-आ‌र्म्स सप्लायर सरगना सेक्रेटेरिएट के ड्राइवर निरंजन समेत तीन को पुलिस ने भेजा जेल

-मामला कारतूस खरीद कर अपराधियों की ऊंची कीमत पर बेचने का

-रातू रोड स्थित बंदूक घर के संचालक से पूछताछ करेगी पुलिस

Figures speak

165 कारतूस खरीद चुका है निरंजन सिंह

6 बार रातू रोड के बंदूक घर खरीदी .315 बोर की गोलियां

40 कारतूस के साथ शनिवार को दबोचे गए थे तीनों

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RANCHI(7 May): आ‌र्म्स सप्लायर सरगना सेक्रेटेरिएट का ड्राइवर निरंजन सिंह जनवरी से अब तक क्ख्भ् कारतूस कई क्रिमिनल्स व नक्सलियों को अवैध तरीके से बेच चुका है। इसने ज्यादा पैसे कमाने के लिए अपनी राइफल का लाइसेंस दिखाकर रातू रोड स्थित बंदूक घर के संचालक से छह बार में .फ्क्भ् बोर के कुल क्म्भ् कारतूस खरीदे थे, जिसमें से ब्0 कारतूस के साथ पुलिस ने निरंजन सिंह समेत तीन अपराधियों को शनिवार को ही रातू रोड स्थित दुर्गा मंदिर के पास से दबोच लिया था। मामले में रविवार को पुलिस ने ¨हदपीढ़ी के वंशी चौक निवासी बबलू खान, आसिफ अहमद व मोरहाबादी के अंतु चौक बलिहार रोड निवासी निरंजन कुमार सिंह को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। डीएसपी कोतवाली भोला प्रसाद सिंह ने बताया कि लाइसेंसी हथियार पर कारतूस खरीदकर अपराधियों तक सप्लाई करने का मामला गंभीर है। इसमें राइफल का लाइसेंस रद करने की अनुशंसा व हथियार जब्ती की कार्रवाई होगी। साथ ही बंदूक घर के संचालक से भी गहन पूछताछ की जाएगी। इनके यहां से ही कारतूस की खरीदारी हुई है। गौरतलब हो कि शनिवार को पुलिस ने खरीदार बन कर तीनों को रातू रोड दुर्गा मंदिर के पास से दबोचा था।

ख्008 में खरीदी लाइसेंसी राइफल

कोतवाली डीएसपी ने बताया कि गिरफ्तार निरंजन कुमार सिंह ने वर्ष ख्008 में लाइसेंसी राइफल अपने नाम पर लिया था। गोली को मार्केट में ज्यादा मुनाफा कमाने के लिए आपराधिक संगठनों को बेचा करता था। वर्ष ख्0क्7 में जनवरी से लेकर अब तक निरंजन सिंह ने छह बार कारतूस की खरीदारी की। उसने सभी कारतूस रातू रोड के बंदूक घर से खरीदी है।

पहले भी जेल जा चुके हैं निरंजन व बबलू

गिरफ्तार निरंजन कुमार सिंह के पिता स्व। बैकुंठ सिंह जमादार थे। निरंजन वर्तमान में सचिवालय में कल्याण विभाग में चालक है। वह पूर्व में पंडरा ओपी क्षेत्र से जालसाजी में भी जेल जा चुका है। वहीं, दूसरा आरोपी बबलू खान भी वर्तमान में सिविल कोर्ट में प्राइवेट मुंशी था। वह गोंदा थाने से लूट के एक मामले में जेल जा चुका है।

क्00 रुपए का कारतूस भ्00 में बेचते थे

जेल जाने से पूर्व गिरफ्तार आशिफ अहमद ने पुलिस को बताया कि वह संत पॉल स्कूल से चौथी कक्षा की पढ़ाई करने के बाद चालक बन गया। किराए पर निजी गाड़ी चलाने लगा। परिवार बढ़ जाने के कारण आर्थिक तंगी आ गयी। इसके बाद उसने वंशी चौक निवासी बबलू खान से संपर्क किया। बबलू खान ने उसे निरंजन सिंह से मुलाकात कराई। फिर दोनों ने मिलकर निरंजन सिंह से संपर्क किया और लाइसेंसी गोली को आपराधिक संगठनों को सप्लाई करने का काम शुरू किया.क्00 रुपये की कारतूस को भ्00 रुपये में बेचने लगे। इस धंधे में उन्हें काफी फायदा हुआ।