यूनियन ने कहा मुख्यमंत्री ना दे दिलासा

यूनियन के नेता आरबी ऊंटवाल ने कहा कि केजरीवाल हमे बेवकूफ बना रहे हैं। सफाई कर्मचारी हड़ताल वापस नहीं लेंगे। कर्मचारियों को एरियर और कैशलेस मेडिक्लेम चाहिए। दिल्ली मुख्यमंत्री ने केंद्र पर हड़ताल को लेकर राजनीति करने का आरोप लगाया है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एमसीडी में घोटाले का अरोप लगाते हुए जांच की मांग की है। मुख्यमंत्री ने हड़ताल खत्म करने के लिए दोनों एमसीडी को 693 देने की बात कही जिसमें 142 करोड़ तुरंत और 550 करोड़ बाद में देने का ऐलान किया ।

भाजपा वाले फैला रहे हैं कचरा-केजरीवाल

केजरीवाल ने कहा कि हड़ताल को लेकर दिल्ली में ये माहौल बनाने की कोशिश की जा रही थी कि दिल्ली सरकार ने एमसीडी को पैसा नहीं दिया है। दूसरी तरफ हड़ताल के बहाने भाजपा के लोग सड़कों पर कचरा फैला रहे हैं। पीडब्ल्यूडी के कर्मचारियों ने रातभर काम कर कचरा साफ करने की कोशिश की है। लेकिन हड़ताल का फायदा उठाकर भाजपा वाले दिल्ली में कचरा फैला रहे थे।

दिल्ली एमसीडी में हुआ करोड़ो का घोटाला- केजरीवाल

केजरीवाल ने एमसीडी को दिए जाने वाले पैसे को लेकर कहा कि नार्थ डीएमसी को 2012-13 में 526 करोड़, 2013-14 में 567 करोड़, 2014-15 में 545 करोड़ दिए गए जबकि इस साल हमने 893 करोड़ रुपये दिए हैं। इतना पैसा देने के बाद भी कर्मचारियों को तनख्वाह क्यों नहीं मिल रही। इसी तरह ईस्ट एमसीडी को 2012-13 में 269 करोड़, 2013-14 में 288 करोड़, 2014-15 में 366 करोड़ और हमने इस साल 466 करोड़ दिए हैं। हमें लगता है कि एमसीडी को दिया गया पैसा या तो डायवर्ट किया जा रहा है या फिर इसमें भ्रष्टाचार हुआ है जिसकी जांच होनी चाहिए।

शिक्षा बजट से दिया जाएगा एमएसडी को पैसा

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हम दोनों ही एमसीडी को 551 करोड़ का लोन देंगे और यह पैसा शिक्षा बजट में से दिया जाएगा। सीएम ने यह भी कहा कि सरकार एमसीडी के 8 अस्पतालों का टेकओवर करेगी। हम कर्मचारियों को 31 जनवरी तक का वेतन दे देंगे। कर्मचारी अपनी हड़ताल खत्म कर काम पर लौटें। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार ने एमसीडी को खूब लोन दिए हैं। केंद्र ने पिछले साल 300 करोड़ की लोन रिकवरी की है जबकि हमने कोई रिकवरी नहीं की है। ईस्ट दिल्ली से 76 करोड़ की लोन रिकवरी की गई। अगर भ्रष्टाचार नहीं हुआ है तो जांच करवाएं। हमारी तो सीबीआई से जांच करवाते हैं तो फिर खुद पाक-साफ है तो क्यों डरते हैं।

दिल्ली अस्पताल के डॉक्टर भी हड़ताल में कूदे

केजरीवाल की प्रेस कॉन्फ्रेंस को लेकर भाजपा नेता नलीन कोहली ने कहा कि जब तक वो कोई आरोप ना लगाए तब तक उन्हें शांति नहीं मिलती। वहीं कांग्रेस नेता अजॉय कुमार ने कहा कि भाजपा और आप इस मामले पर राजनीति बंद कर समाधान खोजें। बुधवार की सुबह सफाई कर्मचारियों ने उग्र प्रदर्शन शुरू कर दिया। वहीं दिल्ली अस्पतालों के डॉक्टरों के हड़ताल में शामिल होने से चिंतित दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार एमसीडी व डॉक्टरों को नोटिस जारी किया है। 10 फरवरी तक इन्हें अपना जवाब देना होगा। जनहित याचिका में कहा गया कि डाक्टरों की हड़ताल से मरीजों को काफी परेशानी हो रही है। हड़ताल को 72 घंटे से ज्यादा हो गए हैं।

हाईवे जाम कर कर्मचारियों ने किया प्रदर्शन

सफाई कर्मचारियों ने नेशनल हाईवे -24 पर भी प्रदर्शन किया। इस दौरान दिल्ली सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने के साथ पुतला भी फूंका। प्रदर्शन के चलते नेशनल हाईवे पर कई किलोमीटर का जाम लग गया। इससे वाहन चालकों को दिक्कत आ रही है। प्रदर्शन की कड़ी में आज नगर निगम के अध्यापक मुंडन कराकर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का श्राद्ध करेंगे। शिक्षकों का कहना है कि दिल्ली सरकार की लापरवाही से हमें दिक्कत पेश आ रही है। इससे पहले हड़ताल के 8वें दिन आज सफाई कर्मचारियों ने दिल्ली सरकार में कैबिनेट मंत्री सतेन्द्र जैन के घर के बाहर सुबह 10 बजे प्रदर्शन किया।

कर्मचारियों ने फूंका केजरीवाल का पुतला

नेशनल हाईवे पर प्रदर्शन के दौरान सफाई कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का पुतला भी फूंका और दिल्ली सरकार के खिलाफ नारे भी लगाए। वहीं, वेतन की मांग को लेकर हड़ताल कर रहे नगर निगम के अस्पतालों के डॉक्टर व नर्सिंग कर्मचारियों के समर्थन में दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन डीएमए भी उतर आया है। एसोसिएशन ने दिल्ली सरकार को चेतावनी दी है कि यदि नगर निगम अस्पतालों के डॉक्टरों व नर्सिग कर्मचारियों का वेतन जल्द जारी नहीं किया गया तो प्राइवेट क्लीनिक, नर्सिग होम, डायग्नोस्टिक लैब व अस्पतालों में भी हड़ताल की जाएगी।

हड़ताल समाप्त नहीं हुई तो पैदा होगा दिल्ली में डॉक्टरों का संकट

ऐसे में यदि मामले का तुरंत निदान नहीं हुआ तो दिल्ली में स्वास्थ्य सुविधाएं चरमरा सकती हैं। इलाज के लिए मरीजों को दर-दर भटकना पड़ सकता है।पहले ही नगर निगम के हिंदू राव अस्पताल, कस्तूरबा गांधी अस्पताल, स्वामी दयानंद अस्पताल, राजन बाबू टीबी अस्पताल सहित तमाम अस्पतालों व डिस्पेंसरियों में स्वास्थ्य सुविधाएं ठप हो चुकी हैं। अस्पतालों में बेड खाली पड़े हैं। इसकी वजह यह है कि डॉक्टरों और नर्सिग कर्मचारियों को चार महीने से वेतन नहीं मिला है और वे हड़ताल पर हैं। डीएमए ने सदस्य डॉक्टरों से कहा है कि वे सरकार के विरोध स्वरूप काली पट्टी बांधकर काम करें। इसके अलावा चार फरवरी को निजी क्लीनिक, नर्सिग होम व लैबों में हड़ताल की घोषणा की गई है।

दिल्ली सरकार ने नहीं मानी बात तो उग्र होगा प्रदर्शन

डीएमए के अध्यक्ष डॉ. अजय लेखी ने कहा कि यदि सरकार ने वेतन का पैसा जल्द जारी नहीं किया तो 11 फरवरी को निजी अस्पतालों में भी हड़ताल रहेगी। इस बाबत अस्पतालों से बातचीत की जा रही है। के पूर्व अध्यक्ष डॉ. हरीश गुप्ता ने कहा कि हम नगर निगमों के अस्पतालों के डॉक्टरों व पैरामेडिकल कर्मचारियों के साथ हैं। उनके साथ मिलकर डीएमए आंदोलन शुरू करेगा। राजधानी में 70 फीसद स्वास्थ्य सुविधाएं निजी अस्पतालों, क्लीनिक व लैबों पर निर्भर है। ऐसे में यदि इन्होंने हड़ताल कर दी तो दिल्ली की स्वास्थ्य सुविधाएं चरमराना तय है।

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