गांव से रिश्तेदार की बेटी लाए थे पालने के लिए

फोन पर शिकायत पर पड़ी डांट तो दो साल के मासूम को लेकर हो गई गायब

सन्नाटे में एयरफोर्स कर्मचारी का परिवार, पुलिस छानबीन में जुटी

ALLAHABAD: गांव में रहने वाले रिश्तेदार (दूर के रिश्ते के मामा) की बेटी को पालने-पोषने के लिए लेकर आए एयरफोर्स के कर्मचारी को 14 दिन के भीतर ही महंगा पड़ गया। बुधवार की सुबह वह एयरफोर्स कर्मी परिवार के चिराग को लेकर रहस्यमय ढंग से गायब हो गई। इस घटना ने पूरे परिवार को झकझोर कर रख दिया है। एयरफोर्स ऑफिसर का मामला होने पर एक्टिव हुई पुलिस को सीसीटीवी फुटेज से यह कन्फर्मेशन तो हो गई कि किशोरी मासूम को लेकर गई है। लेकिन, चली कहां गई? इसका कोई सुराग देर रात तक नहीं मिला था। पुलिस गुमशुदगी दर्ज करके छानबीन कर रही है।

एयरफोर्स बमरौली में है पोस्टिंग

मूल रूप से बिहार प्रांत के सारण जिले के सिसई गांव के रहने वाले कृष्ण प्रताप सिंह की करीब एक पखवारे पहले ही इलाहाबाद में शिफ्ट हुए हैं। इसके पहले उनकी तैनाती कश्मीर के अवंतिपुर में थी। यहां वह रैंक कार्पोरल के पद पर तैनात हैं। ट्रांसफर के तत्काल बाद एयरफोर्स प्रिमाइस में मकान न मिलने के चलते उन्होंने अपना बसेरा आदर्श कालोनी अल्का बिहार धूमनगंज में बनाया था। यहां उनके साथ पत्‍‌नी ज्योति कुमारी के अलावा दो साल का बेटा धु्रव और रिश्तेदार की बेटी पिंकी पुत्री अर्जुन रहते थे। धूमनगंज थाने पहुंची ज्योति ने पुलिस को बताया कि सुबह पति ऑफिस चले गए थे। इसके बाद वह बॉथरूम में गई। स्नान करके निकलने पर पिंकी के साथ धु्रव घर से गायब थे। आसपास पूछने पर कुछ पता नहीं चला तो उन्होंने पति को सूचना दी। इसके बाद वे थाने पहुंचे।

मददगार बनाकर ले आए थे साथ

कृष्ण प्रताप के अनुसार पिंकी उनकी सगी रिश्तेदार नहीं है। उसके पिता अर्जुन बंगलुरु की कंपनी में सुपरवाइजर हैं। परिवार को उन्होंने घर पर बिहार में छोड़ रखा है। वह अपने घर गए थे तो पिंकी को अपने साथ यहां ले आने की बात की। पिंकी के बहाने उन्हें घर में रहने वाला जान पहचान का सदस्य मिल रहा था तो पत्‍‌नी के साथ बच्चे के लिए मददगार था तो यहां पिंकी की पढ़ाई लिखाई के लिए भी बेहतर माहौल मिलता। यही सोचकर उन्होंने पिंकी के परिवार के सदस्यों से बात की तो उन्होंने उसे साथ ले जाने की अनुमति दे दी। धूमनगंज थाने में उन्होंने जो कुछ भी बताया उसके अनुसार सोमवार की रात पिंकी ने अपने परिवारवालों से बात करने की इच्छा जताई थी तो उन्होंने अपने मोबाइल से नंबर डायल करके दे दिया था। इसके बाद उसने अलग जाकर बात की और कटने के बाद फोन को उन्हें लौटा दिया।

शिकायत पर पड़ी थी डांट

संयोग से आटो कॉल रिकॉर्डिग फेसेलिटी के चलते पिंकी की अपने परिवार के साथ बातचीत फोन में रिकॉर्ड हो गई। इसे कृष्ण प्रताप और उनकी पत्‍‌नी ने सुना तो पिंकी को बुलाकर डांट पिलाई थी। इसी के चलते परिवार का माहौल तनावपूर्ण हो गया था लेकिन किसी ने यह नहीं सोचा था कि मामला इतना सीरियस हो जाएगा कि लेने के देने पड़ जाएंगे। ज्योति के अनुसार सुबह पति के ऑफिस जाने के बाद पहले पिंकी बाथरूम गई थी। वहां से लौटने के बाद उसी ने उनसे कहा था कि वह भी नहा-धो लें। बाथरूम में जाते वक्त उन्होंने सोचा भी नहीं था कि बाहर निकलने पर दुनिया बदली हुई मिलेगी। वह बाहर निकलीं तो दोनों गायब थे। आसपास के लोगों से कुछ पता नहीं चला तो उनके पैरों तले से जमीन खिसक गई।

स्टेशन पर घेराबंदी बेनतीजा

एयरफोर्स कर्मी के तत्काल सूचना देने का नतीजा यह हुआ कि पुलिस एक्टिव हो गई बमरौली रेलवे स्टेशन की घेराबंदी की गई। वहां लगे सीसीटीवी कैमरा को चेक किया गया। पिंकी के हुलिया के साथ बस स्टेशन पर पूछताछ के लिए टीम लगाई गई। देर शाम तक कृष्ण प्रताप के घर से कुछ दूरी पर रहने वाले एक सपा नेता के घर में लगे सीसीटीवी कैमरे में पिंकी का बच्चे को लेकर जाते हुए दिखना ही सुराग के रूप में मिला। इसके बाद पुलिस ने अलग रणनीति पर काम शुरू कर दिया। फिलहाल इस मामले में गुमशुदगी दर्ज की गई है।

साजिश या सिर्फ शरारत

कृष्ण प्रताप का परिवार तो ईश्वर से यही दुआ कर रहा था कि यह सिर्फ शरारत निकले और पिंकी खुद धु्रव को लेकर वापस लौट आए लेकिन देर रात तक ऐसा नहीं हुआ था। पुलिस की एक टीम पटना में रहने वाले उसके रिश्तेदारों को टटोलने के लिए रवाना कर दी गई थी। अब पुलिस इसे साजिश के नजरिए से भी देख रही है क्योंकि यह शहर पिंकी के लिए एकदम नया है। ऐसे में वह निकलकर गई कहां? पुलिस यह पता लगाने की कोशिश में है कि कोई पिंकी को बैकअॅप तो नहीं दे रहा है। बता दें कि सोमवार की रात लगभग इसी से मिलती-जुलती कहानी एक टीवी चैनल के शो में दिखाई गई थी। पुलिस की जांच के दायरे में अपहरण का एंगल भी है। लेकिन, कोई कॉल न आने से इस रास्ते से पुलिस को कोई सुराग नहीं मिला था।