श्रद्धालु पागल हो रहे थे

टॉफियां बांटने का अंदाज भी कुछ ऐसा कि श्रद्धालु पागल हो रहे थे। जी हां, स्पेशल पटरी पर चल रही उनकी ट्रेन पर शाशे से घिरा आसन, उसमें एक छोटी सी मशीन, पास में एक डब्बे में भरी थी टॉफियां। बापू डब्बे से टॉफियां निकालते और उस मशीन में डाल देते। वह मशीन दूर-दूर तक टॉफी फेंकती और लोग उसे लूटते रहते।  

टॉफी थी खास

लोगों के बीच बांटी जाने वाली टॉफी भी कुछ खास थी। जब इसके बारे में जानकारी ली गई, तो पता चला कि यह तुलसी की बनी है। कुछ खास तरह की औषधियों से बनी इस टॉफी से गैस, कब्ज और कफ में राहत मिलती है। ऐसी प्रॉब्लम झेल रहे लोगों के लिए यह रामवाण है।

मेहनती हैं बिहारी

आसाराम जी ने बिहारियों को मेहनती बताया। एक नेता द्वारा पूर्व में दिए गए बयान जिसमें उन्होंने कहा था कि अधिकतर बिहारी भीखमंगे होते हैं। इस पर बापू ने कहा कि बिहारी सुबह पांच बजे से मेहनत करता है और अपने बूते सफल होता है। यही नहीं, बिहारी अपनी मेहनत के बल पर दूसरे स्टेट में होम मिनिस्टर भी बन जाता है।

साढ़े चार साल से लगे हैं विरोधी

आसाराम जी व उनसे जुड़ी कई चीजों को लेकर कई बार विवाद खड़ा हो चुका है। ऐसे में गांधी मैदान में इस बात को लेकर भी सफाई दी गई। आसाराम जी के सेन्ट्रल मीडिया प्रभारी डॉ सुनील वानखड़े का कहना था कि विदेशी ताकतें साढ़े चार से पीछे लगी हैं। यह एक अन्तर्राष्ट्रीय साजिश है। कई तरह के आरोप लगे, पर गुजरात हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने उसे खारिज कर दिया। आखिरकार सच्चाई की जीत हुई।

गांधी मैदान की मिट्टी बन गया चंदन

गांधी मैदान में बाबा की भक्ति की ट्रेन चली। रिमझिम बारिश में भी गांधी मैदान में भारी भीड़ थी। जिस रास्ते से बाबा की ट्रेन गुजर रही थी, लोग वहां की मिट्टी को उठाकर चंदन लगा लेते थे। हालांकि बारिश के कारण पानी लग गया था, पर लोगों को इससे कोई फर्क नहीं पड़ रहा था।

आसाराम के विरोध में उतरीं महिलाएं

दिल्ली गैंगरेप की विक्टिम दामिनी के बारे में आसाराम बापू द्वारा दिए गए बयान के विरोध में शनिवार को महिलाएं सड़क पर उतर गईं। एक महीना पहले दिए इस बयान को लेकर आक्रोशित महिलाओं ने उनके पटना से वापस जाने के नारे लगाए। उनकी तस्वीर में कालिख तक पोत दी। महिलाओं ने उन्हें बलात्कारियों का पोषक बताया। प्रदर्शन में शामिल ऐपवा, आइसा सहित कई संगठनों की महिलाओं का कहना था कि आसाराम जी के बयान से रेपिस्टों का मनोबल बढ़ा। जसम हिरावल की समता ने बताया कि आसाराम ने कहा था कि ताली एक हाथ से नहीं बजती, लड़की को उन लड़कों के सामने गिड़गिड़ाना चाहिए था। उसे भईया कहती, पैरों पर गिर जाती तो शायद बच जाती। समता ने कहा कि यह बयान कहीं से भी उचित नहीं था। महिलाओं की यह विरोध मार्च रेडियो स्टेशन से कारगिल चौक तक गया।