बहरहाल, सच्चाई कुछ भी हो लेकिन आई नेक्स्ट अपनी सामाजिक जिम्मेदारी को समझते हुए इन गिरोह के बारे में कुछ सच्चाई आपको बताना चाहता है। हम बताना चाहते है कि गिरोह क्या होता है और वह कैसे घटनाओं को अंजाम देता है। सबसे खतरनाक गिरोह कौन सा है। किस गिरोह के बदमाश कहां से संबंध रखते हैं। रेकी कर कौन सा गिरोह घटनाओं को अंजाम देता है। ताकि आप गिरोह के बारे में जान सकें और खुद ही तय करें कि यह सच है या फिर अफवाह।

बावरिया गिरोह

यह गिरोह पूरे देश में सक्रिय है। मूल रूप से इस गिरोह के लोग मुज्जफरनगर के झिंझयाना थाना क्षेत्र में रहते हैं। ये लोग झुंड में देश के किसी भी कोने में पहुंच जाते हैं और फिर शुरू करते हैं डकैती, लूट, चोरी सहित अन्य आपराधिक घटनाओं को अंजाम देने का काम। इस गिरोह में महिलाएं भी होती हैं। जो दिन में कबाड़ बीनने या फिर किसी अन्य काम से घरों की रेकी करती हैं। जिसके बाद रात को गिरोह में मौजूद पुरूष घटना को अंजाम देने निकल पड़ते हैं। ये लोग निहत्थे होते हैं और घटना को अंजाम देने से पूर्व रास्ते से ही लाठी डंडे तोड़कर निकाल लेते हैं। जो भी वस्तु इनके हाथ लगती है, वही इन लोगों के लिए हथियार बन जाता है। घटना को अंजाम देते समय यदि कोई इनके बीच आता है तो वे उसे मार डालते हैं। जिसके लिए वे सबसे पहले सिर पर वार कर आदमी को बेहोश करते हैं और फिर गला घोंटकर हत्या कर देते हैैं। इस गिरोह की खासियत यह है कि यह कभी भी अपने गृह जनपद में आपराधिक घटनाओं को अंजाम नहीं देते हैं।

भातू गैंग

इस गिरोह के बदमाश मूल रूप से मुरादाबाद के भातू कॉलोनी में रहते हैं। ये लोग टप्पेबाजी में माहिर होते हैं। लेकिन लूट, डकैती, चोरी की घटनाओं को भी यह गिरोह अंजाम देता है। ये लोग क्रूर नहीं होते हैं। यह गैंग अधिकतर रेलवे स्टेशन, बस स्टेशन के पास सक्रिय रहता है। किसी भी बड़ी घटना को अंजाम देने के बाद ये लोग अपने घर लौट आते हैं और उसके बाद शुरू होता है पैसों के बंटवारे का काम। पूरी रकम का एक हिस्सा ये लोग ग्राम प्रधान को देते हैं ताकि पुलिस इन लोगों के बारे में पूछताछ करने इनके घर पहुंचे तो प्रधान उनका बचाव कर सके। प्रधान भी पुलिस को यह बताता है कि ये लोग घटना के दिन गांव में ही थे। इसके अलावा लूटी गई रकम का कुछ हिस्सा ये लोग मंदिर में चढ़ावे के रूप में देते हैं और बाकि रकम आपस में बांट लेते हैं।

कच्छा बनियान गिरोह

जैसा इस गिरोह का नाम है वैसा ही इसके सदस्यों का पहनावा। इस गिरोह की खासियत यह है कि वह सिटी के आउटर एरिया को अपना निशाना बनाता है। जहां दिन को गिरोह में मौजूद महिलाएं रेकी करने का काम करती हैं और रात को पुरुष मात्र कच्छा बनियान पहनकर वारदात को अंजाम देने निकल पड़ते हैं। ये लोग क्रूर किस्म के होते हैं और मारपीट में माहिर माने जाते हैं। किसी भी घटना को अंजाम देने से पूर्व ये लोग शरीर पर तेल व ग्रीश लगा लेते हैं। जिसे ये लोग शुभ भी मानते हैं। ग्रीश और तेल के कारण ये लोग लोगों की पकड़ में भी नहीं आते हैं। कोई भी यदि इन्हें पकडऩे की कोशिश करता है तो चिकनाई के कारण ये लोग उनकी पकड़ से छूट जाते हैं। खानाबदोश होने के साथ साथ ये लोग लंबे चौड़े व हïट्टे-कïट्टे होते हैं और मुसीबत के समय जंगल में तेजी के साथ भागने में सक्ष्म होते हैं। इस गिरोह के लोग मूल रूप से मुज्जफरनगर व बरेली के रहने वाले बताए जाते हैं।

छाईमार गैंग

इस गैंग को सपेरा गैंग भी कहा जाता है। यह गिरोह सिटी के आउटर एरिया में सांप का खेल दिखाने व सांप बेचने का काम करता है। यह गैंग दिन को सांप का खेल दिखाने के नाम पर पूरे एरिया की रेकी करते हैं और रात को घटना को अंजाम देने निकल पड़ते हैैं। किसी भी घटना को अंजाम देने के लिए निकलने से पहले ये लोग निहत्थे ही अपने ठिकाने से निकलते हैं और रास्ते में जो भी चीज इन्हें मिल जाती है उसे ही ये लोग हथियार बना लेते हैं। ये लोग अचानक किसी घटना को अंजाम देते हैैं और फिर गायब हो जाते हैं।

पैसा फेंक गैंग

यह गैैंग पूरे देश में सक्रिय है और मूल रूप से तमिलनाडु का रहने वाला है। इस गैैंग की खासियत यह होती है कि यह सूनसान सड़क को चुनता है। जहां ये लोग सड़क पर पैसे फेंक देते हैैं और जैसे ही कोई इन पैसों को उठाने के लिए रुककर पैसा उठाता है ठीक उसी वक्त ये लोग व्यक्ति पर वार कर देते हैैं और उससे नगदी, बैग सहित अन्य सामान लेकर भाग निकलते हैं।

 

बदोश गैंग

इस गैैंग के सदस्य मूल रूप बांग्लादेश के रहने वाले होते हैैं। ये लोग खानाबदोश की जिंदगी जिंदगी जीते हैं। ये लोग किसी भी एरिया में पहुंच जाते हैं। किसी भी घटना को अंजाम देने से पूर्व ये लोग चावल को हवा में उछालते हैैं। जिस दिशा में चावल गिरता है उसी दिशा में ये लोग चोरी, डकैती व लूट की घटनाओं को अंजाम देने निकल पड़ते हैं। इनके पास लोहे की रॉड पाई जाती है।

 

कालिया गैंग

यह गैैंग यूपी के कई एरिया से ऑपरेट होता है। इस गैैंग का काम फिरौती और रंगदारी मांगने का है। इस गैैंग के आदमी हर जगह मौजूद हैैं। इस गैैंग के सदस्य हाईटेक हैैं और रंगदारी की रकम न मिलने पर हत्या करने से भी गुरेज नहीं करते हैं।

 

जीवा गैंग

यह गैैंग भी यूपी से ऑपरेट किया जा रहा है। इस गैंग के सदस्य फिरौती और रंगदारी मांगने का काम करते हैं। रंगदारी के लिए ये लोग अपहरण करते हैैं और रंगदारी की रकम न मिलने पर हत्या करने से भी नहीं डरते हैं।