देहरादून

गर्मी बढ़ने के साथ ही दून में सड़क हादसे बढ़ रहे हैं. सड़क हादसों के लिए वाहन चालकों की शारीरिक,मानसिक स्थिति के साथ सड़कों की खराब स्थिति भी बहुत हद तक जिम्मेदार है. देहरादून में जितने सड़क हादसे जनवरी, से मार्च तक तीन माह में हुए, उनकी तुलना में अकेले अप्रैल माह में ही 75 प्रतिशत हो गए. मई के शुरूआती चार दिन तो और खतरनाक बीते. इन चार दिन में ही देहरादून जिले में 6 मौत हो गई. चार दिन में 6 मौत. हादसों को कम करने के लिए कोई कदम नहीं उठाए गए तो मई में मई माह में मौत का आंकड़ा 45 के पार पहुंच जाएगा. जो वर्ष के शुरूआती 3 माह में सड़क हादसों में मौत से भी अधिक होगा.

विजिबिलिटी डिस्टर्वेस हादसों का बड़ा कारण:

गर्मी में दिन और रात दोनों समय विजिबिलिटी डिस्टर्बेस सड़क हादसों का बड़ा कारण रहता है. दिन में तेज धूप के चलते सड़कों पर कोलतार पिघलने से सड़क के शेप का उबड़-खाबड़ हो जाना, मृग मारिचिका बनने की वहज से ड्राइवर का सड़क पर वाहन चलाते समय कन्फ्यूजन पैदा होता है. रात के समय भी एनवायरमेंट में डस्ट पार्टिकल की वजह से विजुअल डिस्र्बेस की संभावना रही है. सर्दियों में कोहरे के चलते वाहन चालक सावधानी बरतते हैं, लेकिन गर्मियों में वातावरण में मौजूद धूल के कणों की वहज से आसपास की लो विजिबिलिटी को नजर अंदाज करते हैं.

तीन माह में 39 मौत, चार दिन में 6:

देहरादून में जनवरी फरवरी मार्च में सड़क हादसों में कुल 39 लोगों की मौत हो गई. मौत का आंकड़ा अप्रैल में और बढ़ा. अकेले अप्रैल माह तक में मरने वालों की संख्या 20 से अधिक रही. मई माह के तो शुरूआती चार दिन में ही सड़क हादसों ने लोगों को डरा दिया. 1 से लेकर 4 अप्रैल तक ही 6 लोगों की मौत हो गई. अगर इसी स्पीड से रोड एक्सीडेंट होते रहे तो मई माह में मरने वालों की संख्या कहां पहुंचेगा,आप खुद अंदाजा लगा सकते हैं.

सड़क हादसों में देहरादून सबसे आगे:

प्रदेश के 13 जिलों में देहरादून सबसे आगे हैं. सैटरडे को पुलिस मुख्यालय में डीजीपी ने प्रदेश में चार धाम यात्रा की तैयारियों पर बैठक ली,जिसमें सड़क हादसों के मामले छाए रहे. यातायात निदेशालय ने सड़क हादसों का डेटा सामने रखा तो देहरादून प्रदेश में नंबर वन था. चौंकानें वाली बात यह है कि पिछले चार माह में हरिद्वार और उद्यमसिंह नगर जैसे जिलों से भी अधिक मौत देहरादून में हुई. इसके लिए जिले के पुलिस अधिकारियों की सड़कों पर मॉनिटरिंग को कमजोर बताया जा रहा है.

दून में 70 प्रतिशत बढ़े सड़क हादसे: पुलिस मुख्यालय में सैटरडे को रोड एक्सीडेंटस पर हुए डिस्कशन में बताया गया दून में पिछले वर्ष की तुलना में 70 प्रतिशत सड़क हादसे बढ़ गए.

दून में रोड एक्सीडेंटस में 50 प्रतिशत बढ़ी मौत

वर्ष 2018 जनवरी से मार्च -

एक्सीडेंट 75, घायल 53, मौत 26

वर्ष 2019

एक्सीडेंट 77, घायल 57, मौत 39

दून में 49 ब्लैक स्पॉट:

देहरादून में सड़क हादसों के लिहाज से 49 ब्लैक स्पॉट चिन्हित हैं. ट्रैफिक एसपी प्रकाश चंद्र का कहना है कि एक जगह पर वर्ष भर में सड़क हादसों में 3 से 4 मौत होने की स्थिति में उस जगह को ब्लैक स्पॉट चिन्हित किया जाता है. सैटरडे की रात जिस जगह रोड एक्सीडेंट हुआ वह ब्लैक स्पॉट तो नहीं था, लेकिन डेंजरस कर्व था. वहां घुमाव और दुर्घटना संभावित क्षेत्र का सूचना का बोर्ड भी लगा था, लेकिन बोर्ड काफी पुराना होने की वजह से रात के समय में पूरी तरह विजिबल नहीं था.

इनका कहना:

देहरादून में सड़क हादसे बढ़ना वाकई बड़ा अलर्ट है. मौसम में बदलाव से भी अधिक सड़कों की स्थिति और लोकल लेवल पर मोटर व्हीकल एक्ट की अनुपालना कराने में पुलिस और परिवहन विभाग की भूमिका को और पावरफुल बनाने पर काम करेंगे.

केवल खुराना, यातायात निदेशक.