GHATSILA : आईआरएल के अधिकारियों को कंपनी के सुरक्षाकर्मियों ने अपने बकाया वेतन भुगतान की मांग को लेकर जमकर पीटा। सिर्फ पीटा ही अधिकारियों को अ‌र्द्धनग्न कर पूरे मुसाबनी में घुमाया। आइआरएल के अंदर गोल्डेन रे नामक सुरक्षा कर्मी कार्यरत है। इसमें क्00 से अधिक सुरक्षाकर्मी कार्यरत है। इन सुरक्षाकर्मियों का दो माह से वेतन बकाया है। क्0 जनवरी को कंपनी के आदेशानुसार भुगतान होना था। इस कारण मामला पूरी तरह बिगड़ गया। सुरक्षाकर्मियों को रोष अधिक था कि पूरे कंपनी क्षेत्र को अपने कब्जे में लिया। कोई भी कंपनी गेट के अंदर प्रवेश नहीं कर पा रहा था। इस मारपीट की शुरुआत शनिवार को सुरदा से हुई। यहां सुरक्षा अधिकारी आरपी साहु, एचआर प्रदीप कुमार त्रिपाठी, एचआर धमेंद्र पाठक को पकड़कर मारपीट किया और उन्हें अ‌र्द्धनग्न कर दिया गया। मुसाबनी घुसने से पहले कंपनी अधिकारियों को गाड़ी से उतार दिया। मुसाबनी एक नंबर से पैदल मारपीट करते हुए आईआरएल के गेट नंबर दो में घुसाया गया। पूरे कंपनी को सुरक्षा गार्ड को अपने कब्जे में ले लिया। दोनों गेट पर ताला जड़ दिया। ये अधिकारी चार घंटा तक बंधक रहे। इसके बाद इस गेट पर स्थित प्रशासनिक भवन में परचेस विभाग के पदाधिकारी अनूप मिश्रा, एकाउंट के राजेश चौधरी, एचआर राजकुमार घोष तीनों सुरक्षाकर्मियों को घसीटते हुए नीचे लाया और जमकर पीटा। डा। नसीम व वरुण कुमार किसी तरह बच गये। घटना की जानकारी मिलने के तीन घंटे बाद डीएसपी वचनदेव कुजूर व एसडीओ गिरिजा शंकर प्रसाद, थाना प्रभारी राम चंद्र राम पहुंचे और आइआरएल के गेट नंबर दो में घुसे, जहां देर शाम तक वार्ता जारी थी। आपात परिस्थिति से निबटने के लिए प्रशासन सीआरपीएफ के जवानों को भी मुस्तैद कर रखा गया था। इधर शनिवार की देर शाम अनुमंडल पदाधिकारी ने वार्ता की जानकारी देते हुए बताया कि सुरक्षा कर्मियों का बकाया वेतन क्फ् जनवरी तक अधिकारियों ने कर देने का आश्वासन दिया है। इसके बाद सुरक्षाकर्मियों ने अपना आंदोलन वापस ले लिया। घटना की सुचना मिलने के बाद अनुमंडल पदाधिकारी गिरजा शंकर प्रसाद भी आईआरएल पहुंचे। आईआरएल के प्रशासनिक भवन के सामने खड़े होकर सुरक्षाकर्मियों के समक्ष आईआरएल के अधिकारियों से घटना की जानकारी ली। सुरक्षाकर्मियों के वेतन न मिलने के कारणों का भी वजह अधिकारियों से पूछा। अधिकारियों ने एचसीएल पर आरोप लगाते हुए कहा कि उनकी लेट लतीफी की वजह से सुरक्षाकर्मियाें के वेतन का भुगतान समय पर नहीं हो पा रहा है।