छ्वन्रूस्॥श्वष्ठक्कक्त्र : बर्मामाईस स्थित श्रम नियोजन प्रशिक्षण विभाग के औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आईटीआई) में गड़बडि़यां ही गड़बडि़यां हैं। यहां छात्रों से आर्थिक भयादोहन जमकर हो रहा था। इस आर्थिक भयादोहन की पूर्ण जिम्मेदारी क्लर्क के नाम से मशहूर भूषण कुमार शर्मा की थी। गुरुवार को एंटी करप्शन ब्यूरो द्वारा छापेमारी के बाद जब शुक्रवार को केन्द्र का दौरा किया गया तो कई चौकाने वाले तथ्य उभरकर सामने आए।

11 सालों से चल रहा 'धंधा'

पता चला कि भूषण कुमार शर्मा बर्मामाईस आइटीआई में 11 वर्ष से काम कर रहा है। ऊपर से लेकर नीचे तक के अधिकारियों को सेटिंग-गेटिंग करने के बाद वह पिछले छह सालों से छात्रों को एडमिशन, परीक्षा, रजिस्ट्रेशन व प्रमाण पत्र देने के नाम आर्थिक भयादोहन का काम करने लगा। जो छात्र भूषण को पैसा नहीं देते थे, उन्हें जमकर परेशान किया जाता था। शुक्रवार को केन्द्र जाकर यह जानकारी मिली कि भूषण कुमार शर्मा मूल रूप से अप्रेंटिस सेल का तकनीकि सहायक था। इस कारण वह विभिन्न कंपनियों (टिस्को, टाटा मोटर्स सहित) के अप्रेंटिस में भी एडमिशन के लिए एक छात्र से 25 से 30 हजार रुपये की राशि लेता था। इसके बाद इन छात्रों के रजिस्ट्रेशन, परीक्षा में चिट व कॉपियों के मूल्यांकन के नाम पर भी प्रति छात्र पांच-पांच हजार रुपये लेता था। छात्रों से राशि वसूल कर वह अपने आला अधिकारियों को भी पहुंचाता था। कुल मिलाकर यहां से हर साल वह 5.50 करोड़ रुपये से अधिक की वसूली करता था।

हस्ताक्षर कर घुसी थी एसीबी की टीम

औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान बर्मामाईस में एंटी करप्शन ब्यूरों की टीम को सुरक्षा गार्ड ने रोक दिया था। बाद में गार्ड के पूछने पर अपने आप को छात्रों का अभिभावक बताया और बकायदा गार्ड के रजिस्टर में नाम पता दर्ज करते हुए वे प्राचार्य कक्ष की ओर बढ़े।

परीक्षा नियंत्रक भी हैं बर्मामाईस आइटीआई के प्राचार्य

बर्मामाईस स्थित आइटीआई के प्राचार्य डी प्रसाद कोल्हान के अधिकत्तर आइटीआई केन्द्रों के प्राचार्य है। सिर्फ यही नहीं वे आइटीआई बोर्ड रांची के परीक्षा नियंत्रक भी हैं। इस कारण तकनीकि सहायक भूषण कुमार से उनकी खूब जमती थी। डी प्रसाद बर्मामाईस के अलावा चाईबासा महिला एवं जनरल आइटीआई, गुआ, खरसावां, जमशेदपुर आइटीआई के प्राचार्य, आदित्यपुर आइटीआई के सहायक निदेशक पद पर भी कार्यरत हैं।

हर साल 336 छात्र विभिन्न ट्रेडों में एडमिशन

बर्मामाईस स्थित आईटीआई केन्द्र में अप्रेंटिस के अलावा सरकार द्वारा निर्धारित फिटर, इलेक्ट्रिकल, आईटी व अन्य ट्रेड़ों के लिए कुल 336 छात्र एडमिशन लेते हैं। वैसे कई छात्र जो बर्मामाईस आइटीआई में एडमिशन लेना चाहते हैं। उनके लिए भी सारी व्यवस्था तकनीकि सहायक भूषण कुमार द्वारा किया जाता है। इसके एवज में इच्छुक अभ्यर्थियों से 20-30 हजार रुपये की रकम वूसली जाती है।

प्लेसमेंट का ठिकाना नहीं, कमाई करोड़ों में

बर्मामाईस आईटीआई केन्द्र से पास करने वाले छात्रों को प्लेसमेंट का ठिकाना नहीं था। फिर भी छात्र मजबूरी में क्लर्क के नाम से मशहूर कर्मचारी भूषण कुमार को हजारों रुपये देते थे। छात्रों से वह करोड़ों रुपये की वसूली करता था, लेकिन उन्हें किसी तरह की नौकरी नहीं मिल पाती थी।