दिये गए हैं, जिसके चलते अक्सर स्पार्किंग होने की कंप्लेन आती रहती हैं। इस मार्केट में छोटी-बड़ी शॉप्स को मिलाकर करीब पांच हजार दुकानें हैं। ये मार्केट इतनी कंजस्टेड है कि अगर किसी प्रकार की आग की घटना होती है, तो कई जगहों पर फायर ब्रिगेड का पहुंचा भी मुश्किल होगा।  

हो चुकी हैं कई घटनाएं
इलेक्ट्रिक लाइन से सटाकर बैनर और होल्डिंग टांगने की वजह से कई बार शॉर्टसर्किट और आग लगने की घटनाएं हो चुकी हैं। करीब दो महीने पहले ही साकची मार्केट में शिव मंदिर के पास स्पार्किंग होने से आग लगने की घटना हुई थी, जिसमें काफी नुकसान हुआ था। इससे पहले भी कई बार शॉर्ट सर्किट होने के चलते आग लग चुकी है।

मार्केट के अंदर नहीं होती चेकिंग
साकची मार्केट स्थित न्यू एल्यूमिनियम स्टोर के ओनर संतोष ने बताया कि टिस्को की ओर से बैनर हटाने को लेकर समय-समय पर अभियान चलाया जाता है, पर केवल मेन रोड पर टंगी हुई होल्डिंग्स को ही हटा दिया जाता है। मार्केट के अंदर जाकर कभी भी चेकिंग नहीं की जाती। करीब चार महीने पहले ही चेकिंग करके रोड पर टंगी हुई होल्डिंग्स को हटाया गया था, लेकिन मार्केट का हाल अभी भी पहले जैसा ही है। वहीं लोकल शॉप होल्डर्स का कहना है कि टिस्को भी इस बात को लेकर काफी लापरवाही बरतता है। कई बार लाइन डिस्टर्ब हो जाने पर टिस्को से मैकेनिक आते हैं, लेकिन इस दौरान भी वे पोल से बंधे हुए बैनर्स और होल्डिंग्स को हटाना मुनासिब नहीं समझते।

जनरेटर लाइन भी बन सकती है दुर्घटना का कारण

मार्केट एरिया में जनरेटर लाइंस का भी गोरखधंधा चल रहा है। लोकल शॉप होल्डर्स का कहना है कि जनरेटर लाइंस के लिए इतने घटिया वॉयर्स यूज किए गए हैं, जो जगह-जगह से कटे हुए हैं। इन वॉयर्स के टूटने का हमेशा डर बना रहता है पर जनरेटर लाइन सप्लाई करने वालों को इस बात से कोई मतलब नहीं है। वे तो केवल अपने मुनाफे से मतलब रखते हैं। साकची मार्केट में सब्जी मार्केट के पास स्थित मंदिर, चावल मार्केट, मान सरोवर होटल होटल के पास आदि जगहों पर जनरेटर रखा हुआ है। शॉप ओनर्स का कहना है कि इन जनरेटर वालों की लोकल थानों और टिस्को से सांठ-गांठ है, जिसके चलते इनका धंधा खुले आम चल रहा है।