कानपुर। हर वर्ष की तरह इस साल भी 7 दिसंबर को भारत में सशस्त्र सेना झंडा दिवस मनाया जा रहा है। इस दिन देश में तीनों सेनाओं के योगदान को याद किया जाता है। आज के दिन उन जांबाज सैनिकों को याद करते हैं, जो देश की तरफ आंख उठाकर देखने वालों से लोहा लेते हुए शहीद हो गए। केंद्रीय सैनिको बोर्ड सेक्रेटेरिएट के मुताबिक, सेना, नौसेना और वायुसेना के योगदानों को याद करने के लिए पहली बार 7 दिसंबर, 1949 को सशस्त्र सेना झंडा दिवस मनाया गया था। इसके बाद प्रति वर्ष इसे मनाया जाने लगा। आज हम इस दिवस के मौके पर भारत, पाकिस्तान और चीन की सैन्य ताकत के बारे में बताने जा रहे हैं।

सैनिकों पर भारत और पाकिस्तान इतना करते हैं खर्च

पाकिस्तान की तुलना में भारत अपनी सेना पर चार गुणा से भी अधिक खर्च करता है। आर्म्ड फोर्सेज की आधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक, भारत का सैन्य बजट 55.9 बिलियन डॉलर है, जबकि पाकिस्तान का सैन्य बजट सिर्फ 10.8 बिलियन डॉलर है। भारत अपना सिर्फ 2.5 जीडीपी सेना पर खर्च करता हैं, वहीं पाकिस्तान अपने देश का 2.9 जीडीपी सेना पर खर्च देता है। भारत के पास सक्रिय सैनिकों की संख्या 2, 140, 000 है और पाकिस्तान में एक्टिव सैनिकों की संख्या 6,53,800 है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्तान हमेशा 5,13,000 सैनिकों को रिजर्व में रखता है, जबकि भारत हमेशा 11,55,000 सैनिकों को रिजर्व में रखता है। जरुरत पड़ने पर भारत के पास 3,19, 129, 420 सैनिक उपस्थित होंगे, वहीँ इस मामले में पाकिस्तान के पास सिर्फ 4,84,53, 305 मौजूद होंगे। इसका मतलब यह है कि भारत सेना के मामले में पाकिस्तान से काफी मजबूत है।

चीन का सैन्य बजट
चीन का सैन्य बजट भारत और पाकिस्तान दोनों से ही काफी ज्यादा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, चीन का सैन्य बजट 228 बिलियन डॉलर है। चीन अपना सिर्फ 1.9  जीडीपी सेना पर खर्च करता है। चीन के पास 23,00, 000 सक्रिय सैनिक हैं। इसके अलावा वो हमेशा 80,00,000 सैनिकों को रिजर्व में रखता है। इसके बाद जरूरत पड़ने पर चीन 38,58,21, 101 सैनिकों की उपलब्धत्ता की क्षमता रखता है।

कर्ज मांगते फिर रहे इमरान खान, चीन से आधुनिक ड्रोन खरीद रहा पाकिस्तान

पाकिस्तान : 1400 करोड़ के घोटाले में जांच के लिए नवाज शरीफ के भाई को 10 दिन की रिमांड

National News inextlive from India News Desk