>RANCHI :सेना में जाने का जज्बा लिए जब युवाओं की फौज ने नौकरी के लिए मोरहाबादी के फुटबॉल स्टेडियम में दौड़ लगानी शुरू की तो उनके दोस्त हौसला बढ़ाते रहे। देश सेवा में जाने का जुनून उनमें साफल झलक रहा था। ठंड की परवाह किए बगैर सिर्फ हाफ पैंट पहन कर युवा मैदान का चक्कर लगा रहे थे। शनिवार से झारखंड के ख्ब् में से क्क् जिलों के युवाओं के लिए सेना बहाली की प्रक्रिया शुरू हो गई है। पहले दिन गढ़वा, खूंटी, सरायकेला, खरसावां और सिमडेगा जिले के प्रतिभागियों ने बहाली में भाग लिया। कुल छह हजार पहुंचे अभ्यर्थियों में मात्र भ्भ्8 का ही सेलेक्शन हुआ।

सेना में जाने के उत्साह से लबरेज थे अभ्यर्थी

भर्ती प्रक्रिया में भाग लेने वाले युवाओं का उत्साह मैदान में देखते बन रहा था। दौड़ शुरू होने से पहले ही सभी ठंड की परवाह किए बगैर सिर्फ अंडर वीयर में ही दौड लगाए। भर्ती में शामिल होने के लिए दूर दूर से लोग शुक्रवार रात को ही मोरहाबादी मैदान पहुंच गए थे और सर्द रात कांपते-ठिठुरते हुए सुबह का इंतजार करते रहे।

डीसी का दिया रेसिडेंसियल नहीं लाने वाले बाहर

भर्ती में शामिल अभ्यर्थियों की सुबह छह बजे से ही मैदान में इंट्री शुरू हो गई थी। कुछ युवा जो रात से ही ठंड में सुबह का इंतजार कर रहे थे, सुबह में निराश हो गए। क्योंकि उनसे जब सर्टिफिकेट मांगा गया तो उनके पास डीसी द्वारा निर्गत निवास प्रमाण पत्र था ही नहीं। युवाओं को ओरिजनल निवास प्रमाण पत्र भी लाना था। ऐसे युवाओं को बहाली से निकाल दिया गया।

सर, मेरा सीना फिर से माप लीजिए न

सेना भर्ती के लिए युवाओं को 77-8ख् सेंटीमीटर का सीना होना चाहिए था। कुछ युवाओं का जब सीना मापा गया तो उनका कम था, इसके बाद भी वे सीना फुलाते हुए दोबारा मापने की गुहार लगाते रहे। युवाओं ने हाइ जंप, लांग जंप, दौड़ सहित सभी में अच्छा करने की कोशिश की। सेना का जो मापदंड तय किया गया था उसके अनुसार जेनरल कैटेगरी के स्टूडेंट को क्म्9 इंच हाइट, वजन भ्0 केजी और सीना 77-8ख् सेंटीमीटर होना चाहिए था।

बहाली में आदिवासी को विशेष छूट

सेना भर्ती में आदिवासी युवाओं को स्पेशल छूट दी गई है। जेनरल अभ्यर्थी की अपेक्षा आदिवासी युवाओं को हाइट क्म्ख् इंच और वजन ब्8 केजी होना चाहिए। जेनरल अभ्यर्थियों को जहां दसवीं पास होना जरूरी है, वहीं आदिवासी युवाओं का आठवीं पास होना जरूरी है।