- आर्मी इक्वेस्ट्रियन चैंपियनशिप में हिस्सा लेने आए हैं एनडीए के कैडेट्स

- सभी की एशियन गेम्स में देश का प्रतिनिधित्व करने की इच्छा

- मेरठ का कैडेट शांतनु भी आर्मी इक्वेस्ट्रियन चैंपियनशिप में कर रहा है पार्टिसिपेट

Meerut : उम्र क्7 साल, हाथों में घोड़ों की लगाम, चेहरे पर कुछ कर दिखाने की ललक और आंखों में एशियन और ओलंपिक में देश का प्रतिनिधित्व करने का सपना। रिमाउंट वेटनरी कोर सेंटर एंड कॉलेज में चल रही आर्मी इक्वेस्ट्रियन चैंपियनशिप में पहली बार पार्टिसिपेट करने आए नेशनल डिफेंस एकेडमी देहरादून के कैडेट्स से बात और मिलकर कुछ ऐसा ही लगा। कैडेट्स ने कहा कि हमें अपनी शुरुआत करने को मेरठ से बेटर और कौन सा प्लेस मिल सकता है। यहां इंटरनेशनल लेवल के ग्राउंड हैं।

फादर से ली प्रेरणा

मेरठ के पड़ोसी जिले बिजनौर के रहने वाले ललित नेशनल डिफेंस एकेडमी की ओर से मेरठ में शिरकत करने आए हैं। उन्होंने अपने बारे में बताते हुए कहा कि उनके पिता आर्मी की जाट रेजिमेंट में हवलदार थे। हॉर्स राइडिंग का शौक उन्हें अपने फादर से ही मिला, जो अब जुनून बन चुका है। अब वह इसी में आगे जाकर एशियन और ओलंपिक में मेडल जीत देश का नाम रोशन करना चाहते हैं।

एशियन गेम्स में जाना है

मूलरूप से बिहार के पूर्णिया जिले के कैडेट मणि शंकर ने कहा कि वह मेरठ आकर और इस लेवल के कॉम्पटीशन में पार्टिसिपेट कर काफी खुश और उत्साहित हूं। मैं राइडिंग में काफी आगे जाना चाहता हूं। मेरा सपना है कि मैं देश के लिए एशियन में पार्टिसिपेट ही नहीं करुं, बल्कि मेडल भी ला सकूं। उन्होंने बताया कि वह पिछले म् महीने से एनडीए देहरादून में हॉर्स राइडिंग में ट्रेनिंग ले रहे हैं।

यहां हैं काफी सुविधाएं

नेशनल डिफेंस एकेडमी के ही कैडेट आर साहिल भी पहली बार मेरठ के आरवीसी सेंटर एंड कॉलेज में आकर में काफी रोमांचित महसूस कर रहे हैं। मूलरूप से पंजाब अमृतसर के रहने वाले साहिल पिछले दो सालों से राइडिंग सीख रहे हैं। आर साहिल ने कहा कि बाकी जगहों के मुकाबले काफी सुविधाएं हैं। कॉलेज में जैसे जंपिंग, क्रॉसकंट्री के ग्राउंड ऐसे कहीं नहीं देखे। यहां ट्रेनिंग लेने का अलग ही एक्सपीरियंस है।

यहां मिलेगा अच्छा एक्सपीरियंस

नेशनल डिफेंस एकेडमी में सिर्फ नॉर्थ, नॉर्थ ईस्ट या सेंट्रल इंडिया के ही बच्चे ट्रेनिंग नहीं ले रहे हैं। साउथ इंडिया के बच्चे भी इस एकेडमी के का हिस्सा बन चुके हैं। केरल के वैभव एनडीए में हॉर्स राइडिंग की ट्रेनिंग ले रहे हैं। कैडेट वैभव का है कि आरवीसी सेंटर एंड कॉलेज में जितने दिन भी रहेंगे एक अलग एक्सपीरियंस मिलेगा। मैं देश के लिए ओलंपिक में जाकर मेडल जीतना चाहता हूं।

मेरठ में पार्टिसिपेट करना बड़ी बात

आर्मी इक्वेस्ट्रियन चैंपियनशिप पार्टिसिपेट करने आए देहरादून एनडीए कैडेटों में से एक मेरठ के शांतनु मोहन भी हैं। शांतनु को वर्ष ख्008 में देहरादून स्थित आरआईएमसी में सेलेक्ट किया गया था। रूड़की रोड में रहने वाले शांतनु के अनुसार उनका चयन कैडेट के तौर पर हुआ है। शांतनु कहते हैं कि वैसे तो मैं एनडीए की कॉम्पटीशन में पार्टिसिपेट कर चुका हूं, लेकिन मेरठ में आर्मी इक्वेस्ट्रियन चैंपियनशिप में हिस्सा लेना मेरे लिए बड़ी बात है। शांतनु ने बताया कि जब उसका चयन आरआईएमसी में हुआ था उस समय भी बहुत लोगों से सराहना मिली थी। अब अपने शहर में आयोजित प्रतियोगिता में हिस्सा लेकर काफी अच्छा लग रहा है।

युवा कैडेटों को अलग-अलग कडि़यों में बांटकर प्रशिक्षण दिया जाता है। उनके हुनर को देखते हुए उचित ट्रेनिंग देने के बाद डिफ्रेंट कॉम्पटीशन में हिस्सा दिलाया जाता है। आर्मी इक्वेस्ट्रियन चैंपियनशिप के लिए कई कैडेटों में से इन्हें चुना गया।

-लेफ्टिनेंट कर्नल विवेक रेहनी

इक्विटेशन ऑफिसर, एनडीए देहरादून

शांतनु को देखकर शहर के कई युवा उससे मिलने घर आते हैं और घुड़सवारी में हिस्सा लेने की इच्छा जाहिर करते हैं। एक पिता के लिए इससे बड़े गौरव की बात क्या होगी कि उनके ख्0 वर्षीय बेटे को देखकर अन्य युवा भी उसी रास्ते चलना चाह रहे हैं।

- सुशील कुमार

कैडेट शांतनु के फादर एंड एसबीआई कैंट शाखा में असिस्टेंट मैनेजर