-शस्त्र लाइसेंस विभाग में आने वाले लोग रिवाल्वर, पिस्टल और बंदूक का रेट पूछकर बता रहे महंगी है फीस

GORAKHPUR: शस्त्र पर लगे रोक हटने के बाद भी अभी गोरखपुर जनपद में शस्त्र लाइसेंस आवेदन प्रक्रिया भले प्रारंभ नहीं हो सकी है, लेकिन शस्त्र लाइसेंस के शौकीन लोगों को आवेदन करने से पहले ही फीस का बड़ा झटका लगा है। नए जमाने में जहां पिस्टल व रिवाल्वर रखने का एक अलग क्रेज है। वहीं, एनएससी के 50 हजार की फीस सुनकर शस्त्र विभाग से वापसी करते नजर आ रहे हैं। वहीं, डबल बैरल बंदूक पर बीस हजार और सिंगल बैरल बंदूक पर दस हजार रुपए एनएससी फीस रखा गया है। इसके अलावा क्लब फीस, स्टांप फीस, जिला क्रीड़ा समिति फीस व रेडक्रास फीस जोड़कर रिवाल्वर व पिस्टल की कुल फीस 58000 के पास पहुंच रही है, जो बेहद महंगा है। इसके अलावा एक लाख की पिस्टल खरीदने में अलग से खर्च करने होंगे। अब ऐसे में महंगी फीस होने के नाते पिस्टल के शौकीन फीस सुनकर वापस हो रहे हैं।

दिवाली बाद ही होगा आवेदन

शासन से रोक हटने के बाद से कलेक्ट्रेट के शस्त्र विभाग में प्रतिदिन करीब 100-150 लोग आवेदन प्रक्रिया कब से प्रारंभ हो रही है। इसको लेकर सवाल जवाब करते नजर आते हैं, लेकिन जब पिस्टल, रिवाल्वर और बंदूक की फीस जान लेते हैं तो वह महंगी फीस का हवाला देते हुए सीधे किनारा करते नजर आ रहे हैं। वहीं, शस्त्र लाइसेंस विभाग के कर्मचारी राम सिंह बताते हैं कि आवेदन की प्रक्रिया प्रारंभ होने से पहले डीएम द्वारा निर्देश जारी होने के बाद भी आवेदन प्रक्रिया प्रारंभ की जाएगी। आवेदन प्रक्रिया दिवाली बाद शुरू हो सकेगी। शस्त्र लाइसेंस विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक, तत्कालीन डीएम रवि कुमार एनजी के कार्यकाल में सन 2013 में शस्त्र लाइसेंस के आवेदन पर प्रतिबंध लगा था। जिले में कुल 22010 शस्त्र लाइसेंस है। इससे पहले सन 2011-12 में तत्कालीन डीएम संजय कुमार के कार्यकाल में सबसे ज्यादा 700 शस्त्र लाइसेंस बनाए गए थे।

नहीं देना होगा टेस्ट

अब आवेदकों का शस्त्र चलवाकर टेस्ट नहीं लिया जाएगा। उन्हें सिर्फ शस्त्र चलाने की ट्रेनिंग (खाली बंदूक से) का प्रमाण पत्र दिया जाएगा। आयुध नियमावली 2016 से 8 श्रेणियों को वरीयता मिलेगी। इसमें व्यापारी, उद्यमी, बैंक संस्थागत, वित्तीय संस्थाएं, अपराध पीडि़त, विरासत, सैनिक, अर्धसैनिक, पुलिसकर्मी, विधायक, सांसद, प्रवर्तन कार्य में ले कर्मी, राज्य स्तर से लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर के निशानेबाज को प्राथमिकता दी जाएगी।

कारतूस 25 से बढ़कर 200

शासन की ओर से अभी तक रिवॉल्वर और पिस्टल धारकों को हर साल 25 कारतूस दिए जाते थे, लेकिन अब योगी सरकार ने कारतूसों की संख्या 200 कर दी है। वहीं, रायफल धारकों की कारतूस की सीमा 75 की गई है। शस्त्र खरीदने वाले पहली बार में 100 कारतूस एक साथ ले सकते हैं। जबकि, शेष 100 कारतूस खरीदने पर आपको खोखे भी वापस करने की कोई जरूरत नहीं है। पुराने लाइसेंस धारकों को नए कारतूस खरीदने पर 80 परसेट खोखे वापस करने पड़ेंगे।

फैक्ट फाइल

रिवाल्वर व पिस्टल की फीस

एनएससी फीस - 50000

रायफल क्लब फीस - 4000

स्टांप फीस - 2000

रसीद फीस - 1000

जिला क्रीड़ा समिति फीस - 500

रेड क्रास सोसायटी फीस - 500

कुल फीस - 58000

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डबल बैरल बंदूक की फीस

एनएससी फीस - 20000

रायफाल क्लब फीस - 3500

स्टांप फीस - 1000

रसीद फीस - 1000

जिला क्रीड़ा समिति फीस - 250

रेड क्रास सोसायटी फीस - 250

कुल - 26000

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सिंगल बैरल बंदूक की फीस

एनएससी - 10000

रायफल क्लब फीस - 3500

स्टांप के लिए फीस - 1000

रसीद फीस - 1000

जिला क्रीड़ा समिति फीस - 250

रेड क्रास सोसायटी फीस - 250

कुल - 16000

वर्जन

पहले के अपेक्षा शस्त्र लाइसेंस के नियमों काफी बदलाव है। जो नया शासनादेश है। उसी के एकार्डिग आवेदन होंगे। आवेदन प्रक्रिया प्रारंभ करने से पहले की प्रक्रिया पूरी करने के बाद आवेदन प्रक्रिया स्टार्ट होगी।

के विजयेंद्र पांडियन, डीएम