केजरीवाल पार्टी के कौशांबी दफ़्तर से मेट्रो के ज़रिए रामलीला मैदान पहुंचे.

केजरीवाल को उपराज्यपाल नजीब जंग ने शपथ दिलाई. उनके साथ ही विधायकों मनीष सिसोदिया, सोमनाथ भारती, सत्येंद्र जैन, कुमारी राखी बिरला, गिरीश सोनी और सौरभ भारद्वाज ने भी शपथ ग्रहण की.

शपथ लेने के बाद केजरीवाल ने कहा, ''आम आदमी की जीत हुई है. यह शपथ असल में दिल्ली की जनता ने ली है. यह क़ुदरत का करिश्मा ही है कि दो साल पहले हम यह सोच भी नहीं सकते थे कि हम इस लड़ाई को जीत पाएंगे.''

उन्होंने कहा, ''अरविंद केजरीवाल यह लड़ाई अकेले नहीं लड़ सकता. उनका कहना था कि हमारे पास सभी समस्याओं का समाधान नहीं है. न हमारे पास कोई जादू की छड़ी है, लेकिन दिल्ली की जनता मिलकर दिल्ली की समस्याओं का समाधान निकाल सकती है.''

अन्ना हज़ारे और दो साल पहले उनके आंदोलन का ज़िक्र करते हुए अरविंद केजरीवाल का कहना था कि उन्होंने अन्ना से कहा था कि बगैर राजनीति में जाए इसकी गंदगी साफ़ नहीं की जा सकती. उन्होंने आज के दिन को ऐतिहासिक बताया. उन्होंने इस मौक़े पर अफ़सरों के सहयोग की भी आशा जताई.

दिल्ली के सातवें मुख्यमंत्री बने केजरीवाल

रामलीला मैदान पर मौजूद बीबीसी संवाददाता ज़ुबैर अहमद ने बताया कि शपथ ग्रहण के दौरान रामलीला मैदान में बड़ी तादाद में लोग जुटे थे. पार्टी समर्थकों ने आम आदमी पार्टी की टोपी पहन रखी थी.

केजरीवाल के गांव सिवनी और खेड़ा से बहुत से लोग आए हैं और लगातार आ रहे थे. माहौल में काफ़ी जश्न का माहौल है, मानो कोई त्योहार हो. बीबीसी संवाददाता के मुताबिक़ लोगों का कहना है कि 15 अगस्त और 26 जनवरी को भी इतनी भीड़ नहीं होती, जितनी भीड़ इस कार्यक्रम में देखी गई है.

मेट्रो से पहुंचे केजरीवाल

केजरीवाल के साथ मंत्री पद की शपथ लेने वाले आम आदमी पार्टी के छह विधायक भी मेट्रो से ही रामलीला मैदान पहुँचे.

भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ आंदोलन से निकली केजरीवाल की आम आदमी पार्टी ने सत्ताधारी कांग्रेस को करारी शिकस्त देकर अपने राजनीतिक सफ़र का शानदार आगाज़ किया है.

दिल्ली के सातवें मुख्यमंत्री बने केजरीवाल

विधानसभा में 28 सीटें जीतने वाली आम आदमी पार्टी कांग्रेस के बाहरी समर्थन से अल्पमत की सरकार बना रही है.

32 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी भारतीय जनता पार्टी ने सरकार बनाने से यह कहते हुए इनकार कर दिया था कि उनके पास पर्याप्त बहुमत नहीं है.

इसके बाद उप-राज्यपाल ने दूसरी सबसे बड़ी पार्टी होने के कारण अरविंद केजरीवाल को सरकार बनाने के लिए विचार विमर्श करने की दावत दी थी. जब कांग्रेस ने समर्थन की घोषणा कर दी, तब केजरीवाल ने दिल्लीवासियों से पूछा था कि उन्हें सरकार बनाना चाहिए या नहीं.

केजरीवाल के अनुसार लोगों ने उन्हें सरकार बनाने के लिए कहा था, जिसके बाद ही उन्होंने सरकार बनाने का फ़ैसला किया.

दिल्ली के सातवें मुख्यमंत्री बने केजरीवाल

चुनावों से पहले केजरीवाल ने राजनीति में वीआईपी संस्कृति समाप्त करने का वादा किया था और सार्वजनिक यातायात सेवा से शपथग्रहण समारोह में पहुँचकर वे अपने वादों को पूरा करने का संकेत देने के साथ-साथ दिल्ली के राजनीतिक और प्रशासनिक वीआईपी लोगों को ज़मीन पर रहने का संदेश भी दे रहे हैं.

'आम जनता मुख्यमंत्री'

शपथग्रहण समारोह से पहले केजरीवाल ने कहा, "मैं मुख्यमंत्री नहीं बन रहा हूँ बल्कि दिल्ली की आम जनता मुख्यमंत्री बन रही है."

साल 2010 में शुरू हुए भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ आंदोलन की कई बड़ी और ऐतिहासिक रैलियों का आयोजन भी रामलीला मैदान में ही किया गया था.

आम आदमी पार्टी ने आंदोलन के दौरान सहयोगी रही पूर्व आईपीएस अधिकारी किरण बेदी, गाँधीवादी अन्ना हज़ारे और संतोष हेगड़े को शपथग्रहण समारोह में शामिल होने का न्योता भिजवाया था.

किरण बेदी और अन्ना हज़ारे ने शपथग्रहण में शामिल न होने के संकेत दिए थे जबकि संतोष हेगड़े ने दिल्ली का सीएम बनने जा रहे केजरीवाल को शुभकामनाएं दी हैं.

केजरीवाल के शपथग्रहण समारोह के लिए रामलीला मैदान को पूरी तरह तैयार किया गया था.

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