आप के नेताओं का कहना है कि जनसभा में हज़ारों लोग शामिल होंगे.

राजनीतिक विश्लेषक मोदी और केजरीवाल की टक्कर को एक 'ऐतिहासिक मुक़ाबले' के रूप में देख रहे हैं.

उत्तर प्रदेश के बारे में राजनीतिक कहावत है कि दिल्ली का रास्ता यूपी से होकर जाता है. दिल्ली की सत्ता में आने का सपना देखने वाली किसी भी पार्टी के लिए उत्तर प्रदेश में जीत हासिल करना बेहद अहम माना जाता है क्योंकि यहां से सबसे ज़्यादा 80 सांसद चुनकर आते हैं.

अब हिंदुओं का यह पवित्र शहर राजनीतिक रूप से अहम इस प्रदेश में चुनावी दंगल का नया अखाड़ा बन गया है.

16वें लोकसभा चुनाव सात अप्रैल से 12 मई तक नौ चरणों में संपन्न होंगे. वाराणसी में 12 मई को मतदान होना है.

मुस्लिम मतदाताओं से उम्मीद

आप के प्रवक्ता संजीव सिंह ने बीबीसी से कहा, "अरविंद केजरीवाल सुबह की ट्रेन से वाराणसी पहुंच चुके हैं."

वाराणसीः चुनावी दंगल में एक तीर से दो निशाने

उन्होंने बताया कि अपना चुनाव अभियान शुरू करने से पहले केजरीवाल पवित्र गंगा नदी में स्नान करेंगे और फिर प्रसिद्ध काशी विश्वनाथ मंदिर में भगवान शिव के दर्शन करेंगे.

केजरीवाल के वाराणसी से चुनाव लड़ने की संभावनाओं की चर्चा गली-मोहल्लों में गर्म है.

आप को उम्मीद है कि उसे वाराणसी की बड़ी मुस्लिम आबादी का समर्थन मिलेगा, लेकिन पार्टी का भाजपा के साथ कड़ा मुक़ाबला होना तय माना जा रहा है.

पिछले चार लोकसभा चुनावों में भाजपा का प्रत्याशी वाराणसी से जीता है.

कड़ी मेहनत

भाजपा की राज्य इकाई इस बार मोदी की जीत सुनिश्चित करने के लिए कड़ी मेहनत कर रही है.

हालांकि मोदी की पहचान ऐसे नेता की रही है, जो ध्रुवीकरण करता है, पर गुजरात के विकास ने यहां के मतदाताओं का ध्यान आकर्षित किया है.

वाराणसीः चुनावी दंगल में एक तीर से दो निशाने

प्रसिद्ध काशी चाट भंडार के मालिक राकेश केसरी कहते हैं, "अगर मोदी वाराणसी आते हैं तो यहां विकास होगा."

इस शहर में लोगों को 12 घंटे बिजली मिलती है, शहर में हर तरफ़ खुले नालों में गंदगी नज़र आती है, सड़कें ट्रैफ़िक जाम में फंसी नज़र आती हैं और गंगा नदी में बढ़ता प्रदूषण लोगों की चिंता का मुख्य कारण है.

केसरी कहते हैं, "अगर मोदी यहां से जीतते हैं तो बिजली सड़क और पानी की स्थिति बेहतर होगी."

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