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PATNA : लोकसभा चुनाव की घोषणा के बाद निवार्चन आयोग ने सभी लाइसेंसी हथियारों का सत्यापन कराने का निर्देश दिया है. इसकी प्रक्रिया शुरू हो गई है. हैरत की बात ये है कि लाइसेंसी हथियार रखने वाले लोगों को पुलिस के मालखाने पर भरोसा ही नहीं है. उन्हें ये डर रहता है कि पुलिस के मालखाने में उनके हथियार में जंग लग जाएगी. इस डर के कारण लोग गन हाउस में ही अपना हथियार जमा करा दे रहे हैं और पुलिस को उसकी रसीद लाकर दे रहे हैं. दरअसल पटना के कई थानो में मालखाने की स्थिति भी ठीक नहीं है. इस कारण आम लोगों का भरोसा पुलिस के मालखाने से उठ रहा है और निजी गन हाउस में अपना हथियार जमा करा रहे हैं.

पूरा नहीं हुआ सत्यापन

पहले चरण के चुनाव में कुछ दिन ही बचे हैं. आयोग के निर्देश के बाद भी अभी तक हथियारों के सत्यापन का काम पूरा नहीं हो पाया है. हालांकि, पुलिस लगातार उनके सत्यापन में जुटी हुई है. एक-एक लोगों को थाने बुलाकर उनका सत्यापन कर रही है. वहीं कई ऐसे थाने है जहां पर बेहतर मालखाने की सुविधा है. इसके बाद भी लोग रिस्क लेना नहीं चाहते हैं.

50 हजार हैं लाइसेंसी हथियार

पटना जिले में 50 हजार से अधिक लाइसेंसी हथियार हैं. सभी हथियार को संबंधित थाना क्षेत्र के एसएचओ को सत्यापन करना है. लेकिन जिस रफ्तार से सत्यापन हो रहा है. उससे तो ऐसा लगता है कि चुनाव पूरा होने के बाद भी सत्यापन नहीं का काम पूरा नहीं हो पाएगा.

कई लाइसेंसधारी गायब

सत्यापन के दौरान कई लाइसेंसधारक गायब हो गए हैं. यानी पुलिस के पास जो रिकॉर्ड है उसमें वो नहीं मिल रहे हैं. गांधी मैदान थाना क्षेत्र में 25 ऐसे लाइसेंसधारक हैं जिनका पता नहीं चल पा रहा है. पुलिस उनके पीछे ये जांच कर रही है कि आखिर ये लोग कहां गए और सत्यापन क्यों नहीं कराया.

यूआईएन नंबर जरूरी

हथियारधारकों को 31 मार्च तक अपने लाइसेंस की जानकारी नेशनल डाटा बेस ऑन आ‌र्म्स लाइसेंस पर देना जरूरी था. यदि आपके पास हथियार है और आप यह जानकारी नहीं देते हैं तो आपका लाइसेंस निरस्त हो सकता है. दरअसल इस जानकारी के जरिए हर लाइसेंसधारक की यूनिक आईडी जनरेट की जा रही है.