गत माह से निगम में रिटायर्ड सैन्य अधिकारियों की ड्यूटी

अभी तक निगम की ओर से नहीं मिल सका कोई काम

अवैध कब्जा व निर्माण को रोकने का करना था काम

Meerut। निगम क्षेत्र में अवैध निर्माण, अस्थाई कब्जे, अतिक्रमण आदि की निगरानी और कब्जा हटाने में निगम की टीम की मदद के लिए गत माह नगर निगम ने अपनी टीम में रिटायर्ड सैन्य अधिकारियों व कर्मचारियों को जगह दी थी। इन सैनिकों को बकायदा प्रदेश स्तर पर निगम में तैनात किया गया, लेकिन एक माह का समय बीतने को है अभी तक निगम द्वारा किसी प्रकार के अभियान में रिटायर्ड सैन्य अधिकारियों को शामिल नही किया गया है।

लाखों का वेतन

गत माह प्रदेश के सभी निगमों में रिटायर्ड सैन्य अधिकारियों व कर्मचारियों की नियुक्ति की गई थी। मेरठ नगर निगम में रिटायर्ड कर्नल राजकुमार बालियान के साथ 4 जीओसी, 8 नॉन कंडीशनल ऑफिसर और 8 के करीब होमगार्ड समेत करीब 26 लोग की टीम तैयार की गई थी। इनका वेतन भी लाखों में है, लेकिन अभी तक काम नही शुरू किया गया है।

आर्मी अलर्ट पर निगम सुस्त

सूत्रों की मानें तो रिटायर्ड आर्मी के अधिकारी नियमित रुप से कार्यालय में आकर अपनी डयूटी कर रहे हैं लेकिन निगम द्वारा ना तो सहयोगी टीम उनको मिल रही है और ना ही किसी प्रकार के मूवमेंट की जानकारी दी जा रही है। ऐसे में रिटायर्ड सैन्य कर्मी खाली बैठकर वापस चले जाते हैं।

जोरों पर अवैध निर्माण

हालत यह है कि शहर में निगम के दायरे में आनी वाले बाजार व आवासीय क्षेत्र का 40 प्रतिशत हिस्सा अवैध कब्जे से पटा हुआ है। निगम के नालों तक पर स्थाई निर्माण कर कब्जा किया जा चुका है यहां तक की निगम के बाजारों तक पर कब्जा हो चुका है। लेकिन बावजूद इसके निगम अपनी जमीन को कब्जा मुक्त कराने के लिए अभियान नही चला रहा है।

निगम द्वारा जल्द अवैध कब्जे व अतिक्रमण का अभियान चलाया जाएगा। अभियान के दौरान टीम का सहयोग लिया जाएगा।

अमित कुमार, अपर नगरायुक्त