-सरकारी विभागों को रजिस्टर प्रणाली से आजादी दिलाने का है फरमान
-लेकिन कई विभाग ई-ऑफिस को लेकर गंभीर नहीं
-कहीं कम्प्यूटर नहीं तो कहीं इंटरनेट कनेक्शन तक नहीं
-सिगरा स्टेडियम में टाइपराइटर व रजिस्टर के सहारे ही हो रहा है काम
शासन ने 15 अगस्त से करीब 180 सरकारी विभागों को रजिस्टर प्रणाली से आजादी दिलाने का फरमान जारी किया है। अब तक कागज और रजिस्टर पर काम कर रहे विभागों में ई-ऑफिस सिस्टम से काम कराने के लिए पिछले कई दिनों से तैयारियां चल रही हैं। लेकिन हकीकत इससे इतर है। सिटी में अभी भी ऐसे कई विभाग हैं, जो ई-ऑफिस को लेकर गंभीर नहीं हैं। सबसे खराब हालत खेल विभाग और महिला अस्पताल की है। इन ऑफिसेज में आज भी बेहद पुराने तौर तरीके से ही काम हो रहा है। ऐसे में सरकार का ई-ऑफिस को लेकर की गई परिकल्पना कब और कैसे साकार होगी? फिलहाल इसको लेकर तो संशय ही दिख रहा है।
नहीं मिला कम्प्यूटर
सिगरा स्थित डॉ। संपूर्णानंद स्टेडियम में जब ई-ऑफिस को लेकर पड़ताल की गई तो वहां इंटरनेट तो दूर कंप्यूटर तक उपलब्ध नहीं दिखा। यहां टाइपराइटर पर ही काम हो रहा है। यही नहीं खेल संबंधी होने वाले सभी कामकाज का ब्यौरा रजिस्टर पर ही दर्ज किया जा रहा है। कर्मचारियों का कहना है कि कंप्यूटर के लिए मुख्यालय में कई बार प्रपोजल भेजा गया, लेकिन कंप्यूटर आज तक नहीं मिला।
महिला अस्पताल में भी रजिस्टर
कबीरचौरा स्थित राजकीय महिला अस्पताल में भी रजिस्टर पर ही सारा कामकाज किया जा रहा है। स्टाफ का कहना है कि स्वास्थ्य विभाग की ओर से यहां अभी इस तरह की कोई व्यवस्था नहीं की गई है। यहां गर्भवती महिला की डिलिवरी से लेकर मरीज के इलाज तक की सारी डिटेल रजिस्टर पर ही दर्ज की जा रही है। ऐसा तब है जबकि सरकार प्रदेशभर के हॉस्पिटल को ई-हॉस्पिटल बनाने की दिशा में कार्य कर रही है। यहां के एसआईसी ऑफिस में इंटरनेट तक की व्यवस्था नहीं है।
कागज से आजादी का फायदा
ई-ऑफिस सिस्टम हो जाने पर विभागों को फाइलों के अंबार से आजादी मिलेगी और इससे किसी भी काम की लंबी प्रक्रिया से छुटकारा मिलेगा। अधिकारियों का कहना है कि पेपरलेस व्यवस्था के संचालन के लिए कम्प्यूटर, प्रिंटर और अन्य संसाधन की खरीद जारी है। इसके बाद यहां एक विशेष सॉफ्टवेयर के जरिए सरकारी कामकाज कराया जाएगा।
क्या होना है
ई-ऑफिस शुरू होने पर हर विभाग से जुड़ी सरकारी योजनाओं की फाइलें और शिकायतों की सुनवाई या पत्राचार ऑनलाइन ही होंगे। पत्रों को स्कैन कर अपलोड करने के बाद फाइल नंबर डालकर एक से दूसरे टेबल या फिर संबंधित अधिकारी को भेजा जाएगा। इस पर अधिकारी अपनी टिप्पणी लिख डिजिटल हस्ताक्षर करेंगे। इस सिस्टम से जहां सरकारी कार्यो में पारदर्शिता आएगी। वहीं छुट्टी पर रहने के दौरान भी अधिकारी जहां हैं वहीं से ई-ऑफिस आईडी खोलकर फाइल को देखने के साथ आगे बढ़ा सकेंगे।
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ई-ऑफिस के डेवलप करने की दिशा में काम हो रहा है। एनआईसी को चार कंप्यूटर, चार प्रिंटर व इंटरनेट की व्यवस्था का प्रपोजल भेजा गया है।
एसएस मिश्रा, आरएसओ, संपूर्णानंद स्पोर्ट्स स्टेडियम
शहर के तीन सरकारी हॉस्पिटल में तो यह व्यवस्था शुरू हो गई है। लेकिन यहां इस व्यवस्था को लेकर कोई चर्चा नहीं की गई है। स्वास्थ्य विभाग के निर्देश के बाद ही कुछ किया जाएगा।
आरपी कुशवाहा, एसआईसी, राजकीय महिला चिकित्सालय